चीन की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार दूसरी तिमाही में सुस्ती के साथ 6.2 प्रतिशत पर रही
चीन की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार इस साल की दूसरी तिमाही में तीन दशक में सबसे कम रही। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और वैश्विक स्तर पर मांग में कमी का असर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिला।
अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार के कारण भी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अमेरिका के खिलाफ ताकत से लड़ने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अमेरिका आयात शुल्क का इस्तेमाल चीन की अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए कर रहा है।
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि की रफ्तार 6.2 प्रतिशत रही।
हालांकि, जीडीपी के ये आंकड़े पूरे साल के लिए सरकार के 6.0-6.5 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप हैं।
एनबीएस के प्रवक्ता माओ शेंगयोंग ने कहा, 'घरेलू एवं विदेशी मोर्चे पर अर्थव्यवस्था की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी आ रही है और बाह्य अस्थिरता एवं अनिश्चितताएं बढ़ रही हैं।'
(सौ. पीटीआई भाषा)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
एनजीटी ने गैमन इंडिया, एचसीसी पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर दो- दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने जम्मू - कश्मीर में चेनाब और तवी नदी को दूषित करने के लिए गैमन इंडिया और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) पर जुर्माने की रकम को बढ़ाकर दो - दो करोड़ रुपये कर दिया है।
कंपनियां पर यह जुर्माना निर्माण कार्य के दौरान निकले मलबे को नदियों में डालकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने को लेकर लगाया गया है।
इससे पहले , एनजीटी ने 12 फरवरी को दोनों कंपनियों पर की गई पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में एक - एक करोड़ का जुर्माना लगाया था। लेकिन जब न्यायाधिकरण ने देखा कि कंपनियों ने नदियों में मलबा नहीं डालने के उसके आदेश में का अनुपालन नहीं किया तो एनजीटी ने जुर्माना बढ़ाकर दो- दो करोड़ रुपये कर दिया।
याचिकाकर्ता अमरेश सिंह ने याचिका में एनजीटी से मलबे की डंपिंग को रोकने का निर्देश देने की गुहार लगाई थी। याचिका में कहा गया है कि जम्मू - कश्मीर में ऊधमपुर से बनिहाल तक राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में निकले मलबे को सीधे नदियों में ठिकाने लगाया जा रहा है।
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को कंपनियों को दो सप्ताह के अंदर दो - दो करोड़ रुपये की कार्य निष्पादन गारंटी जमा करने के भी आदेश दिए हैं।
एनजीटी ने कहा , " गैमन इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी को एक महीने के भीतर दो - दो करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा ... यह राशि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा की जाएगी , जो पर्यावरण को व्यवस्थित रखने का काम करती है। "
पर्यावरण नियमों का अनुपालन करने में बार - बार नाकाम रहने के लिए यह जुर्माना लगाया है।
एनजीटी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भी दो सप्ताह के भीतर कार्य निष्पादन गारंटी स्वरूप एक करोड़ जमा कराने का आदेश दिया है।
उसने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि पर्यावरण नियमों को बनाए रखने में कोई और चूक हुई तो गारंटी राशि को जब्त कर लिया जाएगा।
एनजीटी ने कंपनियों को चेतानवी दी है कि यदि उसके आदेश का पालन नहीं किया गया तो हमारे पास उक्त कंपनियों के निदेशकों को जेल भेजने के निर्देश देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा।
कंपनियों ने एनजीटी के फरवरी के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। हालांकि , शीर्ष न्यायालय ने उनकी अपील को खारिज कर दिया था।
(सौ. पीटीआई भाषा)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
#SBI ने #RTGS, #NEFT के बाद #IMPS को फ्री किया #beyourmoneymanager #M...