वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने पिछले तीन वर्षों में काला धन समाप्त करने में अपार सफलता प्राप्त की, 23064 सर्च / सर्वे किए गए( आयकर17525,सीमा शुल्क 2509, केंद्रीय उत्पाद 1913,सेवा कर 1120) ,1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगा (आयकर 69434,सीमा शुल्क 11405 , केंद्रीय उत्पाद 13952, सेवा कर 42727)। |
राजस्व विभाग के अंतर्गत कानून लागू करने वाली एजेंसियों के समन्वित कार्य और निरंतर प्रयास से पिछले तीन वर्षों में काले धन की समस्या से लड़ने में अपार सफलता मिली है। इस अवधि में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में अप्रत्याशित कानूनी कार्रवाई की गई। जहां 23064 सर्च / सर्वे किए गए( आयकर17525,सीमा शुल्क 2509, केंद्रीय उत्पाद 1913,सेवा कर 1120) वहीं 1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया गया (आयकर 69434,सीमा शुल्क 11405 , केंद्रीय उत्पाद 13952, सेवा कर 42727)। साथ ही 2814 मामलों में आपराधिक मुकदमे किए गए( आयकर 1966, सीमा शुल्क 526, केंद्रीय उत्पाद 293,सेवा कर 29)। 3893 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है( सीमा शुल्क 3782, केंद्रीय उत्पाद 47, सेवा कर 64)। प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन(मनी लॉड्रिंग) विरोधी कारर्वाइयों में तेजी दिखाते हुए 519 मामले दर्ज किए और 396 सर्च आपरेशन किया गया। 79 मामलों में गिरफ्तारियां की गईं और 14,933 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। बेनामी प्रतिषेध कानून पिछले 28 वर्षों तक निष्प्रभावी रहा । इसे नवंबर 2016 से व्यापक संशोधन करके प्रभावी बनाया गया है। 245 से अधिक बेनामी लेनदेन का पता लगाया गया। 124 मामलों में 55 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति अस्थाई रूप से जब्त की गई है। विभिन्न कानूनों को तर्कसंगत बनाया गया है, कमियों को दूर किया गया है और दण्डात्मक प्रावधानों को कठोर बनाया गया है। विभिन तरीकों से नकद लेनदेन पर नजर रखने और नकद लेनदेन पर नियंत्रण रखने के प्रयास किए गए हैं। ऐसे तरीकों में 2 लाख रुपये से ऊपर के नकदी लेनदेन में दंड का प्रावधान, अनुमति योग्य नकद खर्च की सीमा केवल 10,000 रुपये रखना, पैन संख्या प्राप्त करने और आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार की अनिवार्यता तथा 50,000 रुपये से अधिक की नकदी जमा के लिए पैन की अनिवार्यता, बैंक खातों से आधार को आवश्यक रूप में जोड़ना , अचल संपत्ति के हस्तांतरण मामले में 20,000 रुपये और उससे अधिक की रकम पर दण्ड और यह दण्ड बराबर की राशि होगा। नौ नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के बीच बचत खातों में 2.5 लाख रुपये से अधिक जमा और चालू खाते में 12.5 लाख रुपये से अधिक जमा मामले में आवश्यक रूप से सूचित करना शामिल है। हजारों मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। ऐसे मामलों में कानून लागू करने वाली एजेंसियों यानी आईटी, ईडी,एमसीए,एसएफआईओ, सीबीआई के माध्यम से कार्रवाई की गई। पिछले तीन वित्त वर्षों ( 2013-14 से 2015-16) में आयकर जांच से 1155 मुखौटा कंपनियों की जानकारी मिली जिसे 22.000 से अधिक लाभार्थी गैर कानूनी जरिये से उपयोग कर रहे थे। ऐसे लाभार्थियों के नकली लेनदेन में शामिल रकम 13,300 करोड़ रुपये से अधिक है। कारपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कामकाज की दृष्टि से बंद पड़ी कंपनियों के नाम हटाने के लिए एक लाख से अधिक नोटिस जारी किए हैं। (Source: pib.nic.in) |
Website On How to Manage Money, Earn more Money from Your Hard Earned money in Hindi. Ask questions. जागरूक, शिक्षित, जानकार निवेशक पैसों के बारे में सही फैसला लेते हैं। इस वेबसाइट का मिशन है Money मित्र बनकर लोगों को Money (पैसों) के बारे में जागरूक करना। पैसे को लेकर कोई सवाल हो, तो हिन्दी में पूछें, सारे सवालों का जवाब यहां आसान शब्दों में मिलेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें