वाहन उद्योग जगत ने बैटरी से चलने वाले वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटा कर पांच प्रतिशत किये जाने का स्वागत किया है। उद्योग जगत ने कहा कि यह देश में ऐसी पारिस्थितिकी तैयार करने में मदद करेगा जो आवागमन के पर्यावरण-अनुकूल साधनों को अधिक तेजी से अपनाये जाने को प्रोत्साहित करेगा।
इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं, विशेषकर इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माताओं ने इसे सरकार का एक और साहसिक कदम बताते हुए सरकार से स्पेयर बैटरी पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से नीचे लाने की मांग की है।
हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एस.किम ने एक बयान में कहा, ‘‘हम इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत तथा चार्जरों पर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने के जीएसटी परिषद के ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करते हैं। यह ऐसी पारिस्थितिकी तैयार करने में मदद करेगा जो हमारे समाज में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाये जाने को प्रोत्साहित करेगी।’’
महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक वाहनों की मदद के लिये भारत सरकार का एक और कड़ा कदम। जीएसटी दरें कम होते जाने से तीन वाट और चार वाट के लिये वित्तीय वहनीयता सकारात्मक हो गयी है।’’
इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के मंच ‘सोसाइटी आफ मैन्यूफैक्चरर्स आफ इलेक्टि्क वीकल्स (एसएमईवी)’ ने भी इसकी सराहना की। एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि जीएसटी कम होने से बैटरी और पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले वाहनों के दामों में अंतर घटेगा तथा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपेक्षाकृत तेजी से अपनाएंगे।
उन्होंने कहा कि, ‘‘पिछले कुछ समय से सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहित करने का इरादा साफ साफ दिखाना शुरू किया है। जीएसटी में यह कमी सरकार की ओर से इस दिशा में उठाया गया एक कदम है।’’
उन्होंने कहा कि हम जीएसटी में सात प्रतिशत की कमी का स्वागत करते हैं। इससे विद्युत चालित और पिस्टन सिलेंडर वाले पेट्रोलियम ईंधन चालित वाहनों के बीच का अंतर कम होगा। उन्होंने कहा कि फेम-2 नीति से निराशा हुई थी पर शुल्क में कमी का यह कदम ‘‘राष्ट्रीय विद्युत वाहन नीति का एक उल्लेखनीय बिंदु है।’’
उन्होंने कहा कि स्पेयर बैटरी पर भी शुल्क घटाया जाना चाहिए जो इस समय 18 प्रतिशत है।
लोहिया आटो इंडस्ट्रीज के सीईओ आयुष लोहिया ने कहा कि कर में कमी की मांग लम्बे समय से थी। इसके पूरा होने से इसके निर्माण के क्षेत्र में निवेश आकर्षित होगा।
आडी इंडिया के प्रमुख राहिल अंसारी ने कहा इस निर्णय से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि आडी भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कार आइडी ई-ट्रान इस वर्ष के अंत में लाने की योजना बना रही है।
पर उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पूरे वाहन उद्योग की मदद के उपाय भी करने की जरूरत है।
एथर एनर्जी के सीईओ और संस्थापक तरुण मेहता ने कहा कि जीएसटी कम होने से हर इलेक्ट्रिक वाहन की लागत में आठ से दस हजार रूपये की कमी आएगी।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने शनिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया। यह फैसला एक अगस्त से प्रभावी होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
अधिकार प्राप्त जीएसटी परिषद की बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।
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