घरेलू आईपीओ (Initial Public Offering-आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) बाजार ठंडा पड़ता दिख रहा है। वित्त वर्ष 2018-19 यानी 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में आईपीओ और उसके जरिये जुटाई गई रकम में गिरावट कम से कम तो इसी तरफ इशारा कर रही है। वित्त वर्ष 2018-19 में वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले
82 % की कमी आई है।
जानकारों के मुताबिक, शेयर बाजारों के भारी उतार-चढ़ाव ने आईपीओ मार्केट पर असर डाला है। हालांकि, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स ने करीब 17 प्रतिशत का रिटर्न दिया है जो कि पिछले चार वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा है।
>IPO बाजार में सुस्ती :
वित्त वर्ष आईपीओ की संख्या आईपीओ से मिली रकम (₹ करोड़) सालाना %बदलाव
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
2014-15 8 2770 201
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
2015-16 24 14500 423
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
2016-17 25 28225 95
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
2017-18 45 81553 189
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
2018-19 14 14674 -82
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
(स्रोत-प्राइम डेटाबेस)
वित्त वर्ष 2018-19 में नौ कंपनियां आईपीओ के जरिये ₹ 6495 करोड़ जुटाने वाली थीं, लेकिन सभी तरह की मंजूरी मिलने के बावजूद उन कंपनियों ने अपने आईपीओ लांच नहीं की।
>वित्त वर्ष 2019-20 में कैसा रहेगा IPO मार्केट:
जानकारों का कहना है कि वित्त वर्ष 2019-20 में आईपीओ मार्केट बहुत कुछ चुनाव नतीजों पर निर्भर करेगा। अगर किसी पार्टी या गठबंधन को पूर्ण बहुमत नहीं मिलती है तो कंपनियां आईपीओ लाने से हिचकेंगी, लेकिन अगर किसी पार्टी या गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलती है और स्थिर सरकार बनती है तो आईपीओ बाजार में फिर से रौनक आ सकती है।
अभी की बात करें तो 62 कंपनियों को आईपीओ लाने के लिए सभी रेगुलेटरी मंजूरी मिली हुई है। इन आईपीओ के जरिये ₹ 63,000 करोड़ जुटाने की योजना है। इसके अलावा, 8 और कंपनियों की आईपीओ की मंजूरी के लिए अर्जी दी हुई है।
कोई टिप्पणी नहीं