भारत और म्यामां के संबंधों को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाने की जरूरत है। इनमें एक - दूसरे की शैक्षणिक डिग्रियों को मान्यता देना , पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वीजा शुल्क में कटौती और बाधारहित व्यापार सुविधा के लिए मोटर वाहन अधिनियम शामिल हैं। अधिकारियों और विशेषज्ञों ने यह बात कही।
हाल ही में मणिपुर की राजधानी इंफाल में हुए सम्मेलन के दौरान प्रतिभागियों ने बेहतर हवाई सफर , म्यामां में किसानों को दाल और सुपारी उगाने में मदद करने के लिए मौजूदा आयात तंत्र में आमूल - चूल परिवर्तन की आवश्यकता पर भी सहमति जताई है।
इस सम्मेलन में मैग्वे क्षेत्र के मुख्यमंत्री डॉक्टर आंग मो न्यो , दोनों देशों के राजदूत समेत उच्च - स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने शिरकत की।
मुख्यमंत्री मो न्यो ने जोर दिया कि भारत और म्यामां को शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सहयोग की संभावना तलाशने की जरूरत है।
उन्होंने पीटीआई - भाषा को बताया , " भारत में चिकित्सा सेवाएं थाईलैंड और सिंगापुर जैसे अन्य देशों की तुलना में बहुत सस्ती हैं। दोनों देशों को स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग करने और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। "
इंडिया फाउंडेशन की वरिष्ठ रिसर्च फेलो सृष्टि पुखरम ने कहा कि प्रतिभागियों ने संबंधों को मजबूत बनाने की सहमति व्यक्त की।
उन्होंने कहा , " दोनों देशों ने शैक्षणिक सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए पारस्परिक रूप से काम करने का फैसला किया है। जिसमें एक - दूसरी की शैक्षणिक डिग्री को मान्यता देना शामिल होना चाहिए।
(साभार: पीटीआई भाषा)(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
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