PF अकाउंट होल्डर को झटका, पैसों पर कम मिलेगा ब्याज, करीब 6 करोड़ लोगों पर होगा असर

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO (Employees Provident Fund Organisation)  ने करीब 6 करोड़ पीएफ अकाउंट होल्डर को झटका दिया है। संगठन ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पीएफ पर दी जाने वाली ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती कर दी है। 

पीएफ अकाउंट होल्डर को 2017-18 में उनके पैसों पर 8.55 प्रतिशत सालाना ब्याज दिया जाएगा, जो कि उससे पहले के वित्त वर्ष 2016-17 में 8.65 प्रतिशत सालाना था। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में संगठन ने ब्याज दर घटाने का फैसला लिया। इस बैठक से पहले  हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि ब्याज दर पिछले वित्त वर्ष के जितना ही 8.65 प्रतिशत सालाना रखी जाएगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। 2015-16 में पीएफ पर ब्याज दर 8.80 प्रतिशत सालाना थी। 

श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार, जो कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के भी प्रमुख हैं,ने ब्याज दर में कटौती को जायज ठहराते हुए कहा कि ईपीएफ पर इस कटौती के बावजूद पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ से ज्यादा ब्याज मिल रहा है। आपको बता दूं कि जनवरी-मार्च 2018 तिमाही में सरकार पीपीएफ पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत सालाना दे रही है। पीपीएफ पर ब्याज दर की हर तिमाही समीक्षा होती है।  

आपको बता दूं कि ईपीएफओ फिलहाल अपने कुल पैसे का 15 प्रतिशत हिस्सा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ के जरिये शेयर बाजार में और बाकी के 85 प्रतिशत पैसे ऋण आधारित निवेश साधनों जैसे कि सरकारी बॉन्ड्स, प्राइवेट सेक्टर बॉन्ड्स, और फिक्स्ड डिपॉजिट्स में लगाता है। ईपीएफओ ने अगस्त 2015 से ईटीएफ में पैसा लगाना शुरू किया और अब तक करीब44 हजार करोड़ रुपए निवेश कर चुका है। ईटीएफ में निवेश किये गए पैसों पर अगर रिटर्न की बात करें तो इस साल जनवरी तक 16 प्रतिशत सालाना बैठता है यानी पीएफ पर मिल रहे सालाना ब्याज से भी ज्यादा।
श्रम मंत्री ने सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाने के लिए ईपीएफओ के तहत अधिक से अधिक कंपनियों को शामिल करने के लिए ईपीएफ कानून में बदलाव के भी संकेत दिए। फिलहाल, 20 या उससे अधिक कर्मचारी वाली कंपनियां ईपीएफओ के दायरे में आती हैं लेकिन, अब कम से कम 10 कर्मचारी वाली कंपनियों को भी इस दायरे में लाने की बात चल रही है। 
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 
(बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
((मेरा कविता संग्रह "जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक"खरीदने के लिए क्लिक करें 

(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

Plz Follow Me on: 
((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

कोई टिप्पणी नहीं