सरकारी बैंकों में सरकार द्वारा करीब 23 हजार करोड़ रुपए की पूंजी डाले जाने के बीच उन बैंकों का बढ़ता एनपीए चिंता का विषय बना हुआ है।
बैंकों खासकर सरकारी बैंकों के लिए बढ़ता एनपीए (नहीं लौटने वाला कर्ज) सिरदर्द बनता जा रहा है। सरकार की मानें तो पिछले तीन साल में सरकारी बैंकों का एनपीए का एनपीए कुल कर्ज का दुगुना हो गया है। संसद में जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2014 में सरकारी बैंकों का कुल एनपीए उनके कुल कर्ज की 4.72% था जो कि वित्त वर्ष 2016 में बढ़कर कुल कर्ज का 9.32% हो गया।
 
 
Source: pib.nic.in
    
उधर, इंद्रधनुष और केंद्रीय बजट के अंतर्गत की गई घोषणाओं के अनुरूप सरकार ने वर्ष 2016-17 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों की पूंजीकरण की जरूरतों के आकलन के लिए कदम उठाये हैं। वर्तमान वर्ष में पूंजी निवेश पिछले पांच वर्षों के ऋण वृद्धि के सीएजीआर निर्धारण के अनुसार जरूरतों के आकलन पर आधारित है, जिसमें बैंकों के ऋण वृद्धि के अपने अनुमान और प्रत्येक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की वृद्धि की क्षमता के मूल्यांकन शामिल हैं।
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बैंकों खासकर सरकारी बैंकों के लिए बढ़ता एनपीए (नहीं लौटने वाला कर्ज) सिरदर्द बनता जा रहा है। सरकार की मानें तो पिछले तीन साल में सरकारी बैंकों का एनपीए का एनपीए कुल कर्ज का दुगुना हो गया है। संसद में जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2014 में सरकारी बैंकों का कुल एनपीए उनके कुल कर्ज की 4.72% था जो कि वित्त वर्ष 2016 में बढ़कर कुल कर्ज का 9.32% हो गया।
SCHEDULED
  COMMERCIAL BANKS (Rs. In crore) 
 | 
 |||
GROSS ADVANCES 
 | 
  
GNPA 
 | 
  
GNPA RATIO 
 | 
 |
FY 2014 
 | 
  
61,01,775 
 | 
  
2,51,060 
 | 
  
4.11% 
 | 
 
FY 2015 
 | 
  
66,92,522 
 | 
  
3,09,408 
 | 
  
4.62% 
 | 
 
FY 2016 
 | 
  
72,86,952 
 | 
  
5,41,763 
 | 
  
7.43% 
 | 
 
PUBLIC SECTOR
  BANKS (Rs. In crore) 
 | 
 |||
GROSS ADVANCES 
 | 
  
GNPA 
 | 
  
GNPA RATIO 
 | 
 |
FY 2014 
 | 
  
45,90,458 
 | 
  
2,16,739 
 | 
  
4.72% 
 | 
 
FY 2015 
 | 
  
49,17,228 
 | 
  
2,67,065 
 | 
  
5.43% 
 | 
 
FY 2016 
 | 
  
51,16,985 
 | 
  
4,76,816 
 | 
  
9.32% 
 | 
 
उधर, इंद्रधनुष और केंद्रीय बजट के अंतर्गत की गई घोषणाओं के अनुरूप सरकार ने वर्ष 2016-17 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों की पूंजीकरण की जरूरतों के आकलन के लिए कदम उठाये हैं। वर्तमान वर्ष में पूंजी निवेश पिछले पांच वर्षों के ऋण वृद्धि के सीएजीआर निर्धारण के अनुसार जरूरतों के आकलन पर आधारित है, जिसमें बैंकों के ऋण वृद्धि के अपने अनुमान और प्रत्येक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की वृद्धि की क्षमता के मूल्यांकन शामिल हैं।
उपरोक्त प्रक्रिया के परिणामस्वरूप बैंकों को तरलता सहायता प्रदान करने और बाजार से पूंजी जुटाने में उन्हें सक्षम बनाने के लिए प्रत्येक बैंक के लिए जुटाई गई धनराशि का 75 प्रतिशत अब जारी किया जा रहा है। शेष धनराशि प्रदर्शन, विशेष रूप से अधिक दक्षता, ऋण और जमा पूंजी में वृद्धि तथा संचालन लागत में कमी  के आधार पर बाद में जारी की जायेगी। वर्तमान में निम्नलिखित बैंकों को कुल 22,915 करोड़ रुपये आवंटित किये जा रहे हैं।
क्रम सं. 
 | 
बैंक का नाम 
 | 
धनराशि  (करोड़ रुपये में) 
 | 
1 
 | 
इलाहाबाद बैंक 
 | 
44 
 | 
2 
 | 
बैंक ऑफ इंडिया 
 | 
1784 
 | 
3 
 | 
केनरा बैंक 
 | 
997 
 | 
4 
 | 
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 
 | 
1729 
 | 
5 
 | 
कॉर्पोरेशन बैंक 
 | 
677 
 | 
6 
 | 
देना बैंक 
 | 
594 
 | 
7 
 | 
इंडियन ओवरसीज बैंक 
 | 
3101 
 | 
8 
 | 
पंजाब नेशनल बैंक 
 | 
2816 
 | 
9 
 | 
भारतीय स्टेट बैंक 
 | 
7575 
 | 
10 
 | 
सिंडिकेट बैंक 
 | 
1034 
 | 
11 
 | 
यूको बैंक 
 | 
1033 
 | 
12 
 | 
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 
 | 
721 
 | 
13 
 | 
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया 
 | 
810 
 | 
कुल 
 | 
22915 
 | 
((NPS और PF में से बेहतर कौन ?
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