2004-05 से 2011-12
तक आधार वर्ष को संशोधित करते हुए राष्ट्रीय लेखा की नई श्रृंखला जनवरी, 2015 में
जारी की गई है। आधार वर्ष संशोधन करने के एक हिस्से के रूप में कार्य प्रणाली
और डाटा सेट्स की व्यापक समीक्षा की गई है। नई श्रृंखला में राष्ट्रीय लेखा
2008 की प्रणाली के अधीन की गई सिफारिशों के साथ नवीनतम उपलब्ध डाटा सेट्स को
शामिल किया गया है। पहली बार कॉरपोरेट सेक्टर पर कारपोरेट कार्य मंत्रालय की
ई-गवर्नेंस पहल का उपयोग किया गया है।
· फरवरी 2015 में उपभोक्ता
मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार वर्ष को 2010 =100 से संशोधित करके 2012=100
कर दिया गया है। इसमें परिवारों की नवीनतम उपभोग प्रणालियों को ध्यान में रखा
गया है। सूचियों को अधिक मजबूत बनाने के लिए अनेक कार्य प्रणालियों में आय
परिवर्तन को शामिल किया गया है।
· अखिल भारतीय अनंतिम सामान्य
(सभी समूह), समूह एवं उप-समूह स्तर उपभोक्ता मूल्य सूचियों (सीएफपीआई) को हर महीने
जारी किया जाता है। ग्रामीण, शहरी और संयुक्त क्षेत्र के
लिए अक्टूबर 2000 मास की सामान्य उपभोक्ता मूल्य सूचियों ने क्रमश: 5.54
प्रतिशत, 4.28 प्रतिशत और 5 प्रतिशत वार्षिक मुद्रास्फीति
दर दर्शायी है। खाद्य वस्तुओं के मामले में खुदरा मूल्यों के उतार-चढ़ाव की स्पष्ट
तस्वीर प्रस्तुत करने के लिए उपभोक्ता सूचकांक (सीएफपीआई) मई, 2014 से हर माह जारी किया जाता है। ग्रामीण, शहरी
और संयुक्त क्षेत्र के लिए उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचियों (सीएफपीआई) ने अक्टूबर
2015 के दौरान क्रमश: 5.18 प्रतिशत, 5.47 प्रतिशत और 5.25
प्रतिशत वार्षिक मुद्रास्फीति दर दर्शायी है।
· सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)
के आकलनों को स्थिर (2011-12) और चालू मूल्यों, दोनों के लिए सकल घरेलू उत्पाद
के व्यय घटक के समतुल्य तिमाही अनुमानों के साथ तिमाही आधार पर जारी किया गया
है। जुलाई-सितंबर 2015-16 तिमाही के लिए स्थिर (2011-12) पर अंतिम तिमाही का
जीडीपी 30 नवम्बर, 2015 को जारी किया गया, जो 27.57 लाख करोड़ रहने का अनुमान है, जबकि
2014-15 की इसी तिमाही में यह 25.66 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस प्रकार इसमें
7.4 प्रतिशत वृद्धि दर दर्ज की गई। स्थिर (2011-12) पर आधार मूल्य का तिमाही
जीवीए 2015-16 की दूसरी तिमाही के लिए 25.80 लाख करोड़ रुपये का अनुमान है,
जबकि 2014-15 की दूसरी तिमाही में यह 24.2 लाख करोड़ रुपये रहा
था। इस प्रकार पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में इसने 7.4 प्रतिशत अधिक
वृद्धि दर दर्शायी है।
· आधार वर्ष 2004-05 के साथ
औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक (आईआईपी) के त्वरित अनुमानों (क्यू ई) को प्रत्येक
मास जारी किया जाता है। सितम्बर 2015 मास के लिए आम सूचकांक 12 नवम्बर, 2015 को जारी
किया गया, जो पिछले वर्ष के इसी मास के स्तर की तुलना में
3.6 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-सितंबर, 2015 अवधि के लिए
संचयी वृद्धि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4 प्रतिशत अधिक है।
· उद्योगों के वार्षिक
सर्वेक्षण (एएसआई) के आंकड़ों का संग्रह करने के लिए समर्पित वेबपोर्टल का उपयोग
किया गया। एएसआई 2012-13 के परिणामों को 24 मार्च, 2015 को जारी किया गया। एएसआई
2012-13 के लिए सर्वेक्षण कार्य वेबपोर्टल के माध्यम से पूरा किया गया है और
एसएसआई 2013-14 के लिए अनंतिम परिणाम दिसंबर, 2015 तक जारी
होने की संभावना है।
· छठी आर्थिक जनगणना (ईसी) से
संबंधित आंकड़ों की वैधता का कार्य पूरा कर लिया गया है। अखिल भारतीय रिपोर्ट और
10 या इससे अधिक कामगारों वाले संस्थापनों की डायरेक्ट्ररी, छठी ई सी के
अनुसार, दिसंबर 2015 तक जारी होने की संभावना है।
· सूचकांक संख्या के बारे में
डाटा उपयोगकर्ताओं का सम्मेलन 03 नवम्बर, 2015 को आयोजित किया गया। इसके बाद आधार वर्ष
2011-12 के साथ राष्ट्रीय लेखाओं की नई श्रृंखला पर एक कार्यशाला 13 अप्रैल,
2015 को आयोजित की गई। छात्रों, अनुसंधानकर्ताओ
और निजी आर्थिक संस्थानाओं के शोधकर्ताओं और प्रतिनिधियों, उद्योग संघों, मीडिया घरानों तथा सरकारी संगठनों
सहित डाटा उपयोगकर्ताओं ने इस कार्यशाला में भारी तादाद में भाग लिया।
· एक सामेकित मेम्बर ऑफ
पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम (एमपीएलएडीएस) पोर्टल विकसित किया गया
और जारी की गई निधियों, निधि का उपयोग और कार्यों के कार्यान्वयन जैसे महत्वपूर्ण
सभी पहलुओं पर निगरानी के लिए इसे परिचालित किया गया है।
· यह मंत्रालय सांख्यिकी
प्रणाली की समग्रता, जिन पर सिद्धांतों के साथ कार्य किया गया है और क्या
काम करना जरूरी है, की समीक्षा कर रहा है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने के लिए प्रक्रियाएं,
प्रणालियां और संस्थानों के सृजन के लिए बकाया आवश्यक कार्रवाई
की जा सके। तदानुसार आधिकारिक सांख्यिकी के संयुक्त राष्ट्र सार्वभौम
सिद्धांतों को अपनाने के लिए मंत्रिमंडल नोट का मसौदा तैयार करके 27.08.2015 को
कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व
बैंक सहित सभी 84 मंत्रालय और विभागों के सचिवों को उनकी टिप्पणियां/अभ्युक्तियों
के अनुरोध के साथ परिपत्रित किया गया।
· चल रही केन्द्रीय क्षेत्र की
अवसंरचना परियोजना को समय पर पूरा करने और उनकी लागत बढ़ने पर परियोजना कार्यान्वयन
एजेंसियों द्वारा अपनी ऑन-लाइन कम्प्यूटराइज मोनिटरिंग सिस्टम (ओसीएमएस) पर
अपलोड की गई जानकारी के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है। एनआईसी की तकनीकी मदद
से नेट/एसक्यूएल प्लेटफार्म पर नई ऑन-लाइन ओसीएमएस को विकसित करने का भी प्रस्ताव
किया गया है। ओसीएमएस के तकनीकी और क्रियात्मक पहलुओं पर दो दिवसीय आवासीय
प्रशिक्षण कार्यशाला का 10-11 अगस्त, 2015 को आयोजन किया गया।
· मंत्रालय और राज्य सरकारों, पूरे देश में
स्थापित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालयों, भारतीय
सांख्यिकी संस्थान, विश्वविद्यालय और विभागों आदि ने
पूरे देश में 9वां साख्यिकी दिवस आयोजित किया, जिसके दौरान
सेमिनारों और सम्मेलनों का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित मुख्य
कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य
मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), विदेश राज्य मंत्री एवं
प्रवासी भारतीय मामलों के राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह ने की। राष्ट्रीय
सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रणब सेन इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। इस अवसर
पर आईएएसआरआई के वैज्ञानिक डॉ. हुकूम चंद और आईआईएम बैंगलोर के प्रो. डॉ. पुलक
घोष को सांख्यिकी में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए।
· भारतीय सांख्यिकी सेवा और
अधिनस्थ सांख्यिकी सेवा अधिकारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के
अलावा राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणालियां प्रशिक्षण अकादमी ने सार्क देशों के
भागीदारों के लिए एक सप्ताह के दो आवासीय अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण
कार्यक्रम/कार्यशालाएं आयोजित कीं। एनएसएसटी ने 02 से 06 नवम्बर, 2015 के दौरान आईएएसआरआई पर यूज ऑफ मॉडल्स इन क्रॉप यील्ड एस्टिमेशन
पर एक कार्यशाला का आयोजन किया था।
· गुवाहाटी में 04 से 05 नवम्बर, 2015 के
दौरान केन्द्रीय एवं राज्य सांख्यिकी संगठनों का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित
किया गया। इसका आयोजन असम सरकार की सहायता से किया गया, ताकि
सांख्यिकी गतिविधियों के संबंध में केन्द्र और राज्यों के सांख्यिकीविद् एक
मंच पर विचारों का आदान-प्रदान कर सकें।
· आधार वर्ष 2011-12 के साथ
राष्ट्रीय लेखों की नई श्रृंखला पर 07 से 09 जुलाई, 2015 के
दौरान अखिल भारतीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य नई श्रृंखला में
कार्य प्रणालियों और डाटा स्रोतों में आए परिवर्तन के बारे में राज्य अधिकारियों
को जानकारी देना था। इसी तरह की एक कार्यशाला मूल्य और औद्योगिकी सांख्यिकी
विषय पर 3 सितंबर, 2015 को आयोजित की गई।
· एक राष्ट्रव्यापी स्वच्छ
भारत अभियान 25 सितंबर, 2015 को शुरू हुआ और 31 अक्टूबर, 2015 को समाप्त हुआ। इस अभियान के कार्यान्वयन में मंत्रालय ने सभी
भवनों और कमरों की खिड़कियां, शीशे, बिजली
की फिटिंग और फर्नीचर आदि की सफाई का विशेष अभियान चलाया। यह सफाई अभियान परिसर
के बाहर और पार्किंग स्थलों आदि पर भी चलाया गया।
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