केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मध्यम आय समूह के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम के अंतर्गत ब्याज रियायत के लिए पात्र घरों के कारपेट एरिया में बढ़ोतरी की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत मध्यम आय समूह (एमआईजी) के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) के अंतर्गत ब्याज रियायत के लिए पात्र घरों के कारपेट एरिया में बढ़ोतरी की।
इस स्कीम का विस्तार, कवरेज और पहुंच बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित की मंजूरी दी है:
एमआईजी के लिए सीएलएसएस एमआइजी में दो आय समूहों अर्थात् 6,00,001 से लेकर रुपये 12 लाख (एम आई जी-1) और 12,00,001 से लेकर 18 लाख (एमआइजी -2) प्रति वर्ष को कवर करती है। एमआईजी-1 में 9 लाख रुपये तक ऋण पर 4 प्रतिशत की ब्याज रियायत प्रदान की जाती है जबकि एमआईजी-2 में 12 लाख रुपये के ऋण के लिए 3 प्रतिशत की ब्याज रियायत प्रदान की जाती है। ब्याज रियायत को 20 वर्षों की अधिकतम ऋण अवधि या वास्तविक अवधि, जो भी कम हो, के अतिरिक्त एनपीवी 9 प्रतिशत पर गणना की जाएगी। 9 लाख और 12 लाख रुपये से अधिक के आवसीय ऋण को गैर-रियायती दर पर किया जाएगा।
सीएलएसएस के लिए एमआईजी वर्तमान में 31 मार्च, 2019 तक लागू है।
प्रभाव
पृष्ठभूमि
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत मध्यम आय समूह (सीएलएसएस) के लिए एमआईजी के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम को दिनांक 01.01.2017 से लागू कर रहा है। यह आवासीय ऋणों का लाभ गरीबों तक पहुंचाने और मध्यम आय समूह के लिए आवासीय ऋण के लिए नई ब्याज रियायत स्कीम की घोषणा माननीय प्रधानमंत्री जी के देश को दिनांक 31.12.2016 को संबोधन के अनुसरण में हुआ है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत मध्यम आय समूह (एमआईजी) के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) के अंतर्गत ब्याज रियायत के लिए पात्र घरों के कारपेट एरिया में बढ़ोतरी की।
इस स्कीम का विस्तार, कवरेज और पहुंच बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित की मंजूरी दी है:
- सीएलएसएस की एमआइजी-1 श्रेणी में कारपेट एरिया को वर्तमान 90 स्क्वेयर मीटर से बढ़ा कर 120 स्कवेयर मीटर तक कर दिया है और सीएलएसएस की एमआइजी-2 श्रेणी के संबंध में कारपेट एरिया को वर्तमान 110 स्क्वेयर मीटर से बढ़ा कर 150 स्कवेयर मीटर तक कर दिया है।
- यह बदलाव दिनांक 01.01.2017 से लागू होंगे अर्थात जिस दिन एमआइजी के लिए सीएलएसएस लागू हुए थे।
एमआईजी के लिए सीएलएसएस एमआइजी में दो आय समूहों अर्थात् 6,00,001 से लेकर रुपये 12 लाख (एम आई जी-1) और 12,00,001 से लेकर 18 लाख (एमआइजी -2) प्रति वर्ष को कवर करती है। एमआईजी-1 में 9 लाख रुपये तक ऋण पर 4 प्रतिशत की ब्याज रियायत प्रदान की जाती है जबकि एमआईजी-2 में 12 लाख रुपये के ऋण के लिए 3 प्रतिशत की ब्याज रियायत प्रदान की जाती है। ब्याज रियायत को 20 वर्षों की अधिकतम ऋण अवधि या वास्तविक अवधि, जो भी कम हो, के अतिरिक्त एनपीवी 9 प्रतिशत पर गणना की जाएगी। 9 लाख और 12 लाख रुपये से अधिक के आवसीय ऋण को गैर-रियायती दर पर किया जाएगा।
सीएलएसएस के लिए एमआईजी वर्तमान में 31 मार्च, 2019 तक लागू है।
प्रभाव
- 120 स्के. मी. और 150 स्के. मी. को अच्छी वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है और यह इस स्कीम में निर्धारित दो आय समूहों से संबंधित एमआइजी द्वारा सामान्य रूप से स्काउटिड बाजार की जरूरत को पूरा करेगा।
- कारपेट एरिया में बढ़ोतरी डेवेल्पर परियोजनाओं में व्यक्तियों की मध्यम आय श्रेणी के पास अधिक विकल्प प्रदान कराएगा।
- बढ़ा हुआ कारपेट एरिया किफायती आवसीय श्रेणी में तैयार फ्लैटों की बिक्री को प्रोत्साहन देगा।
पृष्ठभूमि
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत मध्यम आय समूह (सीएलएसएस) के लिए एमआईजी के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम को दिनांक 01.01.2017 से लागू कर रहा है। यह आवासीय ऋणों का लाभ गरीबों तक पहुंचाने और मध्यम आय समूह के लिए आवासीय ऋण के लिए नई ब्याज रियायत स्कीम की घोषणा माननीय प्रधानमंत्री जी के देश को दिनांक 31.12.2016 को संबोधन के अनुसरण में हुआ है।
(Source: pib.nic.in)
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