ब्लैक फ्राइडे! सेंसेक्स 410 अंक लुढ़का, निफ्टी 10 हजार के नीचे निपटा, शंघाई कंपोजिट 110 अंक तो निक्केई 974 अंक फिसला

अमेरिकी शेयर बाजार गुरुवार को गिरे, डाओ जोंस 724 अंक फिसला, 8  फरवरी के बाद एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट
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((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
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Rajanish Kant शुक्रवार, 23 मार्च 2018
US डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत (23 मार्च )($1=₹ 65.1333)
अमेरिकी डॉलर के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक की संदर्भ दर
भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 23 मार्च 2018 को अमेरिकी डॉलर के लिए संदर्भ दर  65.1333 है। पिछले दिन (22 मार्च 2018) के लिए समतुल्‍य दर  65.0622 थी।
अमेरिकी डॉलर के लिए संदर्भ दर और पारस्‍परिक मुद्रा-दरों की मध्‍य दरों के आधार पर रुपये के लिए यूरो, ग्रेट ब्रिटेन पाउंड और जापानी येन की विनिमय दरें इस प्रकार हैं :
मुद्रातारीख
22 मार्च 201823 मार्च 2018
1 यूरो80.371380.3354
1 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड92.063091.9552
100 जापानी येन61.4462.13
टिप्‍पणी : एसडीआर- रुपया दर संदर्भ दर पर आधारित होगी।
Source: rbi.org.in
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Rajanish Kant
अमेरिकी शेयर बाजार गुरुवार को गिरे, डाओ जोंस 724 अंक फिसला, 8 फरवरी के बाद एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट
(अमेरिकी-यूरोपीय बाजारों का प्रदर्शन-(गुरुवार)

(एशियाई बाजारों का प्रदर्शन-(गुरुवार)



अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को गिरा, डाओ जोंस 45 अंक टूटा,फेड ने ब्याज बढ़ाया और ग्रोथ का अनुमान भी 
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
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म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
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Rajanish Kant
संसद में ग्रैच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2018 पारित, ग्रैच्‍युटी की अधिकतम राशि बढ़कर 20 लाख रुपये
संसद में ग्रैच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2018 पारित
    ग्रैच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2018 को आज संसद ने पारित कर दिया है। विधेयक के पारित होने के साथ ही निजी क्षेत्रों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/ सरकार के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त संगठनों के उन कर्मचारियों के बीच ग्रैच्युटी को लेकर समानता हो गई जो सीसीएस (पेंशन) नियम के तहत नहीं आते हैं। ऐसे कर्मचारी भी अपने समक्ष सरकारी कर्मचारियों की तरह ग्रैच्युटी की उच्चतम राशि पाने के हकदार हो जाएंगे। यह विधेयक 22 मार्च 2018 को राज्यसभा में पारित कर दिया गया जबकि लोकसभा में इसे 15 मार्च, 2018 को ही पारित कर दिया गया था।
ग्रैच्युटी भुगतान कानून, 1972 उन प्रतिष्‍ठानों में लागू होता है जिनमें 10 या उससे अधिक लोग काम करते हैं। इस कानून को लागू करने का मुख्‍य उद्देश्‍य सेवानिवृत्‍ति के बाद कर्मचारियेां को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है चाहे उनकी सेवानिवृत्‍ति उम्र पूरी हो जाने की वजह से या शारीरिक अक्षमता या फिर शरीर के अहम हिस्‍से को हानि की वजह से हुई हो। इसलिए ग्रैच्युटी भुगतान कानून, 1972 उद्योगों, फैक्‍ट्रियों और प्रतिष्‍ठानों में काम करने वाले लोगों को उनकी मजदूरी दिलाने का एक महत्‍वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा कानून है।
     इस कानून के तहत वर्तमान में ग्रैच्युटी की अधिकतम राशि 10 लाख रुपये है। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत केंद्र के सरकारी कर्मचारियों के लिए भी ग्रैच्‍युटी के संदर्भ में यही प्रावधान है। सातवां वेतन आयोग लागू होने से पहले केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत ग्रैच्‍युटी की अधिकतम राशि 10 लाख रुपये थी, लेकिन सातवां वेतन लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की ग्रैच्‍युटी की अधिकतम राशि बढ़कर 20 लाख रुपये हो गई।
     निजी क्षेत्रों के कर्मचारियों के मामले में भी मुद्रास्‍फीति और वेतन वृद्धि को देखते हुए सरकार ने फैसला किया कि ग्रैच्‍युटी भुगतान कानून, 1972 के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए भी ग्रैच्‍युटी के अधिकार में संशोधन किया जाना चाहिए। 
     तदनुसार, ग्रैच्युटी की अधिकतम सीमा सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित होने वाली राशि के हिसाब से बढ़ाने के लिए सरकार ने ग्रेच्युटी भुगतान कानून, 1972 में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की।
     इसके अलावा, विधेयक में महिला कर्मचारियों के मामले में ग्रैच्युटी के लिए निरंतर सेवा की गणना से संबंधित प्रावधान में संशोधन का प्रस्‍ताव है, जिसमें मातृत्‍व अवकाश के मामले में 12 सप्‍ताह से लेकर केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित अवधि तक की छुट्टी शामिल है।
अधिनियम के कानून बनने के बाद ग्रैच्‍युटी भुगतान कानून, 1972 के तहत ग्रैच्‍युटी की राशि की सीमा अधिसूचित करने की शक्‍ति केंद्र सरकार को दे दी जाएगी ताकि वेतन में वृद्धि, मुद्रास्‍फीति और भविष्‍य में वेतन आयोगों को देखते हुए समय-समय पर ग्रैच्‍युटी की सीमा को संशोधित किया जा सके। 
(स्रोत-पीआईबी)

Rajanish Kant