वित्त मंत्रालय ने सरकार की 656 करोड़ रुपये की पूंजी के बदले एएआई को शेयर जारी करने को कहा


वित्त मंत्रालय ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) से सरकार से ली गयी 656 करोड़ रुपये की पूंजी के एवज में शेयर जारी करने को कहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सरकार के 100 प्रतिशत स्वामित्व वाले सांविधिक निकाय का गठन संसद के कानून के तहत एक अप्रैल, 1995 को पूर्ववर्ती राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण तथा भारतीय अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण का विलय कर किया गया था। 

तथ्य यह है कि एएआई ने सरकार की तरफ से डाली गयी पूंजी के एवज में कोई इक्विटी शेयर जारी नहीं किया। पिछले साल वित्त मंत्रालय में लाभ कमाने वाले सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा शेयर पुनर्खरीद पर चर्चा हुई थी। 

उसके बाद एएआई के निगमीकरण के लिये वित्त मंत्रालय, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय तथा नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बैठक हुई और पूंजी दिये जाने को लेकर शेयर जारी करने के बारे में कानूनी राय ली गयी।

सूत्रों ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘वित्त मंत्रालय ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को पत्र लिखकर 656.56 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी के एवज में शेयर जारी करने को कहा है।’’ 

शेयर पूंजी जारी करने के साथ एएआई कंपनी कानून के तहत कंपनी बन जाएगी और शेयर के निवेश, शेयर पुनर्खरीद या शेयर बाजारों में सूचीबद्धता के लिये जा सकती है। 

सूत्रों के अनुसार एएआई का निगमीकरण का काम अब नई सरकार करेगी। नई सरकार इस माह के अंत में सत्ता संभाल लेगी।

पिछले वित्त वर्ष में एएआई ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिये पूरा कर बाद लाभ (पीएटी) 2,800 करोड़ रुपये सरकार को लाभांश के रूप में दिया।

इससे पहले, वह सरकार को लाभांश के रूप में केवल 30 प्रतिशत ही हस्तांतरित करता था।

वित्त मंत्रालय की पूंजी पुनर्गठन नीति के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सरकार को अधिकतम लाभांश देना है। इसीलिए पिछले वित्त वर्ष में एएआई को 2017-18 का अपना पूरा लाभ बतौर लाभांश देने को कहा था।

(साभार: पीटीआई भाषा)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


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