जीडीपी-प्रत्यक्ष कर अनुपात करीब छह प्रतिशत पर दस साल में सबसे बेहतर:वित्त मंत्रालय


वित्त वर्ष 2017-18 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के समक्ष प्रत्यक्ष कर प्राप्ति 5.98 प्रतिशत रही। यह अनुपात पिछले दस साल का सर्वश्रेष्ठ स्तर है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी है। 

जीडीपी- प्रत्यक्ष कर अनुपात 2016-17 में 5.57 प्रतिशत, 2015-16 में 5.47 प्रतिशत रहा। 

मंत्रालय ने कहा कि नोटबंदी का एक बड़ा मकसद भारत को गैर कर अनुपालन वाले समाज से एक अनुपालन वाला समाज बनाना था। इस लिहाज से नोटबंदी का असर व्यक्तिगत आयकर संग्रह में महसूस किया गया है। 

मंत्रालय ने अपनी 2018 की समीक्षा में कहा, ‘‘पिछले तीन साल के दौरान प्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात में लगातार वृद्धि हुई है और 2017-18 में यह 5.98 प्रतिशत पर पहुंच गया। जीडीपी के समक्ष प्रत्यक्ष कर का यह अनुपात पिछले दस साल का सबसे ऊंचा स्तर है।’’ 

मंत्रालय ने बताया कि पिछले चार वित्त वर्षों के दौरान दाखिल रिटर्न की संख्या में 80 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2013-14 में कुल 3.79 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे। यह आंकड़ा 2017-18 में 6.85 करोड़ पर पहुंच गया। 

इसके अलावा व्यक्तितगत रूप से आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों की संख्या में भी इस दौरान 65 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 2013-14 में रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्तिगत आयकरदाताओं की संख्या 3.31 करोड़ थी। यह आंकड़ा 2017-18 में 5.44 करोड़ पर पहुंच गया। 

मंत्रालय ने बताया कि पिछले तीन आकलन वर्षों में सभी श्रेणियों के करदाताओं द्वारा दाखिल किए गए रिटर्न में घोषित आमदनी में लगातार वृद्धि हुई है। 

वित्त वर्ष 2013-14 के लिए निर्धारण या आकलन वर्ष 2014-15 में दाखिल किए गए रिटर्न में कुल 26.92 लाख करोड़ रुपये की आमदनी घोषित की गई। यह राशि आकलन वर्ष 2017-18 में 67 प्रतिशत बढ़कर 44.88 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। 

मंत्रालय ने कहा कि सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार के विधायी और प्रशासनिक उपायों के चलते यह संभव हो पाया। सरकार ने नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने और कर चोरी रोकने के लिये ठोस उपाय भी किये। 



अप्रैल-नवंबर, 2018 की अवधि के दौरान 1.23 लाख करोड़ रुपये का रिफंड किया गया, जो इससे पिछले साल की इसी अवधि में जारी रिफंड से 20.8 प्रतिशत अधिक है।

मंत्रालय के अनुसार कंपनियों के मामले में आयकर वृद्धि 17.7 प्रतिशत और व्यक्तिगत आयकर की वृद्धि 18.3 प्रतिशत रही है।


(सौ. पीटीआई भाषा)
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