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PF, PPF, GPF में अभी कितना ब्याज है, क्या आप निवेश कर सकते हैं

PF, PPF, GPF में अभी कितना ब्याज है, क्या आप निवेश कर सकते हैं

Rajanish Kant बुधवार, 7 नवंबर 2018
PPF, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि: छप्पडफाड़ ब्याज मिलेगा

PPF, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि: छप्पडफाड़ ब्याज मिलेगा

Rajanish Kant शनिवार, 22 सितंबर 2018
PPF, सुकन्या समृद्धि योजना में पैसे लगाने वालों के लिए अच्छी खबर
भारत सरकार के निर्णय को ध्‍यान में रखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री की मंजूरी मिलने पर अल्‍प बचत योजनाओं की ब्याज दरों को हर तिमाही में अधिसूचित किया जाना है। तदनुसार, चालू वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही (1 अक्टूबर, 2018 से शुरू और 31 दिसंबर, 2018 को समाप्ति‍) के लिए विभिन्न अल्‍प बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की घोषणा की गई है। इन योजनाओं में अंतर्निहित ब्याज चक्रवृद्धि/भुगतान के आधार पर ब्याज दरें निम्नानुसार होंगी:  

बचत योजना01.07.2018  से 30.09.2018 तक के लिए ब्‍याज दर 01.10.2018 से  31.12.2018 तक के लिए ब्‍याज दरआकलन की आवृत्ति *
बचत जमा4.04.0वार्षिक
1 वर्षीय सावधि जमा 6.66.9तिमाही
2 वर्षीय सावधि जमा6.77.0तिमाही
3 वर्षीय सावधि जमा6.97.2तिमाही
5 वर्षीय सावधि जमा7.47.8तिमाही
5 वर्षीय आवर्ती जमा6.97.3तिमाही
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (5 वर्ष)8.38.7तिमाही और देय
5 वर्षीय मासिक आय खाता7.37.7मासिक और देय
5 वर्षीय राष्ट्रीय बचत पत्र7.68.0वार्षिक
सार्वजनिक भविष्य निधि योजना7.68.0वार्षिक
किसान विकास पत्र7.3 (परिपक्‍वता 118 माह में)7.7 (परिपक्‍वता 112 माह में)वार्षिक
सुकन्या समृद्धि योजना8.18.5वार्षिक
* कोई बदलाव नहीं


(Source: pib.nic.in)



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Rajanish Kant गुरुवार, 20 सितंबर 2018
PPF vs NPS! बेहतर कौन...आप खुद ही पता कर लें...

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Rajanish Kant सोमवार, 16 जुलाई 2018
अभी PPF, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना में पैसे लगाने पर कितना...

अभी PPF, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना में पैसे लगाने पर कितना...

Rajanish Kant सोमवार, 2 जुलाई 2018
PPF, KVP समेत छोटी बचत योजनाओं के ब्याज में जुलाई-सितंबर तिमाही में बदलाव नहीं
सरकारी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, जुलाई-सितंबर तिमाही 2018-19 के लिए ब्याज दर अधिसूचित

PPF, KVP, सुकन्या समृद्धि योजना, 5 साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और 5 साल की राष्ट्रीय बचत पत्र जैसी तमाम छोटी बचत योजनाओं में पैसे लगाने वालों के लिए जरूरी खबर है। अप्रैल-जून तिमाही के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भी इन पर मिलने वाली ब्याज दरों को जस का तस रखा गया है। वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर के दौरान ब्याज दर को अप्रैल-जून तिमाही और जनवरी-मार्च तिमाही जितनी ही रहने दिया गया है। नई दरें 1 जुलाई 2018 से लागू हो गई हैं।

