‘पेंशन लाभ पाने वाला समाज’ बनाने की जरूरत: PFRDA के चेयरमैन




अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के क्रियान्वयन हेतु बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट (बीसी) के लिए 19 जुलाई, 2016 को कार्यशाला आयोजित की गई
अटल पेंशन योजना के क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श करने तथा एपीवाई के दायरे में और ज्यादा लाभार्थियों को लाने में बैंक कॉरस्पोंडेंट की भूमिका बढ़ाने के लिए पीएफआरडीए द्वारा 19 जुलाई, 2016 को नई दिल्ली में बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट (बीसी) के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई। लगभग 60 बीसी प्रतिनिधियों, सिडबी, एक्सेस एसिस्टट, कुछ प्रमुख बैंकों के अधिकारी और भारतीय बिजनेस कॉरस्पोंडेंट संघ (बीसीएफआई) के अध्यक्ष आनंद श्रीवास्तव इस कार्यशाला में उपस्थित थे।

पीएफआरडीए के चेयरमैन हेमंत कांट्रैक्टर ने अपने प्रमुख संबोधन में ‘पेंशन लाभ पाने वाला समाज’ बनाने की जरूरत पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि देश के केवल 9-10 प्रतिशत लोग ही किसी तरह के पेंशन लाभ के दायरे में आते हैं। असंगठित क्षेत्र की आबादी का बड़ा हिस्सा किसी भी तरह की पेंशन के दायरे में नहीं आता है। इस अनुपात को पलटने की जरूरत है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पेंशन उत्पादों के दायरे में आ सकें। अटल पेंशन योजना (एपीवाई) वृद्धावस्था में आय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से निम्न एवं मध्यम आमदनी के सेगमेंट वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करती है और इसके साथ ही यह ‘पेंशन रहित समाज’ को ‘पेंशन लाभ वाले समाज’ में तब्दील करने के सरकारी उद्देश्य को भी पूरा करती है। अटल पेंशन योजना इस तथ्य के आधार पर ‘स्वावलम्बन’ से अलग है कि इसमें न्यूनतम गारंटीड पेंशन का उल्लेख किया गया है। यह उन लोगों के लिए आदर्श है, जिनकी बचत क्षमता बेहद कम है।

बैंकिंग क्षेत्र में बीसी मॉडल ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ के तहत बड़ी संख्या में खाते खोलने में काफी सफल रहा है। इसके तहत भारत में पांच लाख गांवों तक पहुंच संभव हुई है। बैंकों को उपभोक्ताओं की इस बड़ी संख्या से लाभ उठाते हुए पात्र ग्राहकों को एपीवाई के वितरण के लिए कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पीएसआईजी कार्यक्रम के तहत सिडबी और डीएफआईडी के साथ गठबंधन करके पीएफआरडीए अटल पेंशन योजना को आवश्यक बढ़ावा देगा, ताकि यह मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार एवं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों में अपना दायरा और ज्यादा बढ़ा सके। पीएफआरडीए क्षमता निर्माण के साथ-साथ प्रचार संबंधी सामग्री की आपूर्ति करने के लिए भी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा, ताकि बीसी को एपीवाई के तहत सदस्यों का नामांकन करने में मदद मिल सके।

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