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कम समय के लिए पैसे लगाने के बेस्ट विकल्प, सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा रिटर्न मुमकिन
पैसा कमाते हैं तो फिर पैसे से पैसा बनाने की भी कला जानना चाहिए। अक्सर लोग बचत यानी खर्च के बाद बचे हुए पैसे को या तो सेविंग्स अकाउंट में पड़े रहने देते हैं या फिर घर में। लेकिन, ये सही रणनीति नहीं है। आप इन बचे हुए पैसों पर कम समय के लिए निवेश करके सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं। 

अब आप जानना चाह रहे होंगे कि कम समय के लिए पैसा लगाने के सेविंग्स अकाउंट से बेहतर विकल्प कौन-कौन हो सकते हैं। यहां पर हम उन्ही विकल्पों के बारे में बता रहे हैं। उनमें से कुछ तो बाजार आधारित यानी जोखिमपूर्ण विकल्प हैं जबकि कुछ सुरक्षित। 
कम रिस्की और बाजार में भारी उतार-चढ़ाव से कम असर वाले विकल्प की बात करें तो उनमें डेट म्युचुअल फंड स्कीम महत्वपूर्ण हैं। डेट फंड ट्रेजरी बिल्स, सरकारी प्रतिभूति, सर्टिफिकेट्स ऑफ डिपॉजिट, कमर्शियल पेपर्स, बॉन्ड्स और मनी मार्केट निवेश साधन उनमें शामिल हैं। 

>म्युचुअल फंड:
1) लिक्विड फंड (Liquid Fund):
-ओपन एंडेड फंड है
-91 दिन या उससे कम मैच्योरिटी 
अवधि वाले डेट और मनी मार्केट 
निवेश साधनों में पैसा निवेश किया 
जाता है 
-कैटेगरी का सालाना औसत रिटर्न: 6.68%
-इसमें निवेश करने की वजह: इमरजेंसी 
यानी आपातकालीन फंड बनाना, अचानक 
आए पैसों को निवेश करने के लिए





2)अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन (Ultra Short Duration):
-इसका पैसा 3 से 6 महीने की मैच्योरिटी अवधि
वाले डेट और मनी माार्केट निवेश साधनों में 
पैसा निवेश किया जाता है
-कैटेगरी का सालाना औसत रिटर्न: 5.78%
-निवेश की वजह: डेट म्युचुअल फंड से
 इक्विटी म्युचुअल फंड में एसटीपी के लिए

3)लो ड्यूरेशन (Low Duration):
-इसका पैसा 6 से 12 महीने की मैच्योरिटी अवधि
वाले डेट और मनी माार्केट निवेश साधनों में 
पैसा निवेश किया जाता है
-कैटेगरी का सालाना औसत रिटर्न: 6.20%
-निवेश की वजह: डेट म्युचुअल फंड से
इक्विटी म्युचुअल फंड में एसटीपी या  SWP 
के लिए


4) मनी मार्केट(Money Market):
-इसका पैसा 12 महीने तक की मैच्योरिटी 
अवधि वाले मनी माार्केट निवेश साधनों में 
पैसा निवेश किया जाता है
-कैटेगरी का सालाना औसत रिटर्न: 6.79%
-निवेश की वजह: बाजार में भारी उतार-चढ़ाव 
के दौरान इक्विटी से पैसा निकालकर इन फंड्स 
में पैसा लगाकर सुरक्षित रह सकते हैं 

5)शॉर्ट ड्यूरेशन (Short Duration): 

-इसका पैसा 1 से 3 साल की मैच्योरिटी अवधि
वाले डेट और मनी माार्केट निवेश साधनों में 
पैसा निवेश किया जाता है
-कैटेगरी का सालाना औसत रिटर्न: 4.41%
-निवेश की वजह: 3 से 4 साल के वित्तीय 
लक्ष्य को हासिल करने के लिए पैसा 
जमा करने के इरादे से 


> सुरक्षित निवेश साधन: अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करने में असहज हैं तो फिर बैंक और पोस्ट ऑफिस में भी कम समय के लिए पैसे लगाने के कई विकल्प हैं। 

1) स्वीप-इन-फिक्स्ड डिपॉजिट (Sweep-in-fixed Deposit):
-इसके तहत बैंक में मिनिमम बैलेंस से अधिक पैसा 
कम से कम एक साल की फिक्स्ड डिपॉजिट में 
ट्रांसफर हो जाता है यानी सेविंग्स से ज्यादा ब्याज 
मुमकिन
-फिक्स्ड डिपॉजिट जितना ब्याज
-मिनिमम निवेश बैंकों पर निर्भर, 
अलग-अलग बैंक के अलग-अलग नियम
-सीनियर सिटीजन के लिए सालाना 50 हजार रुपए 
तक का ब्याज टैक्स फ्री जबकि नॉन सीनियर सिटीजन
के लिए  हर साल 40 हजार का ब्याज टैक्स फ्री 

2)आवर्ती जमा या रेकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit):
-बैंक या पोस्ट ऑफिस में निवेश कर सकते हैं 
-एक बार के बजाय हर महीने निश्चित पैसा निवेश 
करना होता है
-6 महीने की अवधि से लेकर 10 साल के 
लिए निवेश कर सकते हैं 
-मिनिमम निवेश बैंकों और पोस्ट ऑफिस पर निर्भर, 
अलग-अलग बैंक के अलग-अलग नियम
-ब्याज दर अलग-अलग बैंक और पोस्ट ऑफिस पर 
निर्भर
-सीनियर सिटीजन के लिए सालाना 50 हजार रुपए 
तक का ब्याज टैक्स फ्री जबकि नॉन सीनियर सिटीजन
के लिए  हर साल 40 हजार का ब्याज टैक्स फ्री 


