वित्त मंत्री की वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजारों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक, अलग बांड एक्‍सचेंज बनाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्‍ली में वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजारों के हितधारकों के साथ अपनी तीसरी बजट पूर्व परामर्श बैठक की।
बैठक के दौरान विचार-विमर्श के मुख्‍य विषयों में पूंजी बाजारों, वित्तीय क्षेत्र, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) इत्‍यादि से संबंधि‍त मुद्दे शामिल थे।
वित्त मंत्री के साथ-साथ बैठक में वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्‍य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचिव श्री सुभाष सी. गर्ग, व्‍यय सचिव श्री गिरीश चन्‍द्र मुर्मू, राजस्‍व सचिव श्री अजय नारायण पांडेय, सचिव (डीएफएस) श्री राजीव कुमार, सचिव (डीआईपीएएम) श्री अतानु चक्रबर्ती, सीबीडीटी के अध्‍यक्ष श्री प्रमोद चन्‍द्र मोदी, सीबीआईसी के अध्‍यक्ष श्री पी. के. दास, मुख्‍य आर्थिक सलाहकार डॉ. के. बी. सुब्रमण्‍यन और वित्त मंत्रालय के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
भारत के बाजारों को नई गति प्रदान करने के लिए वित्तीय क्षेत्र (सेक्‍टर) और पूंजी बाजारों के प्रतिनिधियों ने आला/क्षेत्रीय बैंकों को नई पूंजी देने, वित्तीय क्षेत्र विकास परिषद की बढ़ी हुई भूमिका और एनबीएफसी सेक्‍टर से संबंधित कई सुझाव दिए। इस दौरान एनबीएफसी सेक्‍टर के लिए समर्पित लिक्विडिटी प्रकोष्‍ठ (विंडो) के सृजन के साथ-साथ दिवाला, गवर्नेंस एवं तरलता (लिक्‍वि‍डिटी) से जुड़े मुद्दों के बीच अंतर करने की जरूरत का उल्‍लेख किया गया। इसी तरह सरकार की अल्‍प बचत योजनाओं पर ब्‍याज दरों की समीक्षा करने, एक समिति के गठन के जरिए बैंकिंग एनपीए प्रावधानों की समीक्षा करने, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों एवं वित्त पोषण का विस्‍तार करने, कृषि विपणन को प्रोत्‍साहित करने, डेट एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड बनाने, ऑडिट एवं क्रेडिट रेटिंग में घरेलू क्षमता का निर्माण करने, एमएसएमई सेक्‍टर के लिए व्‍यापार लाइसेंस को ऑनलाइन उपलब्‍ध कराने, दिवाला से जुड़े मामलों के कारण बने तरलता दबाव को घटाने के लिए प्रावधान करने, पूंजी बाजार में विभिन्‍न करों जैसे कि प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) को तर्कसंगत बनाने, एक अलग बांड एक्‍सचेंज बनाने, व्‍यापार बाजार में पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को ‘इन्विट’ में निवेश करने की अनुमति देने, एमएसएमई सेक्‍टर को प्रोत्‍साहित करने के लिए कॉरपोरेट टैक्‍स को प्रगतिशील बनाने इत्‍यादि के बारे में भी सुझाव दिए गए।
बैठक में वित्तीय सेक्‍टर और पूंजी बाजारों के जिन हितधारकों ने भाग लिया उनमें भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्‍टी गवर्नर श्री एन. एस. विश्‍वनाथन, भारतीय स्‍टेट बैंक के चेयरमैन श्री रजनीश कुमार, पीएनबी के चेयरमैन एवं भारतीय बैंक संघ के अध्‍यक्ष श्री सुनील मेहता और  एलआईसी के प्रबंध निदेशक श्री टी. सी. सुशील कुमार प्रमुख थे।
(साभार: pib.nic.in)
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