रेरा को लेकर घर खरीदारों, बिल्डरों, बैंकों के साथ 15 नवंबर को कार्यशाला का आयोजन


रीयल एस्टेट कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय 15 नवंबर को घर खरीदारों, बैंक प्रतिनिधियों, बिल्डरों और उत्तर भारत के अन्य अंशधारकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। 

अधिकारियों ने बताया कि इस कार्यशाला में उत्तर भारत के राज्यों ... उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यशाला में 2016 में बने रेरा कानून से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा। यह कानून घर खरीदारों को संरक्षण प्रदान करता है। 

रीयल एस्टेट (नियनम एवं विकास) कानून संसद से पारित हुआ है। कानून के तहत राज्यों को इससे संबंधित अपने नियम बनाने और नियामकीय प्राधिकरण गठित करने का अधिकार दिया गया है। 

अधिकारी ने कहा कि घर खरीदार कार्यशाला में फ्लैटों के आवंटन में देरी का मुद्दा उठा सकते हैं। कानून के तहत जिन बिल्डरों की परियोजनाएं पंजीकृत हैं उन्हें समय पर फ्लैटों की डिलिवरी करनी होती है। 

अधिकारी ने कहा कि यह कानून दो साल पहले बनाया गया है। ‘‘हम चाहते हैं कि सभी अंशधारक ... बैंक, नियामकीय प्राधिकरण, घर के खरीदार और बिल्डर इसके क्रियान्वयन से संबंधित मुद्दों पर विचार विमर्श करें।’’ 

इससे पहले इस तरह की कार्यशालायें पुणे और चेन्नई में भी आयोजित की गईं हैं। पिछले महीने तक कानून के तहत 13 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने स्थायी नियामक की नियुक्ति कर दी है, जबकि 14 ने अंतरिम नियामक की नियुक्ति की है। केरल भी नियामक स्थापित करने की प्रक्रिया में है।

(सौ. भाषा)

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