सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उन कंपनियों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, जिन पर 500 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक कर्ज बकाया है और वे उसे नहीं चुका रही हैं। शीर्ष अदालत ने आरबीआई से छह सप्ताह के भीतर ऐसी कंपनियों की सूची भी पेश करने को कहा है, जिनके कर्ज को कंपनी ऋण पुनर्गठन योजना के तहत पुनर्गठित किया गया है।
न्यायधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने रिजर्व बैंक से कहा है कि बैंक कर्ज नहीं चुकाने वाली कंपनियों की पूरी सूची उसे सीलबंद लिफाफे में उपलब्ध कराई जाए। इस मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही इस पीठ में मुख्य न्यायधीश के अलावा न्यायमूर्ति यूयू ललित और आर भानुमति भी शामिल हैं। पीठ ने जानना चाहा है कि बैंक और वित्तीय संस्थानों ने किस प्रकार से उचित दिशा-निर्देशों का पालन किए बिना इतनी बड़ी राशि कर्ज में दी और क्या इस राशि को वसूलने के लिए उपयुक्त प्रणाली बनी हुई है?
न्यायधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने रिजर्व बैंक से कहा है कि बैंक कर्ज नहीं चुकाने वाली कंपनियों की पूरी सूची उसे सीलबंद लिफाफे में उपलब्ध कराई जाए। इस मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही इस पीठ में मुख्य न्यायधीश के अलावा न्यायमूर्ति यूयू ललित और आर भानुमति भी शामिल हैं। पीठ ने जानना चाहा है कि बैंक और वित्तीय संस्थानों ने किस प्रकार से उचित दिशा-निर्देशों का पालन किए बिना इतनी बड़ी राशि कर्ज में दी और क्या इस राशि को वसूलने के लिए उपयुक्त प्रणाली बनी हुई है?
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