बजट को लेकर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कई नई परंपराओं की शुरुआत की गई थी और अब दूसरे कार्यकाल के पहले ही बजट में नई परंपरा की शुरुआत की गई है।
पूर्व की परंपरा को छोड़ते हुए देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को केंद्रीय बजट के दस्तावेज एक लाल बैग में लेकर पहुंचीं। यह परंपरागत ‘बही-खाते’ की याद दिला रहा था।
इससे पहले विभिन्न सरकारों में सभी वित्त मंत्री बजट पेश करने के लिए बजट दस्तावेज ब्रीफकेस में लेकर जाते रहे हैं, जिसे औपनिवेशिक अतीत की याद दिलाता था। सीतारमण 2019-20 का पूर्ण बजट पेश रही हैं।
वह बजट दस्तावेज लाल रंग के बैग में लेकर पहुंचीं जिसपर राष्ट्रीय चिह्न बना हुआ था।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी शाम पांच बजे बजट पेश करने की अतीत की परंपरा को बदला था।
उसके बाद से सभी सरकारों में बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता रहा है। परंपरागत भारतीय व्यापारी अपना हिसाब-किताब बही खाता में रखते हैं।
पूर्व की परंपरा को छोड़ते हुए देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को केंद्रीय बजट के दस्तावेज एक लाल बैग में लेकर पहुंचीं। यह परंपरागत ‘बही-खाते’ की याद दिला रहा था।
इससे पहले विभिन्न सरकारों में सभी वित्त मंत्री बजट पेश करने के लिए बजट दस्तावेज ब्रीफकेस में लेकर जाते रहे हैं, जिसे औपनिवेशिक अतीत की याद दिलाता था। सीतारमण 2019-20 का पूर्ण बजट पेश रही हैं।
वह बजट दस्तावेज लाल रंग के बैग में लेकर पहुंचीं जिसपर राष्ट्रीय चिह्न बना हुआ था।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी शाम पांच बजे बजट पेश करने की अतीत की परंपरा को बदला था।
उसके बाद से सभी सरकारों में बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता रहा है। परंपरागत भारतीय व्यापारी अपना हिसाब-किताब बही खाता में रखते हैं।
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने फोल्डर में बजट ले जाने पर कहा कि यह भारतीय परंपरा है। यह पश्चिमी मानसिकता की गुलामी से बाहर आने का प्रतीक है। इसे आप बजट नहीं बल्कि बही खाता कह सकते हैं।
निर्मला सीतारमण का यह पहला बजट है। 49 साल बाद किसी महिला वित्त मंत्री ने बजट पेश किया। निर्मला से पहले 1970 में इंदिरा गांधी ने बजट पेश किया था।
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