ब्याज नहीं घटाने के रघुराम राजन के तर्क

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आपकी EMI घटने की उम्मीदों पर पानी फेरा है, इंडस्ट्री के सस्ते कर्ज की संभावनाओं को झटका दिया है, सरकार की ब्याज सस्ता करने की अपील को ठुकरा दिया है, लेकिन खुद रघुराम राजन का ब्याज नहीं घटाने के बारे में क्या कहना है। उनके लिए ग्रोथ और महंगाई को साथ-साथ साधना आसान नहीं है।

-बैंक इस साल अब तक तीन बार प्रमुख दरों में कटौती का फायदा अपने ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि इस साल अब तक उसने प्रमुख दरों को 0.75% घटाया है लेकिन बैंकों ने ग्राहकों को ब्याज दरों में 0.30% की ही कटौती का फायदा दिया है।

-महंगाई पर अभी भी पूरी तरह काबू नहीं पाया गया है। रिजर्न बैंक की नजर प्राथमिकता महंगाई पर काबू करने और सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार की नीतियों पर है। सरकारी खर्च, इकोनॉमी में बढ़ते निवेश और फेड के पॉलिसी एक्शन पर ही आगे का पॉलिसी एक्शन निर्भर करेगा। अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व कभी भी ब्याज दर बढ़ाने पर लगातार काम कर रहा है।

-जून में महंगाई दर ज्यादा थी,लेकिन जुलाई-अगस्त में घटने की उम्मीद है। रिजर्व बैंक को दलहन, तिलहन की कीमतों के बढ़ने से महंगाई बढ़ने का डर बरकरार है। फिलहाल कच्चे तेल की कीमत गिरने और अब तक
खरीफ फसलों की बुआई ठीक-ठीक रहने की वजह से महंगाई पर दबाव घटने की उम्मीद है।

31 जुलाई तक देश में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 9% ज्यादा बुआ हुई है जबकि बारिश औसत से करीब 17% कम हुई है। इसके अलावे भारतीय मौसम विभाग ने अगस्त-सितंबर में औसत से 16% कम बारिश का अनुमान जताया है। (कम बारिश से बेअसर खरीफ फसलों की बुआई;  पढ़ें
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/08/764.html)

-रिजर्व बैंक के मुताबिक, इस साल जून तिमाही में ग्लोबल आर्थिक हालात में मामूली सुधार देखने को मिला है। भारत में भी कुछ सुधार देखा जा रहा है। अगर खरीफ की फसल अच्छी होती है तो ग्रामीण इलाकों में
मांग बढ़ सकती है। वैसे शहरों में मांग बढ़ने के संकेत हैं। रिजर्व बैंक को इस साल सितंबर या दिसंबर में अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने का भी डर सता रहा है। इसके अलावा चीन में आर्थिक धीमेपन और एक्सपोर्ट में कमी से भी रिजर्व बैंक सहमा हुआ है।

रिजर्व बैंक चौथी द्विमासिक मौद्रिक पॉलिसी की समीक्षा 29 सितंबर को करेगा।

रिजर्व बैंक ने ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/08/blog-post_45.html

कोई टिप्पणी नहीं