भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर उच्च दर से आयात शुल्क लगाने की समयसीमा फिर बढ़ायी


सरकार ने बादाम, अखरोट और दलहन जैसे 29 अमेरिकी उत्पादों पर बदले की कार्रवाई के तहत उच्च दर से आयात शुल्क लगाने की समयसीमा एक बार फिर दो मई तक के लिये बढ़ा दी है। 

वित्त मंत्रालय की अधिसचूना के अनुसार अमेरिका से आयातित कुछ विशेष वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ाने का निर्णय दो मई 2019 तक के लिये टाल दिया गया है। इससे पहले, एक अप्रैल तक के लिये इस निर्णय को टाला गया था।

सरकार ने जून 2018 में अमेरिका के कुछ इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर उच्च दर से सीमा शुल्क लगाने के निर्णय के बाद अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर उच्च दर से शुल्क लगाने का निर्णय किया था। लेकिन तब से लेकर अबतक इसके क्रियान्वयन की समयसीमा करीब छह बार बढ़ायी जा चुकी है।

चूंकि दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने को लेकर व्यापार पैकेज पर बातचीत कर रहे हैं, अत: भारत ने यह कदम उठाया है। लेकिन इसी महीने अमेरिका ने सामान्य तरजीही प्रणाली (जीएसपी) के जरिये कुछ वस्तुओं पर दिये जा रहे निर्यात प्रोत्साहन को वापस लेने का फैसला किया। 

दोनों देशों के बीच जारी बातचीत में इन लाभों का विस्तार समेत अन्य मुद्दे शामिल हैं। इन प्रोत्साहनों को दो मई से वापस लिये जाने की संभावना है। अमेरिका के इस निर्णय से निर्यातक थोड़े चिंतित हैं क्योंकि 5.6 अरब डालर मूल्य का निर्यात जीएसपी कार्यक्रम के अंतर्गत आता है। रसायन और इंजीनयरिंग समेत करीब 1,900 जिंस इस छूट का लाभ उठाते हैं।

सरकार अगले महीने एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका भेजने पर विचार कर रहा है ताकि सभी व्यापार संबंधित मुद्दों का समाधान तलाशने के उपायों पर बातचीत हो सके।

दोनों देश अल्पकाल और मध्यम अवधि में व्यापार बढ़ाने तथा व्यापार क्षमता चिन्हित करने के लिये बातचीत कर रहे हैं। 


(साभार-पीटीआई भाषा)
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