अब आपके होम लोन की ईएमआई घटेगी नहीं, बल्कि बढ़ेगी, जानिये वजह

अगर आप और सस्ते होम लोन की उम्मीद कर रहे हैं या फिर होम लोन की ईएमआई में आने वाले दिनों में और कमी की आस लगाए बैठे हैं, तो फिलहाल भूल जाइये, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक शायद ही प्रमुख दरों में कटौती करे।
आपको तो मालूम ही होगा कि भारतीय रिजर्व बैंक प्रमुख दरों में कटौती करता है तो बैंक भी लोन की दरों में कटौती करते हैं, ये अलग बात है कि बैंक उस अनुपात में लोन सस्ते नहीं करते हैं जिस अनुपात में रिजर्व बैंक प्रमुख दरों में कटौती करता है।
वहीं, दूसरी ओर होम लोन के महंगे होने और आपकी ईएमआई बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। दरअसल, वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि प्रमुख दरों पर फैसले लेने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) आगे चलकर प्रमुख दरों में बढ़ोतरी कर सकती है। हालांकि, यह बढ़ोतरी तुरंत किए जाने का अनुमान नहीं है।
रिपोर्ट में एमपीसी की बैठक के ब्यौरे को आधार बनाते हुए प्रमुख दरों में बढ़ोतरी की दो वजह बताई गई है-पहला, देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के शुरुआती लक्षण दिखने लगे हैं और दूसरा, आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ने के आसार।
मॉर्गन स्टेनली के शोध नोट में कहा गया है कि एमपीसी के बयान और बैठक के ब्योरे को देखने के बाद पता चलता है कि एमपीसी का अगला कदम ब्याज दरों में वृद्धि का होगा। हालांकि, यह तुरंत नहीं होगा। एमपीसी की बैठक के ब्योरे के अनुसार कई कारक मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर जाने का दबाव बनाएंगे।
इनमें राज्यों द्वारा आवास किराया भत्ते का क्रियान्वयन, बजट में की गई न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की घोषणा, मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना, सीमा शुल्क में बढ़ोतरी और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि शामिल है।
उद्योग जगत और सरकार की तरफ से प्रमुख दरों दरों में कटौती की मांग के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने दिसंबर और फिर इस साल फरवरी की बैठक में प्रमुख दरों में कोई बदलाव नहीं किया और इसके लिए आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ने के आसार को वजह बताई। फरवरी की बैठक के जारी ब्यौरे में तो रिजर्व बैंक के गवर्नर ऊर्जित पटेल ने माना है देश की इकोनॉमी में सुधार अभी शुरुआती चरण में है। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की प्रमुख दरों में अगली बैठक 4 और 5 अप्रैल को होगी।


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