बता दें कि सरकार हर तिमाही इन ब्याज दरों की  समीक्षा करती है। छोटी सरकारी बचत योजनाओं की नई ब्याज दर व्यवस्था वित्त वर्ष 2016-17 अप्रैल तिमाही से लागू की गई है।
> छोटी बचत स्कीम                    पहले ब्याज दर                         नई ब्याज दर
                                             (1 अप्रैल-30 जून                        (1 जुलाई -30 सितंबर
                                                2018 तक)                                2018 तक)
-बचत जमा                                         4                                   4  (सालाना)
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-1 साल की सावधि जमा                       6.6                              6.6  (सालाना और तिमाही भुगतान)
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-2 साल की सावधि जमा                      6.7                               6.7 (सालाना और तिमाही भुगतान)
------------------------------------------------------------------------------------------
-3 साल की सावधि जमा                       6.9                               6.9 (सालाना और तिमाही भुगतान)
--------------------------------------------------------------------------------------------
-5 साल की सावधि जमा                       7.4                              7.4 (सालाना और तिमाही भुगतान)
---------------------------------------------------------------------------------------------
-5 साल की रेकरिंग जमा                       6.9                             6.9  (सालाना और तिमाही भुगतान)
---------------------------------------------------------------------------------------------
-5 साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना  8.3                            8.3 (सालाना और तिमाही भुगतान)
-----------------------------------------------------------------------------------------------
-5 साल की मंथली इनकम अकाउंट स्कीम  7.3                    7.3 (सालाना और मासिक भुगतान)
-------------------------------------------------------------------------------------------------
-5 साल की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट       7.6                     7.6 (सालाना)
-------------------------------------------------------------------------------------------------
-पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( PPF)                  7.6                   7.6 (सालाना)
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-किसान विकास पत्र                    7.3 (118 महीने में मैच्योर)       7.3 (सालाना और 118 महीने में मैच्योर)
----------------------------------------------------------------------------------------------------------
-सुकन्या समृद्धि अकाउंट स्कीम                 8.1                           8.1 (सालाना)
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सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना 

PPF, KVP,समेत छोटी बचत योजनाओं के ब्याज में अप्रैल-जून तिमाही में बदलाव नहीं 
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पढ़ें  बेटी तुम बहादुर ही बनना 
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Rajanish Kant
PF,ELSS,PPF, FD अकाउंट होल्डर की बीच में मौत हो जाए, तो नॉमिनी कैसे निकालें पैसे

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Rajanish Kant मंगलवार, 26 जून 2018
PPF या FD? आपके लिए फायदेमंद कौन? PPF ya FD? Faydemand kaun

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Rajanish Kant गुरुवार, 21 जून 2018
PPF खाता ऑनलाइन कैसे खोलें...मैच्योरिटी के बाद क्या करें..


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Rajanish Kant शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018
PPF, KVP समेत छोटी बचत योजनाओं के ब्याज में अप्रैल-जून तिमाही में बदलाव नहीं
सरकारी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, अप्रैल-जून तिमाही 2018-19 के लिए ब्याज दर अधिसूचित

सरकार ने PPF, KVP, सुकन्या समृद्धि योजना, 5 साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और 5 साल की राष्ट्रीय बचत पत्र जैसी तमाम छोटी बचत योजनाओं में पैसे लगाने वालों को मामूली राहत दी है। ब्याज दरों में कमी नहीं की गई है। उन योजनाओं की जमा ब्याज दरों को वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान पिछली तिमाही जनवरी-मार्च तिमाही 2018-19 जितनी ही रहने दिया गया है। नई दरें एक अप्रैल 2018 से लागू हो जाएंगी।

