प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने ओपीजी सिक्योरिटीज को छह माह के लिए प्रतिबंधित करने के एनएसई के 2017 के निर्णय को निरस्त कर दिया है और इस मामले में एक्सचेंज को नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने पाया कि शेयर ब्रोकर ओपीजी सिक्योरिटीज बिना किसी वाजिब कारण के प्राथमिक सर्वर की बजाय द्वितीयक सर्वर का इस्तेमाल कर रही थी। शेयर बाजार ने सितंबर, 2017 में शेयर ब्रोकर को छह माह के लिए निलंबित कर दिया था।
सैट के आदेश में कहा गया है कि एनएसई ने 2009 में एक से अधिक सर्वर की शुरुआत की थी और ओपीजी ने उससे जुड़ी सेवाएं ली थी।
सैट के आदेश में कहा गया है कि पहले सर्वर के काम नहीं करने की स्थिति में दूसरे सर्वर के इस्तेमाल की अनुमति थी और एनएसई इस बाबत दिशा-निर्देश जारी कर चुकी थी।
डिलॉयट टच तोहमात्सु एलएलपी ने इस मामले की फॉरेंसिक जांच की। जांच रिपोर्ट ओपीजी के खिलाफ रही, जिसके बाद शेयर बाजार ने सितंबर, 2017 में आदेश पारित किया।
आदेश में कहा गया है कि ईवाई एलएलपी ने भी मामले की फॉरेंसिक जांच की जिसे ओपीजी ने प्रस्तुत किया है। ओपीजी ने तर्क दिया है कि ईवाई एलएलपी की रपट एक अलग तस्वीर पेश करती है।
सैट ने बुधवार के अपने आदेश में कहा है, 'एक और फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आने के बाद यह न्यायपूर्ण होगा कि विवादित मुद्दे को निरस्त कर दिया जाए और मामले को संबंधित शेयर बाजार को पुनर्विचार के लिए भेजा जाए।'
इसके अलावा सैट ने एनएसई को नया आदेश पारित करने के लिए छह सप्ताह का समय भी दिया है। साथ ही ओपीजी सिक्योरिटीज का पक्ष सुनने को भी कहा है।
(साभार: पीटीआई भाषा)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
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