कृत्रिम मेधा की देखरेख करने वाले सिद्धांतों की जरूरत: सत्य नडेला

माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख सत्य नडेला का कहना है कि हमें कृत्रिम मेधा को शासित करने वाले सिद्धांतों की जरूरत है। साथ ही उन्होंने निजता को मानवाधिकार के तौर पर माने जाने की भी वकालत की।

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की यहां चल रही सालाना बैठक में बृहस्पतिवार को नडेला ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव के बीच इसके वैश्विक नियमों को लेकर हमें ‘कड़ाई के साथ चर्चा’ करने की जरूरत है।

नडेला ने कहा, ‘‘दुनिया एक प्रौद्योगिकी क्षेत्र है। खुदरा और स्वास्थ्य क्षेत्र की हर कंपनी डाटा के बारे में सोचती है। हमें निजता को मानवाधिकार के तौर पर देखना चाहिए।’’ 

भारतीय मूल के नडेला डब्ल्यूईएफ की यहां चल रही वार्षिक बैठक 2019 के सह-अध्यक्ष में से एक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें मूल सिद्धांत से शुरू करना होगा कि डाटा का उपयोगकर्ता ही उसका मालिक है। सिर्फ प्रौद्योगिकी क्षेत्र को ही नहीं, सारी अर्थव्यवस्था को इस बात को गांठ बांध लेनी चाहिए।’’ 

चेहरा पहचानने की तकनीक पर नडेला ने कहा कि उनके पास इस प्रौद्योगिकी के 10 ऐसे उपयोग हैं जो जीवन को बेहतर बना सकते हैं वहीं 10 ऐसे उपयोग भी हैं जो चिंता पैदा करते हैं।

उन्होंने कहा कि इसलिए माइक्रोसॉफ्ट प्रौद्योगिकी के उपयुक्त उपयोग के साथ सिद्धांतों को भी रख रहा है। लेकिन केवल स्व-नियमन से काम नहीं चलने वाला, ऐसे में हम नियमन का स्वागत करते हैं जो इस दौड़ में हमें धराशायी करने से रोके।

आम डेटा सुरक्षा नियमन (जीडीपीआर) पर नडेला ने कहा, ‘‘ मेरे खुद के विचार में एक अच्छी शुरुआत है जहां निजता को मानवाधिकार मानने की शुरूआत हो रही है। मैं आशा करता हूं कि अमेरिका भी ऐसा ही कुछ करेगा और दुनिया एक साझा मानकों को अपनाने की ओर बढ़ेगी।’’ 

कृत्रिम मेधा और मशीन से मशीन की समझ (मशीन लर्निंग) के तौर-तरीकों पर नडेला ने कहा कि ‘कृत्रिम मेधा के निर्माता के तौर पर हमें इसे चलाने वाले (शासित करने वाले) सिद्धांतों की जरूरत है।’ 
(सौ. पीटीआई भाषा)
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