वाणिज्य मंत्रालय निर्यातकों को केन्द्र और राज्यस्तरीय कर तथा शुल्कों का तेजी से रिफंड सुनिश्चित करने के लिये एक प्रमुख निर्यात संवर्धन योजना पर विचार कर रहा है। इसका लक्ष्य व्यापार के मोर्चे पर वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए निर्यात कारोबार को बढ़ाना है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
यह प्रस्ताव मंत्रालय द्वारा नयी सरकार के लिये तैयार 100 दिवसीय कार्य योजना का हिस्सा है। नयी सरकार 30 मई को शपथ लेने वाली है।
अधिकारी ने कहा कि एक नयी निर्यात संवर्धन योजना की आवश्यकता है क्योंकि मौजूदा भारत वस्तु निर्यात योजना का विश्व व्यापार संगठन में अमेरिका विरोध कर रहा है। अमेरिका का कहना है कि यह योजना वैश्विक व्यापार प्रावधानों के अनुकूल नहीं है।
नयी योजना का नाम केंद्रीय एवं राज्य कर एवं शुल्क योजना हो सकता है।
प्रस्ताव के अनुसार, नयी योजना निर्यातकों द्वारा कच्चे माल तथा अन्य इनपुट पर लगने वाले कर एवं शुल्कों की वापसी सुनिश्चित करेगी जिनके ऊपर छूट नहीं मिलती है।
मंत्रालय ने निर्यात बढ़ाने के लिये उत्पादन आधारित समर्थन की एक योजना का भी प्रस्ताव दिया है जो विश्व व्यापार संगठन के प्रावधानों के अनुकूल है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘उत्पादन आधारित सरकारी सहायता की योजना का प्रस्ताव देने के लिये हम सभी संबंधित पक्षों से परामर्श कर रहे हैं। हम जल्दी ही इस योजना की रूपरेखा तैयार कर लेंगे।’’
(साभार: पीटीआई भाषा)
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