निजी क्षेत्र की ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म जेरोधा ने कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, गुजराती जैसे क्षेत्रीय भाषाओं में ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लांच करने के बाद जल्द ही हिन्दी में भी लांच करेगी।
इससे पहले जेरोधा ने युवाओं को पूंजी बाजार की तरफ आकषिर्त करने के लिये सभी तरह के इक्विटी निवेश पर शून्य ब्रोकरेज की घोषणा की है साथ ही वेब आधारित ट्रोडिंग पोर्टल ‘काइट’ की हिन्दी में भी शुरुआत की घोषणा की है।
ब्रोकरेज फर्म के नई दिल्ली के अलावा गुड़गांव और नोएडा में भी कार्यालय हैं। कंपनी ने नई पेशकश करते हुये कहा है कि शून्य ब्रोकरेज के साथ साथ उसकी अब शुरआती फीस, न्यूनतम परिणाम, विशेष शर्त अथवा जुड़ी हुई शर्त जैसा कुछ नहीं होगा। कंपनी का इरादा 50 लाख निवेशकों को अपने साथ जोड़ने का है।
जेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कॉमथ ने कहा है, ‘‘निवेश संस्कृति को निखारने की जरूरत है, हम ऐसा करना चाहते हैं। इसके लिये हमने न केवल शून्य ब्रोकरेज की शुरआत की है बल्कि काइट को हिन्दी में उपयोगकर्ता के लिये बेहतर आसान बनाकर हम यह करना चाहते हैं।’’ कंपनी ने आगे कहा है कि देश में पूंजी बाजार में भागीदारी के प्रति जागरकता काफी कम है। यही वजह है कि 35 साल से कम की 65% आबादी को पूंजी बाजार की तरफ आकषिर्त करने के लिये जेरोधा ने यह पहल की है। काइट कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, गुजराती में भी उपलब्ध है।
((हिन्दी, मराठी, पंजाबी में ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जल्द
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/12/blog-post_4.html
इससे पहले जेरोधा ने युवाओं को पूंजी बाजार की तरफ आकषिर्त करने के लिये सभी तरह के इक्विटी निवेश पर शून्य ब्रोकरेज की घोषणा की है साथ ही वेब आधारित ट्रोडिंग पोर्टल ‘काइट’ की हिन्दी में भी शुरुआत की घोषणा की है।
ब्रोकरेज फर्म के नई दिल्ली के अलावा गुड़गांव और नोएडा में भी कार्यालय हैं। कंपनी ने नई पेशकश करते हुये कहा है कि शून्य ब्रोकरेज के साथ साथ उसकी अब शुरआती फीस, न्यूनतम परिणाम, विशेष शर्त अथवा जुड़ी हुई शर्त जैसा कुछ नहीं होगा। कंपनी का इरादा 50 लाख निवेशकों को अपने साथ जोड़ने का है।
जेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कॉमथ ने कहा है, ‘‘निवेश संस्कृति को निखारने की जरूरत है, हम ऐसा करना चाहते हैं। इसके लिये हमने न केवल शून्य ब्रोकरेज की शुरआत की है बल्कि काइट को हिन्दी में उपयोगकर्ता के लिये बेहतर आसान बनाकर हम यह करना चाहते हैं।’’ कंपनी ने आगे कहा है कि देश में पूंजी बाजार में भागीदारी के प्रति जागरकता काफी कम है। यही वजह है कि 35 साल से कम की 65% आबादी को पूंजी बाजार की तरफ आकषिर्त करने के लिये जेरोधा ने यह पहल की है। काइट कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, गुजराती में भी उपलब्ध है।
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