देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की सहयोगी क्रेडिट कार्ड और भुगतान कंपनी एसबीआई कार्ड और भुगतान सेवा लिमिटेड (SBI Cards & Payment Services) का बहुप्रतीक्षित IPO 2 मार्च को खुलेगा और निवेशक 5 मार्च तक बोली लगा सकते हैं। इसका प्राइस बैंड 750-755 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है। कंपनी के कर्मचारियों के लिए 15 रुपये प्रति शेयर का डिस्काउंट दिया जाएगा। मार्केट लॉट 19 शेयर का होगा यानी आईपीओ में न्यूनतम 19 शेयरों के लिए बोली लगानी होगी। कंपनी की लिस्टिंग नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर होगी। इस ऑफर में एक शेयर की फेस वेल्यू 10 रुपये होगी।
इसमें बंपर रिटर्न की उम्मीद की जा रही है। इस आईपीओ के जरिये कंपनी का लक्ष्य 9000-10000 करोड़ रुपए जुटाना है। इससे 500 करोड़ रुपए की नई पूंजी जुटाई जाएगी, जिसका इस्तेमाल कंपनी का पूंजी आधार बढ़ाने और भविष्य की कारोबारी जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा।
SBI Cards & Payment Services में एसबीआई की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत जबकि प्राइवेट इक्विटी कंपनी कार्लाइल ग्रुप से संबंधित कंपनी सीए रोवर होल्डिंग्सि की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत है। एसबीआई कार्ड्स क्रेडिट कार्ड जारी करने के मामले में भारत में दूसरे नंबर पर आता है। इसके पास 18 फीसद मार्केट शेयर हैं। वहीं, 25 फीसद मार्केट शेयर के साथ HDFC पहले नंबर पर है।
ऑफर डॉक्यूमेंट के मुताबिक, इस आईपीओ के तहत एसबीआई 37.3 मिलियन (4 प्रतिशत हिस्सा) और कार्लाइल 93.2 मिलियन (10 प्रतिशत हिस्सा) बेचेगी।
बैंकिंग सूत्र एसबीआई कार्ड्स का वैल्यू 65 हजार करोड़ मानकर चल रहे हैं। आईपीओ के तहत हिस्सेदारी बिक्री से एसबीआई को करीब 2500 करोड़ और कार्लाइल को 6500 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। पीई फर्म कार्लाइल को इस बिक्री से विंडफॉल मुनाफा होगा। कार्लाइल ने 2017 में एसबीआई की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी केवल 2000 करोड़ रुपए में खरीदी थी।
एसबीआई कार्ड्स, एसबीआई लाइफ के बाद शेयर बाजार पर लिस्ट होने वाली एसबीआई की दूसरी सहयोगी कंपनी है। एसबीआई कार्ड्स के आईपीओ को 6 बैंकर्स- Kotak Mahindra Capital Company, Axis Capital, Bank of America Merrill Lynch, HSBC, Nomura, और SBI Capital मैनेज कर रहे हैं।
SBI कार्ड और भुगतान सेवा लिमिटेड, जिसे पहले SBI कार्ड और भुगतान सेवा प्राइवेट लिमिटेड के रूप में जाना जाता है, भारत में भुगतान समाधान प्रदाता कंपनी है। SBI कार्ड अक्टूबर 1998 में भारतीय स्टेट बैंक और GE कैपिटल द्वारा लॉन्च किया गया था।
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