3) शॉर्ट टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट (Short Term Fixed Deposit):

-इसके तहत बैंक में निवेश कर सकते हैं 
-7 दिन से लेकर 12 महीने तक निवेश 
कर सकते हैं 
-मिनिमम निवेश बैंकों पर निर्भर, 
अलग-अलग बैंक के अलग-अलग नियम
-ब्याज दर अलग-अलग बैंक पर निर्भर
-सीनियर सिटीजन के लिए सालाना 50 हजार रुपए 
तक का ब्याज टैक्स फ्री जबकि नॉन सीनियर सिटीजन
के लिए  हर साल 40 हजार का ब्याज टैक्स फ्री 

4)पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (Post office Time Deposit):
-पोस्ट ऑफिस में निवेश 
-1,2,3 और पांच साल के लिए निवेश करने की सुविधा 
-ब्याज दर की हर तिमाही में समीक्षा होती है 
-सीनियर सिटीजन के लिए सालाना 50 हजार रुपए 
तक का ब्याज टैक्स फ्री जबकि नॉन सीनियर सिटीजन
के लिए  हर साल 40 हजार का ब्याज टैक्स फ्री 



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Rajanish Kant मंगलवार, 16 अप्रैल 2019
अंतरिम बजट 2019-20: आपके पैसे पर असर डालने वाले फैसले (इनकम टैक्स, पेंशन स्कीम, कैपिटल गेंस के नए नियम)
5 लाख रुपये तक की आय पर कर में पूरी छूट; अधिक मानक कटौती का प्रस्‍ताव

करीब 3 करोड़ लघु और मध्‍यम वर्ग के करदाताओं को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की राहत छोटी बचतों पर मिलने वाले ब्‍याज पर टीडीएस सीमा बढ़ी आवास और रियल एस्‍टेट क्षेत्र को बढ़ावा वित्‍त मंत्री ने मध्‍यम वर्ग और छोटे करदाताओं के लिए करों में राहत की घोषणा की
केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि 5 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले करदाताओं को अब कर में पूरी छूट मिलेगी और उन्‍हें कोई आयकर नहीं देना होगा। संसद में वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए श्री गोयल ने कहा, ‘पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान हमारे द्वारा किये गये प्रमुख कर सुधारों के कारण, कर संग्रहण और कर आधार में महत्‍वपूर्ण वृद्धि देखने को मिली है, जिससे साधारण कराधान उच्‍च-अनुपालन व्‍यवस्‍था कायम हुई है। अत: यह उचित होगा कि कर सुधारों से हुए कुछ फायदों को मध्‍यम वर्ग के करदाताओं तक पहुंचा दिया जाए।’
वित्‍त मंत्री ने कहा कि इसके परिणामस्‍वरूप जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख रुपये तक है, उन्‍हें भी किसी प्रकार के आयकर के भुगतान की जरूरत नहीं पड़ेगी, यदि वे भविष्‍य निधि, विशेष बचतों, बीमा आदि में निवेश कर लेते हैं। साथ ही दो लाख रुपये तक के आवास ऋण के ब्‍याज, शिक्षा ऋण पर ब्‍याज, राष्‍ट्रीय पेंशन योजना में योगदान, चिकित्‍सा बीमा, वरिष्‍ठ नागरिकों की चिकित्‍सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्‍त कटौतियों के साथ उच्‍च आय वाले व्‍यक्तियों को भी कोई कर नहीं देना होगा, इससे स्‍व नियोजित, लघु व्‍यवसाय, लघु व्‍यापारियों, वेतनभोगियों, पेंशनरों और वरिष्‍ठ नागरिकों सहित मध्‍यम वर्ग के करीब 3 करोड़ करदाताओं को करों में 18,500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
मानक कटौती में वृद्धि
      वित्‍त मंत्री ने कहा कि वेतनभोगियों के लिएमानक कटौती को वर्तमान 40,000 रूपये से बढ़ाकर 50,000 रूपये किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि इससे 3 करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनधारकों को 4,700 करोड़ रूपये का अतिरिक्‍त कर लाभ मिलेगा।
टीडीएस सीमा में वृद्धि
      बैंक/डाकघर में जमा राशि पर मिलने वाले ब्‍याज पर टीडीएस सीमा को 10,000  रूपये से बढ़ाकर 40,000 रूपये कराने का प्रस्‍ताव किया गया है। श्री गोयल ने कहा कि इससे छोटे बचतकर्ताओं और गैर-कामकाजी लोगों को लाभ मिलेगा।

