भारत 2022 तक 54.7 गीगावॉट की पवन ऊर्जा क्षमता हासिल कर पाएगा, जबकि सरकार ने इसके लिए 60 गीगावॉट का लक्ष्य रखा है। फिच सॉल्यूशन्स मैक्रो रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
भारत सरकार ने 2022 तक 175 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया था। इसमें सौर ऊर्जा से 100 गीगावॉट, पवन ऊर्जा से 60 गीगावॉट, जैव-ऊर्जा से 10 गीगावॉट एवं छोटी जल-विद्युत परियोजनाओं के जरिये पांच गीगावॉट के ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है।
फिच समूह की इकाई फिच सॉल्यूशन्स मैक्रो रिसर्च ने देश के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के परिदृश्य के बारे में कहा है, 'हम पवन ऊर्जा क्षेत्र के 2022 के भारत के लक्ष्य को लेकर सशंकित हैं क्योंकि भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दे और ग्रिड से संबंधित अड़चनों की वजह से इस क्षेत्र में परियोजनाओं को लागू करने में देरी होगी...हमारा अनुमान है कि सरकार के 60 गीगावॉट के लक्ष्य की तुलना में भारत 54.7 गीगावॉट की क्षमता हासिल कर लेगा।'
(साभार: पीटीआई भाषा)
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