प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के प्रारंभिक इश्यू (आईपीओ) जारी करने की मंजूरी दे दी।
यह स्वीकृति 3,39,84,000 इक्विटी शेयर जारी करने के लिए है। प्रत्येक शेयर का मूल्य 10/- रूपये है। इसकी इक्विटी पूंजी 33.984 करोड़ रूपये है। इसमें 2,26,56,000 नये इक्विटी शेयर तथा कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में सरकार के हिस्से को प्रत्येक 10/- रूपये मूल्य से बेचने के लिए 1,13,28,000 इक्विटी शेयरों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों और विनियमों के अनुसार घरेलू बाजार में सार्वजनिक निर्गम के जरिये बेचने के लिए है।
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा ये शेयर निम्नलिखित क्षेत्रों में अल्पकालिक और मध्यावधि वित्त पोषण के लिए जारी किये जा रहे है :
1.कोचीन पोर्ट ट्रस्ट क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा स्थापित करना
2.बड़े आकार के मालवाहक विमान, वीएलसीसी जैसे बड़े जहाजों को बनाने के लिए सीएसएल परिसर के अंदर बड़ा ड्राई गोदी बनाना और साजो सामान तथा सेमी पनडुब्बियों की मरम्मत।
सीएसएल में भारत सरकार की हिस्सेदारी को बेचना इस विषय पर सरकार के निर्णय के अनुरूप है। इससे सीएसएल की मजबूत वित्तीय स्थिति के कारण सरकार का राजस्व बढ़ेगा। शेयर जारी किये जाने से सरकार की ओर से कोई बाह्य वित्तीय प्रवाह नहीं होगा, बल्कि सार्वजनिक रूप से शेयरों की बिक्री से सरकार को राजस्व अर्जित होगा।
यह स्वीकृति 3,39,84,000 इक्विटी शेयर जारी करने के लिए है। प्रत्येक शेयर का मूल्य 10/- रूपये है। इसकी इक्विटी पूंजी 33.984 करोड़ रूपये है। इसमें 2,26,56,000 नये इक्विटी शेयर तथा कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में सरकार के हिस्से को प्रत्येक 10/- रूपये मूल्य से बेचने के लिए 1,13,28,000 इक्विटी शेयरों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों और विनियमों के अनुसार घरेलू बाजार में सार्वजनिक निर्गम के जरिये बेचने के लिए है।
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा ये शेयर निम्नलिखित क्षेत्रों में अल्पकालिक और मध्यावधि वित्त पोषण के लिए जारी किये जा रहे है :
1.कोचीन पोर्ट ट्रस्ट क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा स्थापित करना
2.बड़े आकार के मालवाहक विमान, वीएलसीसी जैसे बड़े जहाजों को बनाने के लिए सीएसएल परिसर के अंदर बड़ा ड्राई गोदी बनाना और साजो सामान तथा सेमी पनडुब्बियों की मरम्मत।
सीएसएल में भारत सरकार की हिस्सेदारी को बेचना इस विषय पर सरकार के निर्णय के अनुरूप है। इससे सीएसएल की मजबूत वित्तीय स्थिति के कारण सरकार का राजस्व बढ़ेगा। शेयर जारी किये जाने से सरकार की ओर से कोई बाह्य वित्तीय प्रवाह नहीं होगा, बल्कि सार्वजनिक रूप से शेयरों की बिक्री से सरकार को राजस्व अर्जित होगा।
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