आम बजट: 2015-16; अपने सोना से नियमित कमाएं, देश के विकास में भी भागीदार बनें
जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करता है बसेरा,
वह भारत देश है हमारा। जी हां, अब ये सोना सचमुच में देश की तकदीर बदलेगा। सदियों से घरों और गले-कलाइयों-अंगुली की शोभा बढ़ाने वाला सोना अब नियमित कमाई के साथ-साथ देश के विकास का भी जरिया बनेगा। अब अनुत्पादक होने का आरोप झेलने वाले सोने के भी अच्छे दिन आएंगे। आपके पास भी अगर सोना यूं ही पड़ा है तो उसका इस्तेमाल अपनी कमाई बढ़ाने में कर सकते हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पहले पूर्ण आम बजट 2015-16 में सोना मुद्रीकरण योजना (Gold Monetisation Scheme)का प्रस्ताव किया है। लंबे समय से जानकार देश में बेकार पड़े सोने का देश के विकास में इस्तेमाल करने के लिए इस तरह की स्कीम लाने की मांग कर रहे थे। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि हम हर साल 800-1000 टन सोने का आयात करते हैं और इस समय करीब 20 हजार टन सोना हमारे घरों में बेकार पड़ा है। इस स्कीम से गोल्ड लोन के साथ-साथ सोना को बेकार रखने की आदत को भी खत्म किया जा सकेगा।
Gold Monetisation स्कीम के फायदे:
1-अपने सोना को मेटल अकाउंट में रखकर ग्राहक उस पर ब्याज पा सकते हैं।
2-ज्वेलर्स को उनके सोना के बदले लोन मिल सकता है
2-बैंक या दूसरे डीलर्स को भी सोने को मॉनेटाइज करने की सुविधा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोने की जगह पर वैकल्पिक फाइनेंशियल एसेट सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड विकसित करने का भी प्रस्ताव अपने पहले पूर्ण बजट में किया है। इसमें ग्राहकों को फिक्स्ड ब्याज तो मिलेगा ही, बॉन्ड को रीडिम यानी बेचने की भी सुविधा होगी। रीडिम्प्शन के समय सोने के फेस वैल्यू के आधार पर पैसे मिलेंगे।
पेट्रो पदार्थों के बाद देश का सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा सोने के आयात पर खर्च होता है। देश की इकानॉमी के लिए सिरदर्द बने करंट अकाउंट डिफिसिट यानी चालू खाता का घाटा बढ़ाने में सबसे बड़ी भूमिका सोने की है। क्योंकि सोने के इंपोर्ट पर काफी विदेशी मुद्रा खर्च होता है लेकिन ये अनुत्पादक है। मैन्युफैक्चरिंग में इसका कोई खास इस्तेमाल नहीं होता है। इसलिए सोने के इंपोर्ट को कम से कम करने के लिए अरुण जेटली ने इंडियन गोल्ड कॉइन विकसित करने का एलान किया है, जिस पर अशोक चक्र का निशान रहेगा। इससे विदेशों में बने गोल्ड कॉइन की मांग को कम करने में मदद मिलेगी।
जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करता है बसेरा,
वह भारत देश है हमारा। जी हां, अब ये सोना सचमुच में देश की तकदीर बदलेगा। सदियों से घरों और गले-कलाइयों-अंगुली की शोभा बढ़ाने वाला सोना अब नियमित कमाई के साथ-साथ देश के विकास का भी जरिया बनेगा। अब अनुत्पादक होने का आरोप झेलने वाले सोने के भी अच्छे दिन आएंगे। आपके पास भी अगर सोना यूं ही पड़ा है तो उसका इस्तेमाल अपनी कमाई बढ़ाने में कर सकते हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पहले पूर्ण आम बजट 2015-16 में सोना मुद्रीकरण योजना (Gold Monetisation Scheme)का प्रस्ताव किया है। लंबे समय से जानकार देश में बेकार पड़े सोने का देश के विकास में इस्तेमाल करने के लिए इस तरह की स्कीम लाने की मांग कर रहे थे। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि हम हर साल 800-1000 टन सोने का आयात करते हैं और इस समय करीब 20 हजार टन सोना हमारे घरों में बेकार पड़ा है। इस स्कीम से गोल्ड लोन के साथ-साथ सोना को बेकार रखने की आदत को भी खत्म किया जा सकेगा।
Gold Monetisation स्कीम के फायदे:
1-अपने सोना को मेटल अकाउंट में रखकर ग्राहक उस पर ब्याज पा सकते हैं।
2-ज्वेलर्स को उनके सोना के बदले लोन मिल सकता है
2-बैंक या दूसरे डीलर्स को भी सोने को मॉनेटाइज करने की सुविधा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोने की जगह पर वैकल्पिक फाइनेंशियल एसेट सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड विकसित करने का भी प्रस्ताव अपने पहले पूर्ण बजट में किया है। इसमें ग्राहकों को फिक्स्ड ब्याज तो मिलेगा ही, बॉन्ड को रीडिम यानी बेचने की भी सुविधा होगी। रीडिम्प्शन के समय सोने के फेस वैल्यू के आधार पर पैसे मिलेंगे।
पेट्रो पदार्थों के बाद देश का सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा सोने के आयात पर खर्च होता है। देश की इकानॉमी के लिए सिरदर्द बने करंट अकाउंट डिफिसिट यानी चालू खाता का घाटा बढ़ाने में सबसे बड़ी भूमिका सोने की है। क्योंकि सोने के इंपोर्ट पर काफी विदेशी मुद्रा खर्च होता है लेकिन ये अनुत्पादक है। मैन्युफैक्चरिंग में इसका कोई खास इस्तेमाल नहीं होता है। इसलिए सोने के इंपोर्ट को कम से कम करने के लिए अरुण जेटली ने इंडियन गोल्ड कॉइन विकसित करने का एलान किया है, जिस पर अशोक चक्र का निशान रहेगा। इससे विदेशों में बने गोल्ड कॉइन की मांग को कम करने में मदद मिलेगी।
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