बता दें कि सरकार हर तिमाही इन ब्याज दरों की  समीक्षा करती है। छोटी सरकारी बचत योजनाओं की नई ब्याज दर व्यवस्था वित्त वर्ष 2016-17 अप्रैल तिमाही से लागू की गई है।
> छोटी बचत स्कीम                    पहले ब्याज दर                         नई ब्याज दर
                                             (1 जनवरी-31 मार्च               (1 अप्रैल -30 जून
                                                2018 तक)                                2018 तक)
-बचत जमा                                         4                                   4  (सालाना)
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-1 साल की सावधि जमा                       6.6                              6.6  (सालाना और तिमाही भुगतान)
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-2 साल की सावधि जमा                      6.7                               6.7 (सालाना और तिमाही भुगतान)
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-3 साल की सावधि जमा                       6.9                               6.9 (सालाना और तिमाही भुगतान)
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-5 साल की सावधि जमा                       7.4                              7.4 (सालाना और तिमाही भुगतान)
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-5 साल की रेकरिंग जमा                       6.9                             6.9  (सालाना और तिमाही भुगतान)
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-5 साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना  8.3                            8.3 (सालाना और तिमाही भुगतान)
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-5 साल की मंथली इनकम अकाउंट स्कीम  7.3                    7.3 (सालाना और मासिक भुगतान)
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-5 साल की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट       7.6                     7.6 (सालाना)
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-पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( PPF)                  7.6                   7.6 (सालाना)
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-किसान विकास पत्र                    7.3 (118 महीने में मैच्योर)       7.3 (सालाना और 118 महीने में मैच्योर)
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-सुकन्या समृद्धि अकाउंट स्कीम                 8.1                           8.1 (सालाना)
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((PPF, KVP, SCSS, SSY समेत छोटी बचत योजनाओं के बारे में बड़ी खबर, जनवरी-मार्च (Q4) में मिलेगा कम ब्याज
((छोटी बचत स्कीम्स को लेकर बड़ी खबर, सरकार ने डाकघरों पर से निर्भरता खत्म की
((बैंक एफडी और छोटी बचत योजनाओं में से बेहतर कौन ?
छोटी बचत योजनाओं में अब भी है दम, भले ही ब्याज हुआ कम 
((सबसे फायदेमंद टैक्स बचत साधन कौन-लाइफ इंश्योरेंस प्लान, बैंक FD, PPF, NSCs, NPS, ELSS या सुकन्या समृद्धि योजना?
((डाकघर बचत योजनाएं: अपना पैसा बचाएं, पैसा बढ़ाएं, हर महीने जरूरी हो तो वो भी पाएं
((2017 में करें ये 17 काम, फाइनेंशियल सफर को बनाएं आसान 
बचत और निवेश पर खास लेख: 
((अलग-अलग इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (निवेश साधन) क्या होते हैं ?
((बैंक FD, सेविंग्स डिपॉजिट से बेहतर क्यों है लिक्विड फंड
((क्या करें महिलाएं, अगर निवेश और फाइनेंस की बेसिक जानकारी ना हो ?   
((महिलाओं को क्यों सीखना चाहिए निवेश और फाइनेंस की बेसिक्स 
((फर्जी निवेश स्कीम में नहीं फंसेंगे, अगर ये फॉर्मूला अपनाएंगे
आपका पैसा दोगुना, तिगुना, चार गुना कब होगा, ये फॉर्मूला बताएगा...
((क्या है निवेश का '100-उम्र' फॉर्मूला? 
((शेयर बाजार और डेट (FD, बॉण्ड) में कितना-कितना पैसा लगाएं
((निवेश को नुकसान से बचाना है तो 5 गलतियों से बचें
((बचत करूं या करूं निवेश, कौन देगा ज्यादा फाइनेंशियल कॉन्फिडेंस

((60 साल की उम्र में करोड़पति बनने के लिए क्या करें
((आपका पैसा कब होगा दुगुना, जानें इस फॉर्मूला से 
72 का नियम याद रखें, आपको बनाएगा मालामाल
((डिपॉजिट्स पर ब्याज घटे, अब कहां हैं ज्यादा कमाई के सुरक्षित मौक; भाग-1 
((डिपॉजिट्स पर ब्याज घटे, अब कहां हैं ज्यादा कमाई के सुरक्षित मौक; भाग-2
((आपने KYC डीटेल्स अपडेट किया या नहीं...
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((लोन पर घर, जेब खाली, डिफॉल्टर होने से कैसे बचेंगे ?
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((बड़े फायदे हैं छोटी बचत के
((छोटी बचत, बड़े फायदे
((ट्रेजरी बिल्स (टी-बिल्स) क्या है
((सर्टिफेकेट ऑफ डिपॉजिट्स के बारे में जानें 



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Rajanish Kant गुरुवार, 29 मार्च 2018
PPF समेत छोटी बचत स्कीम से संबंधित आशंका पर सरकार की सफाई
भारत सरकार ने अल्‍प बचत अधिनियम में संशोधन किए