उन्‍होंने कहा कि छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए किराये पर कर कटौती के लिए टीडीएस सीमा को 1,80,000 रूपये से बढ़ाकर 2,40,000 रूपये तक करने का प्रस्‍ताव है।
आवासीय घरों को अधिक राहत
      वित्‍त मंत्री ने कहा कि अपने कब्‍ज़े वाले दूसरे मकान के अनुमानित किराये पर लगने वाले आयकर के शुल्‍क में छूट का प्रस्‍ताव किया गया है। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान में यदि एक व्‍यक्ति के पास एक से अधिक अपना घर है तो उसे अनुमानित किराये पर आयकर का भुगतान करना होता है। श्री गोयल ने अपनी नौकरियोंबच्‍चों की शिक्षा और माता-पिता की देखभाल के लिए दो स्‍थानों पर परिवार रखने के कारण मध्‍यम वर्गीय परिवारों को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए इस राहत की घोषणा की।
    वित्‍त मंत्री ने 2 करोड़ रूपये तक के पूंजीगत लाभों को प्राप्‍त करने वाले एक करदाता के एक आवासीय घर से दूसरे आवासीय घर में निवेश के लिए आयकर अधिनियम की धारा 54 के अंतर्गत पूंजीगत लाभों में वृद्धि का प्रस्‍ताव किया है। हालांकि इस लाभ को जीवन में एक बार ही प्राप्‍त किया जा सकता है। सस्‍ते आवास के अंतर्गत और अधिक आवास उपलब्‍ध उपलब्‍ध कराने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80-आईबीए के अंतर्गत लाभों को एक और वर्ष के लिए विस्‍तारित किया जा रहा हैअर्थात यह 31 मार्च 2020 तक स्‍वीकृत आवासीय परियोजना पर लागू होगा। रीयल एस्‍टेट क्षेत्र पर विशेष ध्‍यान देते हुए वित्‍त मंत्री ने बिना बिके हुए घरों/फ्लेटों के अनुमानित किराये पर कर-शुल्‍क से छूट की अवधि को परियोजना पूर्ण होने के वर्ष के अंतिम समय के एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष तक करने का प्रस्‍ताव किया है।         

सरकार का 15,000 रुपये तक की मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना शुरू करने का प्रस्‍ताव; इससे 10 करोड़ श्रमिक और कामगार लाभान्वित होंगे 
 सरकार का 15,000 रुपये तक मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कागकारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजन शुरू करने का प्रस्‍ताव है। संसद में आज वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) का आधा हिस्‍सा असंगठित क्षेत्र के उन 42 करोड़ कामगारों के पसीने और कठोर परिश्रम से आता है, जो रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्‍शा चालक, निर्माण मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, कृषि कामगार, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के अनेक अन्‍य कार्यों में लगे हुए हैं। सरकार को उनकी वृद्धावस्‍था के दौरान उन्‍हें व्‍यापक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। इसलिए ‘आयुष्‍मान भारत’ के अंतर्गत स्‍वास्‍थ्‍य सेवा और ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति योजना’ के अंतर्गत प्रदान किए गए जीवन और दिव्‍यांगता संबंधी बीमा कवरेज के अलावा सरकार ने असंगठित क्षेत्र के उन कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधनवृहद पेंशन योजना आरंभ करने का प्रस्‍ताव किया है, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये या उससे कम है।
     श्री गोयल ने कहा कि इस पेंश्‍न योजना से वे अपनी कार्यशील आयु के दौरान एक छोटी सी राशि के मासिक अंशदान से 60 वर्ष की उम्र से 3000 रुपये की निश्चित मासिक पेंशन प्राप्‍त कर सकेंगे। 29 वर्ष की उम्र में इस पेंशन योजना से जुड़ने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगार को केवल 100 रुपये प्रति माह का अंशदान 60 वर्ष की उम्र तक करना होगा। 18 वर्ष की उम्र में इस पेंशन योजना में शामिल होने वाले कामगार को सिर्फ 55 रुपये प्रति माह का अंशदान करना होगा। सरकार हर महीने कामगार के पेंशन के खाते में इतनी ही राशि जमा करेगी। उम्‍मीद है कि अगले पांच वर्ष में असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधनयोजना का लाभ मिलेगा, जिससे यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजनाओं में से एक बन जाएगी। इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। जरूरत पड़ने पर अतिरिक्‍त धनराशि भी प्रदान की जाएगी। इस योजना को वर्तमान वर्ष से ही लागू किया जाएगा।
छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की गई

2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारक छोटी जोत वाले किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लाभान्वित होने की उम्मीद
केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की शुरूआत की है। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटी जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह आय सहायता 2,000 रुपये प्रत्येक की तीन समान किस्तों में लाभान्वित किसानों के बैंक खातों में सीधे ही हस्तांतरित कर दी जाएगी। इस कार्यक्रम का वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम से लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लाभान्वित होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम 1 दिसंबर, 2018 से लागू किया जाएगा और 31 मार्च, 2019 तक की अवधि के लिए पहली किस्त का इसी वर्ष के दौरान भुगतान कर दिया जाएगा। इस कार्यक्रम पर 75,000 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय आयेगा। पीएम-किसान अधिकांश छोटे किसान परिवारों को न केवल निश्चित पूरक आय उपलब्ध कराएगा बल्कि विशेष रूप से फसल कटाई सीजन से पूर्व किसानों की आकस्मिक जरूरतों को भी पूरा करने में मदद करेगा। पीएम-किसान, किसानों के लिए एक सम्मानित जीवन अर्जित और जीने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन  
मंत्री महोदय ने पशुपालन के संबंध में कहा कि मैंने इस वर्ष में ही राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये कर दिया है। मैं राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की स्थापना की घोषणा करता हूं। इससे गाय संसाधनों का सतत अनुवांशिक उन्नयन करने और गायों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी रूप से लागू करने की भी देखभाल करेगा।

मत्स्य पालन विभाग
मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के बारे में सतत ध्यान केंद्रित करने के लिए सरकार ने अलग से मत्स्य पालन विभाग का सृजन करने का निर्णय लिया है। श्री गोयल ने कहा कि पिछले बजट में हमारी सरकार ने पशुपालक और मत्स्य पालक किसानों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना (केसीसी) का विस्तार करने की घोषणा की थी। अब मैं किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्य पालन की गतिविधियां चला रहे किसानों के लिए 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ देने का प्रस्ताव करता हूं। इसके अलावा ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर उन्हें 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जाएगी।

