अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अक्टूबर में दो दिनों की बैठक के बाद ब्याज दर को रिकॉर्ड निचले स्तर 0-0.25% पर स्थिर रखने का फैसला किया है।
फेड का कहना है कि वो ब्याज बढ़ाने से पहले जीडीपी, जॉबलेस क्लेम, लेबर मार्केट, हाउसिंग और बेरोजगारी से जुड़े आंकड़ों जैसे मैक्रोइकोनॉमिक आंकड़ों का अभी और इंतजार करेगा।
जानकारों के मुताबिक, अगर ब्याज बढ़ जाता तो, क्या होता:
-अमेरिकी डॉलर और मजबूत होता, शेयर मार्केट से
पैसा निकालकर निवेशक इसे बाजार से ज्यादा सुरक्षित
साधनों मसलन, सरकारी बॉण्ड में निवेश करते
यानी शेयर बाजार में बिकवाली बढ़ती
- अमेरिकी डॉलर मजबूत होने से कमोडिटी एक्सपोर्ट
करने वाले देशों मसलन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड,
ब्राजील और इंडोनेशिया पर और दबाव बढ़ता। इन देशों
के करंसी मार्केट में बिकवाली बढ़ती
-एनर्जी, सोना, डेयरी, मेटल प्रोडक्ट की कीमतों में और
कमी आने की संभावना बढ़ जाती
फेड का कहना है कि वो ब्याज बढ़ाने से पहले जीडीपी, जॉबलेस क्लेम, लेबर मार्केट, हाउसिंग और बेरोजगारी से जुड़े आंकड़ों जैसे मैक्रोइकोनॉमिक आंकड़ों का अभी और इंतजार करेगा।
जानकारों के मुताबिक, अगर ब्याज बढ़ जाता तो, क्या होता:
-अमेरिकी डॉलर और मजबूत होता, शेयर मार्केट से
पैसा निकालकर निवेशक इसे बाजार से ज्यादा सुरक्षित
साधनों मसलन, सरकारी बॉण्ड में निवेश करते
यानी शेयर बाजार में बिकवाली बढ़ती
- अमेरिकी डॉलर मजबूत होने से कमोडिटी एक्सपोर्ट
करने वाले देशों मसलन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड,
ब्राजील और इंडोनेशिया पर और दबाव बढ़ता। इन देशों
के करंसी मार्केट में बिकवाली बढ़ती
-एनर्जी, सोना, डेयरी, मेटल प्रोडक्ट की कीमतों में और
कमी आने की संभावना बढ़ जाती
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