सरकारी बचत प्रमाणपत्र अधिनियम, 1959 और सार्वजनिक भविष्‍य निधि अधिनियम, 1968 का विलय सरकारी बचत बैंक अधिनियम, 1873 में करने का प्रस्‍ताव प्रस्‍तावित सरकारी बचत संवर्धन अधिनियम के अंतर्गत पीपीएफ अधिनियम को लाते समय सभी मौजूदा सुरक्षा को बरकरार रखा गया है
  सरकार अल्‍प बचत करने वालों, विशेषकर बालिकाओं, वरिष्‍ठ नागरिकों के लाभ हेतु की जाने वाली बचत के साथ-साथ नियमित तौर पर बचत करने वाले उन लोगों के हितों को भी सर्वोच्‍च प्राथमिकता देती है जो हमारे देश के बचत ढांचे की रीढ़ माने जाते हैं। विभिन्‍न तरह के अधिनियमों के कारण उत्‍पन्‍न मौजूदा अस्पष्टता के साथ-साथ अल्‍प बचत योजनाओं से जुड़े नियमों में निहित अस्पष्टता को भी समाप्‍त करने तथा ‘न्‍यूनतम सरकार, अधिकतम गवर्नेंस’ के उद्देश्‍य को और मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने सरकारी बचत प्रमाणपत्र अधिनियम, 1959 और सार्वजनिक भविष्‍य निधि अधिनियम, 1968 का विलय सरकारी बचत बैंक अधिनियम, 1873 में करने का प्रस्‍ताव किया है। अब एक ही अधिनियम के अस्‍तित्‍व में रहने जाने की स्थिति में सरकारी बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) अधिनियम, 1959 और सार्वजनिक भविष्‍य निधि अधिनियम, 1968 के प्रासंगिक प्रावधानों का विलय नए संशोधित अधिनियम में हो जाएगा और इसके लिए मौजूदा अधिनियम के किसी भी कार्यरत प्रावधान के मामले में कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा।
प्रस्‍तावित सरकारी बचत संवर्धन अधिनियम के अंतर्गत पीपीएफ अधिनियम को लाते समय सभी मौजूदा सुरक्षा को बरकरार रखा गया है। इस प्रक्रिया के जरिए जमाकर्ताओं को मिलने वाले किसी भी मौजूदा लाभ को वापस लेने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है। केवल एक ही अधिनियम को प्रस्‍तावित करने के पीछे मुख्‍य उद्देश्‍य जमाकर्ताओं के लिए इसके क्रियान्‍वयन को सुगम बनाना है क्‍योंकि उन्‍हें विभिन्‍न अल्‍प बचत योजनाओं के प्रावधानों को समझने के लिए विभिन्‍न नियमों और अधिनियमों को पढ़ने या समझने की कोई जरूरत नहीं है। इसका एक अन्‍य उद्देश्‍य निवेशकों के लिए कुछ विशेष लचीलापन सुनिश्चित करना है।
हालांकि, विभिन्‍न हलकों के साथ-साथ प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में इस आशय की चिंता जताई जा रही है कि सरकार का उद्देश्‍य जमाकर्ताओं पर किसी भी तरह का ऋण अथवा देनदारी बोझ होने की स्थिति में किसी अदालत द्वारा दिए जाने वाले आदेश अथवा हुक्मनामे के तहत सार्वजनिक भविष्‍य निधि खाते को जब्‍त करने के सापेक्ष मिलने वाली सुरक्षा को कम करना है। सरकार की ओर से यह स्‍पष्‍ट किया गया है कि संबंधित प्रावधान को वापस लेने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है और वर्तमान तथा भावी जमाकर्ताओं को संबंधित छत्र अधिनियम के तहत भी जब्‍ती या कुर्की से सुरक्षा आगे भी मिलती रहेगी।
मौजूदा लाभों को सुनिश्चित करने के अलावा जमाकर्ताओं को कुछ विशेष नए लाभ भी  विधेयक के तहत प्रस्‍तावित हैं, जिनका उल्‍लेख नीचे किया गया है।