फसल ऋण
प्राकृतिक आपदाएं आने पर किसान आमतौर पर अपने फसल ऋणों का भुगतान करने में असमर्थ हो जाते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में ऐसे प्रभावित किसानों के लिए फसल ऋणों का पुनः कार्यक्रम बनाया जा रहा है और किसानों को पुनः अनुसूचित ऋणों के पहले वर्ष के लिए ही दो प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ मिलेगा। हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित सभी किसानों को जहां सहायता राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से उपलब्ध कराई जा रही हो, 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा और उनके ऋणों की पुनः अनुसूचित पूरी अवधि के लिए 3 प्रतिशत तत्काल पुनः भुगतान प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।

अंतरिम बजट-2019-20 की मुख्य बातें
केन्द्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए आज पेश किए गए अंतरिम बजट की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
नई घोषणाएं
  1. किसान
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत दो हेक्टेयर तक की जोत वाले सभी सीमांत किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान की जाएगी। यह सहायता 2000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में लाभार्थी किसान के बैंक में सीधे हस्तांतरित कर दी जाएंगी। इससे 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम से 75,000 करोड़ का वार्षिक व्यय होगा।
  • संशोधित अनुमान 2018-19 में अतिरिक्त 20,000 करोड़ रुपये के साथ वित्त वर्ष 2019-20 में 75,000 करोड़ रुपये का व्यय।
  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन को बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये किया गया।
  • गऊ संसाधनों के अनुवांशिक उन्नयन को स्थायी रूप से बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाया जाएगा।
  • 1.5 करोड़ मछुआरों के कल्याण के लिए अलग मत्स्य पालन विभाग।
  • पशुपालन और मछली पालन कार्यों में लगे किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी का लाभ, इसके अतिरिक्त ऋण का समय पर भुगतान करने पर उन्हें 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी।
  1. श्रम
  • प्रधान श्रम योगी मानधन योजना में असंगठित श्रेत्र के 10 करोड़ कामगारों के लिए निश्चित मासिक पेंशन। केवल 100/55 रुपये का प्रति माह अंशदान देने पर 60 वर्ष की उम्र के बाद प्रति माह 3000 रुपये की निश्चित मासिक पेंशन।
  1. स्वास्थ्य
  • 22वां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान हरियाणा में स्थापित किया जाएगा।
  1. मनरेगा
  • मनरेगा के लिए 2019-20 में 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन।
  1. प्रत्यक्ष कर संबंधी प्रस्ताव
  • 5 लाख रुपये तक की आय को आयकर से छूट।
  • मध्यम वर्ग के 3 करोड़ करदाताओं के लिए 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की कर राहत।
  • मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया।
  • बैंक/डाकघरों में जमा धनराशियों से अर्जित ब्याज पर टीडीएस की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये की जा रही है।
  • आयकर की वर्तमान दरें जारी रहेंगी।
  • अपने कब्जे वाले दूसरे घर पर अनुमानित किराये में कर छूट।
  • आवास और रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा।
  • किराये पर स्रोत पर कर (टीडीएस) की कटौती की सीमा 1,80,000 रुपये से बढ़ाकर 2,40,000 करने का प्रस्ताव।
  • पूंजीगत लाभ के पुनर्निवेश पर मिलने वाली छूट का दायरा 2 करोड़ रुपये तक के पूंजीगत लाभ अर्जित करने वाले करदाताओं के लिए एक आवासीय मकान से दो आवासीय मकान तक बढ़ाया जाएगा।
  • सस्ते आवास के लिए कर लाभ की अवधि अब आयकर कानून की धारा 80-आईबीए के अंतर्गत 31 मार्च, 2020 तक बढ़ाई जा रही है।
  • बिना बिकी संपत्ति के अनुमानित किराये पर आयकर की छूट एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया।

