कमोडिटीज मार्केट में भरोसा दिलाना प्राथमिकता: यू के सिन्हा

कमोडिटीज मार्केट में भरोसा दिलाना और उसका विकास करना पहली प्राथमिकता है। ये कहना है शेयर मार्केट रेगुलेटर सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा का। उन्होंने आज सेबी में कमोडिटीज डेरिवेटिव्ज मार्केट रेगुलेटर FMC यानी वायदा बाजार आयोग के विलय के बाद ये बातें कही।

सेबी चेयरमैन ने साथ ही अगले कुछ महीनों में कमोडिटीज मार्केट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी FPI और बैंकों को निवेश करने और नए प्रोडक्ट लांच करने की मंजूरी देने की भी बात कही।

कमोडिटीज मार्केट को FPI के निवेश को मंजूरी देने की उम्मीद है लेकिन रिजर्व बैंक ने मार्केट रेगुलेटर से कहा है कि जब तक सरकार इस बारे में अंतिम फैसला नहीं लेती है, तब तक वह इस पर कोई फैसला ना ले। चुंकि पूंजी बाजार में FPI को निवेश करने की मंजूरी मिली हुई है, इसलिए ऐसा माना जा रहा था कि सेबी में एफएमसी के विलय के बाद कमोडिटीज मार्केट में भी उनको निवेश की अनुमति दे दी जाएगी।

सेबी ने एफएमसी के विलय से पहले सरकार और रिजर्व बैंक को कमोडिटीज डेरिवेटिव्ज मार्केट में FPI को निवेश करने की मंजूरी देने के संबंध में चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद रिजर्व बैंक ने यथास्थिति बनाए रखने को कहा था।

((FMC का SEBI में हुआ विलय
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/09/fmc-sebi_28.html

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