सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के एकीकरण के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। सरकार की योजना सभी सरकारी साधारण बीमा कंपनियों का न्यू इंडिया एश्योरेंस में विलय करने की है। इसका मकसद एक अधिक मूल्य की परिसंपत्ति वाली कंपनी बनाना है।
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाला निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है। इसमें नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी बेचने का विकल्प भी शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार विचार यह है कि सरकारी साधारण बीमा कंपनियों में सार्वजनिक हिस्सेदारी को तेजी से बेचा जाए। यह पिछले दो साल से लंबित है।
इसके अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार विमर्श चल रहा है। इसमें ऐसे नए शेयर जारी करना जिन्हें न्यू इंडिया एश्योरेंस खरीदे या उसे सीधे शेयरों की बिक्री करने के विकल्प भी शामिल हैं। एक अन्य विकल्प चारों कंपनियों का विलय कर भारतीय जीवन बीमा निगम की तरह एक बड़ी कंपनी बनाने का भी है। एक बार विलय हो जाने के बाद सरकार इसमें हिस्सेदारी की बिक्री करे।
सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया के लिए ईएंडवाई को सलाहकार नियुक्त किया है।
सरकारी साधारण बीमा कंपनियों का एकीकरण करना सरकार की विनिवेश रणनीति का हिस्सा है।
वर्ष 2017 में सरकार ने न्यू इंडिया एश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन आफ इंडिया को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराया था और इस बिक्री से सरकारी खजाने में धन आया था।
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने 90,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य तय किया है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 85,045 करोड़ रुपये था।
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
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