  1. राजकोषीय कार्यक्रम
  • वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4 प्रतिशत।
  • राजकोषीय घाटे को 3 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य 2020-21 तक हासिल किया जाएगा।
  • राजकोषीय घाटे को 2018-19 आरई में घटाकर 3.4 प्रतिशत तक लाया जाएगा, जो 7 वर्ष पूर्व करीब 6 प्रतिशत था।
  • वर्ष 2019-20 में कुल व्यय को 13 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ाकर 27,84,200 करोड़ रुपये पर लाया जाएगा।
  • वर्ष 2019-20 के लिए पूंजीगत व्यय 3,36,292 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
  • केन्द्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के लिए आवंटन वर्ष 2019-20 में बढ़कर 3,27,679 करोड़ रुपये होगा।
  • राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के लिए वर्ष 2019-20 में आवंटन करीब 20 प्रतिशत बढ़ाकर 38,572 करोड़ रुपये किया गया।
  • एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के लिए आवंटन 18 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 27,584 करोड़ रुपये किया गया।
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए आवंटन में पर्याप्त वृद्धि-
    • अनुसूचित जाति के लिए आवंटन में 35.6 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 76,801 करोड़ रुपये किया गया, जो 2018-19 में 56,619 करोड़ रुपये था।
    • अनुसूचित जनजाति के लिए आवंटन में 28 प्रतिशत की वृद्धि कर 2019-20 में इसे 50,086 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि 2018-19 में यह 39,135 करोड़ रुपये था।
  • सरकार को विश्वास है कि वह 80 हजार करोड़ को विनिवेश लक्ष्य को हासिल कर लेगी।
  • राजकोषीय घाटा समेकन कार्यक्रम के साथ ऋण समेकन पर विशेष ध्यान।
  1. गरीब और पिछड़ा वर्ग
  • देश के संसाधनों पर पहला अधिकार गरीबों काः वित्त मंत्री
  • गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को पूरा करने के लिए शिक्षण संस्थानों में 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें।
  • शहरों और गांव के बीच की खाई को पाटने और गांवों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए लक्षित व्यय।
  • सभी इच्छित परिवारों को मार्च 2019 तक बिजली के कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे।
  1. पूर्वोत्तर
  • 2018-2019 के बजट अनुमानों की तुलना में 2019-20 बजट अनुमानों में 21 प्रतिशत तक की वृद्धि करते हुए आवंटन को 58,166 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जायेगा।
  • अरूणाचल प्रदेश ने हाल ही में वायु मानचित्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज की।
  • मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम ने पहली बार भारत के रेल मानचित्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज की।
  • ब्रह्मपुत्र नदी की उन्नत नौवहन क्षमता के माध्यम से कंटेनर कार्गों का आवागमन।
  1. वंचित वर्ग
  • सभी शेष गैर-अधिसूचित घुमन्तू और अर्द्ध-घुमन्तू जन-जातियों की पहचान के लिए नीति आयोग के अंतर्गत एक नई समिति।
  • गैर-अधिसूचित घुमन्तू और अर्द्ध-घुमन्तू जन-जातियों के विकास और कल्याण के लिए समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत एक नवीन कल्याण विकास बोर्ड।
  1. रक्षा
  • रक्षा बजट में पहली बार 3,00,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया।
  1. रेल
  • बजट से 2019-20 (अनुमानों) में 64,587 करोड़ रुपये की पूंजीगत सहायता का प्रस्ताव किया गया।
  • समग्र पूंजी व्यय कार्यक्रम 1,58,658 करोड़ रुपये किया गया।
  • संचालन अनुपात के वर्ष 2017-18 98.4 प्रतिशत से 2018-19 के 96.2 प्रतिशत और 2019-20 (बजट अनुमानों) में 95 प्रतिशत तक सुधार।
  1. मनोरंजन उद्योग
  • भारतीय फिल्म निर्माता, फिल्मों की शूटिंग में सहायता के साथ-साथ एकल खिड़की स्वीकृति सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।
  • स्व-घोषणा पर और अधिक भरोसे के लिए नियामक प्रावधान।
  • चोरी पर नियंत्रण करने के लिए सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में एंटी-कैमकॉर्डिंग प्रावधान की प्रस्तुति।
  1. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एवं व्यापारी
  • जीएसटी पंजीकृत एसएमई उद्यमों के लिए एक करोड़ रुपये के वृद्धिशील ऋण पर ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट।
  • सरकारी उपक्रमों में 25 प्रतिशत में से कम से कम 3 प्रतिशत महिला स्वामित्व वाले लघु और मध्यम उद्यमों के लिए होगा।
  • आंतरिक व्यापार पर अधिक ध्यान देते हुए डीआईपीपी को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग का नाम दिया गया।
  1. डिजिटल ग्राम
  • सरकार अगले पांच वर्षों में 1 लाख ग्रामों को डिजिटल ग्रामों में परिवर्तित करेगी।
  1. अन्य घोषणाएं
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम की सहायता के लिए एक नवीन राष्ट्रीय आर्टिफिशियल पोर्टल का गठन।
वर्ष 2014-19 के दौरान उपलब्धियां
  1. अर्थव्यवस्था की स्थिति
  • भारत ने पिछले पांच वर्षों के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर सार्वभौगिक पहचान बनाई।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014-19 के दौरान देश बृहत-आर्थिक स्थिरता के अपने सर्वश्रेष्ठ दौर का साक्षी बना।
  • 2013-14 के 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 2009-14 के दौरान की उच्च मुद्रा स्फीति को न्यूनतम स्तर पर पहुंचाया।
  • किसी भी अन्य सरकार की तुलना में औसत मुद्रा स्फीति घटकर 4.6 प्रतिशत पर पहुंची।
  • दिसंबर 2018 में मुद्रा स्फीति सिर्फ 2.19 प्रतिशत पर पहुंची।
  • 7 वर्ष पूर्व करीब 6 प्रतिशत की उच्च दर से 2018-19 में वित्तीय घाटा घटकर 4.6 प्रतिशत तक पहुंचा।
  • सीएडी के 6 वर्ष पहले की उच्च 5.6 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद के मात्र 2.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
  • पिछले 5 वर्षों के दौरान भारत ने 239 बिलियन डॉलर के व्यापक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित किया।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने विकास और समृद्धि के पथ पर दृढ़ता पूर्वक वापसी की।
  • भारत विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से उभरने वाली अर्थव्यवस्था बना।
  • मुद्रा स्फीति को दो अंकों पर रोका गया और वित्तीय संतुलन बहाल किया गया।
  • स्वचालित माध्यम से सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को स्वीकृति देते हुए एफडीआई नीति में उदारीकरण किया गया।
  1. कृषक
  • सभी 22 फसलों के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत एमएसपी सुनिश्चित किया गया।
  • पिछले पांच वर्षों में ब्याज छूट को दोगुना किया गया।
  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड नीम कोटिड यूरिया कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व साबित हुआ।
  1. श्रमिक
  • रोजगार अवसरों का विस्तार किया गया, ईपीएफओ सदस्यता 2 करोड़ तक बढ़ी।
  • पिछले पांच वर्षों में प्रत्येक श्रेणी के श्रमिकों के लिए न्यूनतम आय 42 प्रतिशत तक बढ़ी।
  1. गरीब और पिछड़े वर्ग
  • शैक्षणिक संस्थाओं और नौकरियों में गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण।
  • सौभाग्य योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को निःशुल्क बिजली कनेक्शन।
  • करीब 50 करोड़ लोगों के लिए विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम, आयुष्मान भारत।
  • 115 सर्वाधिक पिछड़े जिलों में विकास के लिए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम।
  • गरीब और मध्यम वर्ग के लिए सस्ता खाद्यान हेतु 2018-19 के दौरान 1,70,000 करोड़ रुपये व्यय किये हैं।
  • गरीब और मध्यम वर्ग एलईडी बल्बों के कारण बिजली के बिलों में प्रतिवर्ष 50,000 करोड़ रुपये की बचत कर रही है।
  • आयुष्मान भारत के अंतर्गत निःशुल्क चिकित्सा से 10 लाख रोगी लाभांवित हुए।
  • जन औषधि केन्द्र गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ते मूल्यों पर दवाईयां उपलब्ध करा रहे हैं।
  • वर्ष 2014 में घोषित 21 एम्स में से 14 वर्तमान में कार्य कर रहे हैं।
  • पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सरकार ने ग्रामीण सड़कों के निर्माण को तीन गुना किया।
  • 2018-2019 के संशोधित अनुमानों में 15,500 करोड़ रुपये की तुलना में 2019-20 बजट अनुमानों में पीएमजीएसवाई के लिए 19,000 करोड़ रुपये।
  • 2014-18 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1.53 करोड़ आवासों का निर्माण।
  1. महिलाओं के विकास से लेकर महिलाओं के नेतृत्व में विकास
  • उज्ज्वला योजना के तहत 6 करोड़ मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिए गए, अगले वर्ष तक कुल 8 करोड़ गैस कनेक्शन हो जाएंगे।
  • मुद्रा ऋण का 70 प्रतिशत भाग महिलाओं द्वारा प्राप्त किया गया।
  • मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया।
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता।
  1. युवा
  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एक करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
  • मुद्रा, स्टैंडअप और स्टार्टअप इंडिया के माध्यम से स्वरोजगार पर जोर।
  1. सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम तथा व्यापारी
  • अधिकतम एक करोड़ रुपये तक के ऋण एक घंटे से भी कम समय में प्राप्त किये जा सकते हैं।
  • जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) के कारण 25 प्रतिशत - 28 प्रतिशत की औसत बचत।
  1. आयकर
  • 5 वर्षों में कर वसूली लगभग दोगुना होकर 2013-14 की तुलना में 6.38 करोड़ रुपये से बढ़कर इस वर्ष लगभग 12 लाख करोड़ रुपये हो गई।
  • कर आधार में 80 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह 5 वर्षों में 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हो गया।
  • कर प्रशासन को सुसंगत बनाया गया – पिछले वर्ष 99.54 प्रतिशत आयकर रिटर्नों को उसी रूप में स्वीकार किया गया, जैसा दाखिल किया गया था।
  • आयकर दाताओं की सुविधा में सुधार के लिए प्रोद्योगिकी आधारित परियोजना को मंजूरी दी गई। अगले 2 वर्षों में, रिटर्नों की प्रक्रिया 24 घंटे में पूरी की जाएगी और धनवापसी की जाएगी।
  • मध्य वर्ग को मिलने वाले पूर्ववर्ती लाभ-
  • आधारभूत रियायत सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई।
  • 2.5 लाख रुपये 5 लाख रुपये वाले कर स्लैब के लिए कर की दर को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया था।
  • वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती 40,000 रुपये लागू की गई थी।
  • धारा 80सी के तहत बचतों की कटौती एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गयी। 
  • खुद रहने में इस्‍तेमाल होने वाले घर के लिए ब्‍याज की कटौती को 1.5 लाख रूपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया।
  • छोटे कारोबारियों और स्‍टार्टअप कारोबारों के लिए विशेष लाभ और प्रोत्‍साहन दिए गए।
    • सारी प्रक्रिया आसान बनाई गई।
    • कारोबार के करारोपण को एक करोड़ रुपये के कारोबार से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया गया।
    • छोटे व्‍यावसायियों के लिए पहली बार करारोपण के लाभ का विस्‍तार किया गया और इसके लिए 50 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई।
    • कम नगद वाली अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने के लिए मुनाफा दर को 8 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत किया गया।
    • लगभग 99 प्रतिशत कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत किया गया।
  1. जीएसटी
  • जीएसटी ने भारत को एक साझा बाजार बनाया।
  • जीएसटी से कर आधार बढ़ाअधिक वसूली हुई और व्‍यापार में आसानी हुई।
  • एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में अब आवाजाही में तेजी हुई और यह अधिक प्रभावकारी बनने के साथ-साथ बाधा मुक्‍त हुआ।
  • कर दरों की उत्‍तरदायी और संवेदनशील कटौतियां-दैनिक उपयोग की अधिकांश वस्‍तुएं अब 0 प्रतिशत या 5 प्रतिशत कर स्‍लेब के दायरे में आई।
  • व्‍यापारियों और सेवा प्रदाताओं को राहत –
    • छोटे कारोबार के लिए जीएसटी से छूट को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख यानि दोगुना किया गया।
    • 1.5 करोड़ रुपये तक के कुल व्‍यापार वाले छोटे व्‍यापारियों को अब केवल 1 प्रतिशत निर्धारित दर का भुगतान करना होगा और वे केवल एक ही वार्षिक रिटर्न दाखिल करेंगे।
    • 50 लाख रुपये तक के कुल व्‍यापार वाले छोटे सेवा प्रदाता कंपोजिशन योजना का विकल्‍प चुनकर 18 प्रतिशत से 6 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर सकते है।
    • जल्‍दी से 90 प्रतिशत से अधिक जीएसटी प्रदाता को शामिल करके कारोबार को त्रिमासिक रिटर्न दाखिल करने की अनुमति होगी।  
  • जीएसटी राजस्‍व प्रवृत्तियों को प्रोत्‍साहित करना- चालू वर्ष के दौरान औसत मासिक कर संग्रह 97,100 करोड़ रुपये प्रति माह है जबकि प्रथम वर्ष में यह राशि 89,700 करोड़ रुपये प्रति माह थी।

