सेबी की बोर्ड बैठक 10 फरवरी को, वित्त मंत्री बैठक को करेंगे संबोधित


10 फरवरी यानी इसी शनिवार मार्केट रेगुलेटर सेबी  की बोर्ड बैठक होने जा रही है। बैठक में आम बजट 2018 में सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़े प्रस्ताव और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर उदय कोटक रिपोर्ट पर चर्चा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, वित्त मंत्री अरुण जेटली बोर्ड बैठक में अन्य मुद्दों के अलावा कई बजट प्रस्तावों पर चर्चा कर सकते हैं। उसी दिन वित्त मंत्री द्वारा रिजर्व बैंक को भी संबोधित किए जाने का कार्यक्रम है। 

माना जा रहा है कि सेबी की इस बोर्ड बैठक में लिस्टेड कंपनियों द्वारा अपनी एक चौथाई जरूरी पूंजी बॉन्ड द्वारा जुटाने संबंधी सलाह पर चर्चा हो सकती है। सेबी मार्केट पूंजीकरण के हिसाब कम से कम 100 सबसे मूल्यवान कंपनियों से अपनी जरूरत के कुछ पैसे बॉन्ड के जरिये जुटाने के लिए कह सकता है। जेटली ने अपने बजट प्रस्ताव में कहा था कि सेबी लिस्टेड कंपनियों द्वारा अपनी एक चौथाई जरूरी पूंजी बॉन्ड मार्केट से जुटाने पर विचार करे। 

फाइनेंस बिल 2018 में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया एक्ट, सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) एक्ट और डिपॉजिटरी एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव है। इसमें एक प्रस्ताव के मुताबिक, रेगुलेशन के उल्लंघन में अगर निवश सलाहकार या रिसर्च एनालिस्ट दोषी पाए जाते हैं तो एक करोड़ रुपए तक जुर्माना देना पड़ सकता है। एक और प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर  Alternative Investment funds, Infrastructure Investment trusts और Real Estate Investment Trusts से जुडा शख्स नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे भी जुर्माना देना होगा। इसके अलावा, नियमों के उल्लंघन के दोषी पाए जाने पर स्टॉक एक्सचेंज, क्वीयरिंग कॉर्पोरेशंस और डिपॉजिटरीज पर 5-25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

> बजट 2018 में बॉन्ड से जुड़े प्रस्ताव-
भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) एक चौथाई वित्त पोषण बॉण्ड बाजार से जुटाने के लिए निकायों को आदेश देने पर विचार करेगा  

सरकार वित्तीय प्रतिभूति लेनदेन पर स्टेम्प शुल्क व्यवस्था में सुधार लाएगी

भारत में आईएफएससीएस की सभी वित्तीय सेवाओं के विनियमन के लिए एक एकीकृत प्राधिकरण स्थापित करना
 वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि उनका मंत्रालय नीतिगत तथा व्यापक सामाजिक लाभ के दृष्टिकोण से शिक्षण तथा स्वास्थ्य असंरचना में निवेश सहित बड़ी अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के वित्तपोषण में मदद के लिए भारतीय अवसरंचना वित्त निगम (आईआईएफसीएल) को सशक्त बनाएगा। श्री जेटली ने आज संसद में 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए यह बात कही।
वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आगे कहा कि सरकार तथा विनियामकों ने भारत में इनफ्रास्टक्चर इनवेस्टमेन ट्रस्ट (इन्वआईटी) तथा रियल इन्वेस्टमेन्ट ट्रस्ट (रिआईटीज) जैसी संस्थाओं की मौद्रिक अभिवृद्धि के लिए आवश्यक उपाय किए है। सरकार अगले वर्ष से इन्वआईटीज का उपयोग कर चुनिंदा सीपीएसई सम्पदाओं का मौद्रिकरण शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बॉण्ड बाजार से धन जुटाने के लिए निकायों (कॉर्पोरेट्स) पर दबाव बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए। सेबी भी आदेश जारी करने पर विचार करेगा जिसकी शुरूआत बड़े निकायों से होगी ताकि वे अपनी जरूरत के लगभग एक चौथाई का वित्त पोषण बॉण्ड बाजार से कर सके।
भारत में अधिकांश विनिमायक निवेश के लिए पात्र के रूप में केवल ‘ए-ए’ रेटिंग वाले बॉण्ड की अनुमति देते है। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि अब ‘ए-ए’ से ‘ए’ ग्रेड रेटिंग पर आने का समय आ गया है। सरकार तथा सम्बन्धित विनियामक इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करेंगे। उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया कि सरकार राज्यों के साथ परामर्श करके वित्तीय प्रतिभूति लेन-देन पर स्टेम्प शुल्क व्यवस्था संबंधी सुधार के उपाय करेगी तथा भारतीय स्टेम्प शुल्क अधिनियम में आवश्यक संशोधन करेगी। सरकार भारत में आईएफएससी की सभी वित्तीय सेवाओं के नियमन के लिए एक एकीकृत प्राधिकरण स्थापित करेगी।     
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