  • पीपीएफ अधिनियम के अनुसार पांच वित्त वर्ष पूरे होने से पहले पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद नहीं किया जा सकता है। यदि जमाकर्ता अत्‍यंत आवश्‍यक होने पर भी पांच साल से पहले ही पीपीएफ खाते को बंद करना चाहता है तो वह ऐसा नहीं कर सकता है। हालांकि, सभी योजनाओं के संदर्भ में खाते को समय से पहले बंद करने के प्रावधान को आसान बनाने के लिए अब विशिष्‍ट योजना अधिसूचना के जरिए प्रावधान बनाए जा सकते हैं। अल्‍प बचत योजनाओं को समय से पहले बंद करने का लाभ अब आपातकालीन चिकित्‍सा, उच्‍च शिक्षा की जरूरतों इत्‍यादि की स्थिति में मिल सकता है।
  • अब प्रस्‍तावित विधेयक के प्रावधानों के तहत अवयस्क या नाबालिग की ओर से अभिभावक द्वारा अल्‍प बचत योजनाओं में निवेश किया जा सकता है। यही नहीं, अभिभावक को संबंधित अधिकार एवं दायित्‍व भी दिए जा सकते हैं।
  • इससे पहले मौजूदा अधिनियमों में अवयस्क द्वारा धनराशि जमा करने के बारे में कोई भी स्‍पष्‍ट प्रावधान नहीं था। अब इस आशय का प्रावधान कर दिया गया है, ताकि बच्‍चों के बीच बचत की संस्‍कृति को बढ़ावा दिया जा सके।
  • अधिनियमों के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार यदि किसी जमाकर्ता की मृत्‍यु हो जाती है और नामांकन बरकरार रहता है तो वैसी स्थिति में शेष धनराशि नामित व्‍यक्ति को दे दी जाएगी। हालांकि, माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि नामित व्यक्ति को केवल कानूनी वारिस के लाभ के लिए ट्रस्टी के रूप में राशि एकत्र करने का अधिकार है। इस वजह से अधिनियमों के प्रावधानों और उच्‍चतम न्‍यायालय के फैसले के बीच विवाद उत्‍पन्‍न हो रहे थे। अब नामित व्‍यक्ति के अधिकार को और भी ज्‍यादा स्‍पष्‍ट ढंग से परिभाषित कर दिया गया है।
  • मौजूदा अधिनियमों में अवयस्‍क के नाम पर खाता खोले जाने की स्थिति‍ में नामित या नामांकन करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा, मौजूदा अधिनियमों में यह कहा गया है कि यदि खाताधारक की मृत्‍यु हो जाती है और कोई नामित व्‍यक्ति नहीं होता है तथा कुलराशि निर्धारित सीमा से अधिक होती है तो वैसी स्थिति में धनराशि कानूनी वारिस को दे दी जाएगी। इस स्थिति में अभिभावक को उत्तराधिकार प्रमाणपत्र लेना पड़ता है। इस असुविधा को समाप्‍त करने के लिए अवयस्‍क के नाम पर खोले जाने वाले खाते के संबंध में नामांकन के प्रावधानों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि अवयस्‍क की मृत्‍यु हो जाती है और कोई भी नामित व्‍यक्ति नहीं होता है तो वैसी स्थिति में शेष धनराशि अभिभावक को दे दी जाएगी।
  • मौजूदा अधिनियमों में शिकायत निवारण के बारे में कुछ भी उल्‍लेख नहीं किया गया है। हालांकि, अब संशोधित अधिनियम के तहत सरकार शिकायत निवारण के साथ-साथ अल्‍प बचत से जुड़े विवादों के सौहार्दपूर्ण एवं त्‍वरित निपटान के लिए उपयुक्‍त व्‍यवस्‍था कर सकती है।
  • संशोधित अधिनियम में जिन प्रावधानों को शामिल करने का प्रस्‍ताव किया गया है उससे अल्‍प बचत योजनाओं के तहत खाता परिचालन में लचीलापन और भी ज्‍यादा बढ़ जाएगा।

बैंक जमाओं की तुलना में ऊंची ब्‍याज दरों की पेशकश करने वाली कुछ अल्‍प बचत योजनाओं पर आयकर लाभ भी मिलता है। इस संशोधन के जरिए अल्‍प बचत योजना पर देय ब्‍याज दर अथवा टैक्‍स नीति में कोई भी बदलाव नहीं किया जा रहा है।

इतना ही नहीं, कुछ विशेष अल्‍प बचत योजनाओं को बंद किए जाने के बारे में व्‍यक्‍त की जा रही आशंकाएं भी निराधार हैं।
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant बुधवार, 14 फ़रवरी 2018