  1. बुनियादी ढांचा
  • नागर विमानन – उड़ान योजना
  • संचालित हवाई अड्डों की संख्‍या 100 से अधिक हुई
  • नवीनतम – सिक्किम का पेकयोंग हवाई अड्डा
  • घरेलू यात्री यातायात पिछले 5 वर्षों के दौरान दोगुना हुआ
  • सड़कें
    • भारत दुनिया में सबसे तेज राजमार्ग विकासकर्ता देश है
    • रोजाना 27 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है
    • रूकी परियोजनाएं पूरी हुई – दिल्‍ली के चारों और इस्‍टर्न पैरिफेरल हाईवे
– असम और अरूणाचल प्रदेश में बोगीबील रेल एवं सड़क पुल
  • जल मार्ग
    • तटीय क्षेत्रों के साथ-साथ सागरमाला का फ्लैगशिप कार्यक्रम
    • पहली बार कोलकाता और वा‍राणसी अंतर्देशीय जल मार्गो पर कंटेनर आवाजाही शुरू हुई
  • रेल
    • रेलों के लिए उनके इतिहास का सबसे सुरक्षित वर्ष
    • ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मानव रहित लेवल क्रासिंग समाप्‍त किए गए
    • सेमी हाई स्‍पीड रेल वंदे भारत एक्‍सप्रेस शुरू की गई –पहली स्‍वदेवी विकसित और निर्मित ट्रेन
  1. जलवायु परिवर्तन
  • अंतर्राष्‍ट्रीय सौर संधि
  • नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना
  • पहला संधि आधारित अंतर्राष्‍ट्रीय अंतर सरकारी संगठन जिसका मुख्‍यालय भारत में है
  • सौर विद्युत उत्‍पादन क्षमता स्‍थापित हुई, जिसमें पिछले 5 वर्षों के दौरान 10 गुनी बढ़ोतरी हुई
  • अब यह लाखों नए युग के रोजगार सृजित कर रहा है

