अक्टूबर-दिसंबर तिमाही का CAD घटा, GDP का 1.7% के मुकाबले 1.3%

वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की स्थिति:


वित्तीय वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही अर्थात् अक्टूबर-दिसंबर के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े विवरण-। (बीपीएम6 फॉर्मेट) और ।। (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्‍तुत किए गए हैं।
2015-16 की तीसरी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की स्थिति के प्रमुख अंश
  • भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही में 7.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) रहा जो वर्ष 2014-15 की तीसरी तिमाही में 7.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.5 प्रतिशत) और पिछली तिमाही में 8.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.7 प्रतिशत) था (सारणी 1)।
  • चालू खाता घाटे में यह कमी मुख्य रूप से पिछले वर्ष की तीसरी तिमाही के व्यापार घाटे (38.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) और पिछली तिमाही के 37.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में कम व्यापार घाटे (34.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के कारण रही।
  • निवल सेवा प्राप्तियों में मुख्य रूप से परिवहन और वित्तीय सेवाओं की निर्यात प्राप्तियों में गिरावट के कारण वर्ष-दर-वर्ष आधार पर सुधार हुआ, हालांकि इसमें पिछली तिमाही की तुलना में थोड़ा सुधार हुआ है।
  • निजी अंतरण प्राप्तियां, जो कि विदेशों में नौकरी करने वाले भारतीयों द्वारा किए जाने वाले धन प्रेषणों को दर्शाती हैं, की राशि 15.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई। इसमें पिछली तिमाही और पिछले वर्ष के स्‍तर की तुलना में कमी आई।
  • दूसरी तिमाही में नरमी के बाद निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि हुई और यह तीसरी तिमाही में 10.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
  • पिछली तिमाही के 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवल बहिर्वाह की तुलना में वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही में संविभाग निवेश में 0.2 बिलियन का हल्का सा निवल बहिर्वाह हुआ है, ऋण खंड में हुए अंतर्वाह से तीसरी तिमाही में इक्विटी बहिर्वाह लगभग बराबर हो गया।
  • वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही में अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की जमाराशियां पिछले वर्ष की तीसरी तिमाही और इस वर्ष की पिछली तिमाही के स्तर से काफी कम हो गईं।
  • वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) 4.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
अप्रैल-दिसंबर 2015 के दौरान भुगतान संतुलन
  • संचयी आधार पर चालू खाता घाटा व्यापार घाटे में कमी के कारण वर्ष 2014-15 की इस अवधि के 1.7 प्रतिशत से घटकर अप्रैल-दिसंबर 2015 में जीडीपी के 1.4 प्रतिशत तक पहुंच गया।
  • भारत का व्यापार घाटा अप्रैल-दिसंबर 2015 में घटकर 105.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया जो वर्ष 2014-15 की इस अवधि के दौरान 113.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
  • निवल अदृश्य प्राप्तियां अप्रैल-दिसंबर 2015 में कम हो गई, हालांकि निवल सेवा अर्जन और निजी अंतरण प्राप्तियों में कमी प्राथमिक आय (लाभ, ब्याज और लाभांश) के कम निवल बहिर्वाह के कारण आंशिक रूप से बराबर हो गई।
  • अप्रैल-दिसंबर 2015 के दौरान निवल एफडीआई अंतर्वाह पिछले वर्ष की इस अवधि के दौरान अपने स्तर से तेजी से 24.8 प्रतिशत तक बढ़ गया।
  • तथापि, संविभाग निवेश में पिछले वर्ष के 28.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवल अंतर्वाह की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2015 के दौरान 3.7 प्रतिशत बिलियन का निवल बहिर्वाह दर्ज किया गया।
  • अप्रैल-दिसंबर 2015 में, विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में 14.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई जबकि वर्ष 2014-15 की इस अवधि में 31.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई थी।

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