पिछले कुछ समय से सोने में गिरावट के बावजूद इसको लेकर ग्राहकों में दीवानगी कम हुई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की मानें तो, इस साल अप्रैल-जून तिमाही में ग्लोबल स्तर पर सोने की मांग में कमी आई है। सोना के दुनिया के दो सबसे बड़े ग्राहक देश भारत और चीन से मांग में कमी को इसकी वजह बताई जा रही है।
डब्ल्यूजीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की अप्रैल-जून तिमाही में दुनिया भर में सोने की मांग 12 % घटकर 914.9 टन रह गई और ऐसा मुख्य तौर पर भारत और चीन में उपभोक्ताओं की ओर से मांग घटने के कारण हुआ।
डब्ल्यूजीसी की 2015 की दूसरी तिमाही में सोने की मांग से जुड़ी रपट के मुताबिक 2014 की दूसरी तिमाही में मांग 1,038 टन थी।
जहां तक इस दौरान भारत से मांग की बात है तो इसमें 25% की कमी आई है। पिछले साल की अप्रैल-जून तिमाही में जहां 204.9 टन सोने की मांग की थी, वहीं इस साल इस तिमाही में घटकर 154.5 टन रह गई। अगर कीमत के आधार पर सोने की मांग की बात करें तो इस दौरान 26% की कमी आई है। पिछले साल अप्रैल-जून तिमाही में भारत में 50,778.1 करोड़ रुपए के सोने की मांग थी जो कि इस साल की इस तिमाही में घटकर
37,590.2 करोड़ रुपए हो गई।
इस दौरान भारत में जेवरात की मांग 23 % घटकर 118 टन रही। देश में पहली तिमाही के दौरान बेमौसम बारिश और दूसरी तिमाही में सूखे के कारण ग्रामीण आय प्रभावित हुई जिससे सोने की मांग पर असर हुआ। इसके अलावा शादी के लिए शुभ मुहुर्त न होने से भी शादी से जुड़ी सोने की मांग असाधारण
रूप से कम रही।
आगे मांग कैसी रहेगी:
डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक ने सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र की तरह यूरोप और अमेरिका में ज्यादा वजनी जेवरात की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा, 'साल के शेष हिस्से में जेवरात बाजार का परिदृश्य अच्छा नजर आता है क्योंकि भारत में शादी और त्योहारों का मौसम आने वाला है। इसके अलावा सोने की कीमत घटने से मूल्य के प्रति संवेदनशील बाजारों में खरीदारी बढ़ती है और इसके शुरआती संकेत एशिया
तथा पश्चिम एशिया में नजर आ रहे हैं।'
संकट में संकट का साथी 'सोना'! अभी क्या करें, जानने के लिए पढ़ें
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/07/blog-post_25.html
डब्ल्यूजीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की अप्रैल-जून तिमाही में दुनिया भर में सोने की मांग 12 % घटकर 914.9 टन रह गई और ऐसा मुख्य तौर पर भारत और चीन में उपभोक्ताओं की ओर से मांग घटने के कारण हुआ।
डब्ल्यूजीसी की 2015 की दूसरी तिमाही में सोने की मांग से जुड़ी रपट के मुताबिक 2014 की दूसरी तिमाही में मांग 1,038 टन थी।
जहां तक इस दौरान भारत से मांग की बात है तो इसमें 25% की कमी आई है। पिछले साल की अप्रैल-जून तिमाही में जहां 204.9 टन सोने की मांग की थी, वहीं इस साल इस तिमाही में घटकर 154.5 टन रह गई। अगर कीमत के आधार पर सोने की मांग की बात करें तो इस दौरान 26% की कमी आई है। पिछले साल अप्रैल-जून तिमाही में भारत में 50,778.1 करोड़ रुपए के सोने की मांग थी जो कि इस साल की इस तिमाही में घटकर
37,590.2 करोड़ रुपए हो गई।
इस दौरान भारत में जेवरात की मांग 23 % घटकर 118 टन रही। देश में पहली तिमाही के दौरान बेमौसम बारिश और दूसरी तिमाही में सूखे के कारण ग्रामीण आय प्रभावित हुई जिससे सोने की मांग पर असर हुआ। इसके अलावा शादी के लिए शुभ मुहुर्त न होने से भी शादी से जुड़ी सोने की मांग असाधारण
रूप से कम रही।
आगे मांग कैसी रहेगी:
डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक ने सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र की तरह यूरोप और अमेरिका में ज्यादा वजनी जेवरात की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा, 'साल के शेष हिस्से में जेवरात बाजार का परिदृश्य अच्छा नजर आता है क्योंकि भारत में शादी और त्योहारों का मौसम आने वाला है। इसके अलावा सोने की कीमत घटने से मूल्य के प्रति संवेदनशील बाजारों में खरीदारी बढ़ती है और इसके शुरआती संकेत एशिया
तथा पश्चिम एशिया में नजर आ रहे हैं।'
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