  1. डिजिटल इंडिया क्रांति
  • नागरिकों को सेवा सुविधा प्रदान करने के लिए 3 लाख से ज्‍यादा जन सुविधा केन्‍द्र (सीएससी)
  • मोबाइल डेटा उपयोग में भारत विश्‍व के अग्रणी देशों में
  • पिछले पांच वर्षों के दौरान मोबाइल डेटा के उपयोग में 50 गुनी वृद्धि
  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत मोबाइल और इसके कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों की संख्‍या 2 से बढ़कर 268 हुई, बढ़ी संख्‍या से रोजगार के अवसरों का सृजन

  1. जन धन-आधार-मोबाइल (जेएम) और प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण
  • पिछले 5 वर्षों के दौरान लगभग 34 करोड़ जन धन खाते खोले गए
  • आधार सार्वभौमिक रूप से लागू
  • गरीब तथा मध्‍यम वर्ग के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक खातों में बिचौलियों की भूमिका समाप्‍त

  1. सीमा शुल्‍क और विदेश व्‍यापार
  • 36 पूंजीगत वस्‍तुओं पर सीमा शुल्‍क समाप्‍त किया गया
  • आयात और निर्यात के लेन-देन का डिजिटलीकरण
  • लॉजिस्टिक को बेहतर बनाने के लिए आरएफआईडी तकनीक

  1. भ्रष्‍टचार के खिलाफ कदम
  • सरकार ने भ्रष्‍टाचार को जड़ से समाप्‍त करने का प्रयास कियापारदर्शी के एक नये युग की शुरूआत : वित्‍त मंत्री
  • रेरा और बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम से रियल स्‍टेट में पारदर्शिता
  • भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 से आर्थिक अपराधियों की सम्‍पत्ति को जब्‍त करने में सहायता मिली
  • कोयले जैसे प्राकृतिक संसाधनों तथा स्‍पैक्‍ट्रम की पारदर्शी नीलामी

  1. काले धन के खिलाफ मुहिम
  • काला धन कानूनभगोड़ा आर्थिक अपराधी, विमुद्रीकरण आदि के माध्‍यम से 1,30,000 करोड़ रुपये की अघोषित आय टैक्‍स दायरे में लाई गई
  • 6,900 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति को जब्‍त किया गया
  • प्रत्‍यक्ष कर में 18 प्रतिशत की वृद्धि

  1. बैंकिंग सुधार और शोधन अक्षमता व दिवालियापन संहिता (आईबीसी)
  • आईबीसी ने समाधान अनुकूल व्‍यवस्‍था को संस्‍थागत रूप दिया
  • सरकार ने फोन बैंकिंग की संस्‍कृति को बंद किया : वित्‍त मंत्री
  • सरकार ने 4 रूपये की व्‍यवस्‍था को अपनाया – पहचान (Recognition), समाधान (Resolution)पुन: पूंजी प्रदान करना (Re-capitalization) और (Reforms)
  • क्‍लीन बैंकिंग के लिए सरकार ने कई उपायों को लागू किया
  • बैंकों के हित में सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपये की ऋण वसूली की
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए सरकार ने 2.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया

  1. स्‍वच्‍छता
  • गांधीजी की 150वीं जयंती की श्रद्धांजलि के रूप में सरकार ने स्‍वच्‍छ भारत मिशन की शुरूआत की।
  • वित्‍त मंत्री ने स्‍वच्‍छ भारत मिशन को एक राष्‍ट्रीय क्रांति बनाने के लिए 130 करोड़ भारतीयों को धन्‍यवाद दिया।
  • भारत ने 98 प्रतिशत ग्रामीण स्‍वच्‍छता कवरेज हासिल किया
  • 5.45 लाख गांवों को खुले में शौच से मुक्‍त घोषित किया गया

  1. रक्षा
    • ओआरओपी को सही अर्थों में लागू किया जा रहा है, 35,000 करोड़ रुपये पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।
    • मिल्‍ट्री सर्विस पे में वृद्धि हुई।

  1. अन्‍य उपलब्धियां
    • सरकार ने भारी-भरकम एनपीए को छिपाने के सवालिया निशान वाले तौर-तरीकों पर विराम लगा दिया है।
    • स्‍वच्‍छ भारत मिशन- लोगों के नजरिये में परिवर्तन लाने वाला विश्‍व का सबसे बड़ा अभियान

अंतरिम बजट 2019-20 में मुख्‍य संदेश
  • वर्ष 2022 तक ‘नए भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में कदम –
  • एक ऐसा स्‍वच्‍छ एवं स्‍वस्‍थ भारत जिसमें सभी लोगों को शौचालय, जल और बिजली सुलभ होगी
  • एक ऐसा भारत जिसके किसानों को आमदनी दोगुनी होगी
  • युवाओं और महिलाओं के सपनों को साकार करने हेतु उनके लिए व्‍यापक अवसर
  • एक ऐसा भारत जो आतंकवाद, सम्‍प्रदायवाद, जातिवाद, भ्रष्‍टाचार और भाई-भतीजावाद से मुक्‍त होगा

अगले दश्‍याक के लिए विजन
  • पिछले पांच वर्षों में भारत की तरक्‍की और विकास की नींव डाली गई
  • अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनने की ओर अग्रसर
  • इसके बाद अगले आठ वर्षों में दस ट्रिलियन डॉल की अर्थव्‍यवस्‍था बनने की आकांक्षा

वर्ष 2030 के भारत के लिए विजन के दस आयाम
भारत एक आधुनिक, प्रौद्योगिकी से संचालित एवं उच्‍च विकास दर के साथ एकसमान और पारदर्शी समाज होगा
  1. इस परिकल्‍पना के प्रथम आयाम के अंतर्गत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था और सहज-सुखद जीवन के लिए भौतिक तथा सामाजिक अवसंरचना का निर्माण करना है।
  2. परिकल्‍पना के दूसरे आयाम के अंतर्गत एक ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना है, जहां हमारा युवा वर्ग डिजिटल भारत के सृजन में व्‍यापक स्‍तरपर स्‍टार्ट-अप और इको-सिस्‍टम में लाखों रोजगारों का सृजन करते हुए इसका नेतृत्‍व करेगा।
  3. भारत को प्रदूषण मुक्‍त राष्‍ट्र बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा पर विशेष ध्‍यान देना।
  4. आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके ग्रामीण औद्योगिकीकरण के विस्‍तार के माध्‍यम से बड़े पैमाने पर रोजगारों का सृजन करना।
  5. सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित पेयजल के साथ स्‍वच्‍छ नदियां और लघु सिंचाई तकनीकों को अपनाने के माध्‍यम से सिंचाई में जल का कुशल उपयोग करना।
  6. सागरमाला कार्यक्रम के प्रयासों में तेजी लाने के साथ भारत के तटीय और समुद्री मार्गों के माध्‍यम से देश के विकास को सशक्‍त बनाना।
  7. हमारा अंतरिक्ष कार्यक्रम – गगनयान, भारत दुनिया के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का लांच पैडबन चुका है और 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजना इस आयाम को दर्शाता है।
  8. सर्वाधिक जैविक तरीके से खाद्यान्‍न उत्‍पादन और खाद्यान्‍न निर्यात में भारत को आत्‍मनिर्भर बनाना और विश्‍व की खाद्यान्‍न आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए खाद्यान्‍नों का निर्यात करना।
  9. 2030 तक स्‍वस्‍थ भारत और एक बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल एवं व्‍यापक आरोग्‍य प्रणाली के साथ-साथ आयुष्‍मान भारत और महिला सहभागिता भी इसका एक महत्‍वपूर्ण घटक होगा।
  10. भारत को न्‍यूनतम सरकार, अधिकतम शासन वाले एक ऐसे राष्‍ट्र का रूप देना, जहां एक चुनी हुई सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकार चलने वाले सहकर्मियों और अधिकारियों के शासन को मूर्त रूप दिया जा सकता है।

  11. (सौ. पीआईबी)
    बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


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Rajanish Kant रविवार, 3 फ़रवरी 2019