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मंत्रिमंडल ने वित्तीय समाधान और जमाराशि बीमा विधेयक, 2017 पेश किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जाने इसके फायदे
फाइल
मंत्रिमंडल ने वित्तीय समाधान और जमाराशि बीमा विधेयक, 2017 पेश किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय समाधान और जमा राशि बीमा विधेयक 2017 के पेश किए जाने के प्रस्ताव का अपनी मजबूरी दे दी है। इस विधेयक में बैंकों, बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं में दिवालियापन की स्थिति से निपटने के लिए एक व्यापक समाधान से जुड़े प्रावधान उपलब्ध होंगे।
वित्तीय समाधान और जमाराशि बीमा विधेयक, 2017 के लागू होने पर एक समाधान निगम की स्थापना हेतु मार्ग प्रशस्त होगा। इससे इस विधेयक की अनुसूचियों में सूचीबद्ध क्षेत्रवार अधिनियम के समाधान संबंधी प्रावधानों को समाप्त करने अथवा संशोधित करने में मदद मिलेगी। इसके परिणामस्वरुप जमा राशि बीमा और ऋण गारंटी निगम अधिनियम, 1961 को समाप्त करने से लेकर जमा राशि बीमा अधिकारों के स्थानांतरण और समाधान निगम के प्रति उत्तरदायित्व कायम करना भी संभव होगा।
समाधान निगम वित्तीय प्रणाली के स्थायित्व और दृढ़ता का संरक्षण करेगा और एक तर्कसंगत सीमा तक बाध्यताओं के दायरे में उपभोक्ताओं का संरक्षण करेगा तथा एक संभव सीमा तक लोगों के धन का भी संरक्षण करेगा।
सरकार ने हाल में गैर वित्तीय संस्थाओं के तरलता समाधान के लिए तरलता और दिवालियापन संहिता, 2016 (कोड) को लागू किया है। प्रस्तावित विधेयक वित्तीय क्षेत्र के लिए एक समाधान कार्यक्रम प्रस्तुत करके कोड के प्रतिपूरक की भूमिका निभाता है। इसके लागू हो जाने पर कोड के साथ यह विधेयक अर्थव्यवस्था के लिए एक व्यापक समाधान आधारित कार्यक्रम उपलब्ध करेगा।
वित्तीय समाधान और जमाराशि बीमा विधेयक, 2017 का लक्ष्य वित्तीय तौर पर खस्ताहाल वित्तीय सेवा प्रदाताओं के उपभोक्ताओं को राहत देना है। खस्ताहाल कारोबारों को बचाने के लिए सार्वजनिक धन के इस्तेमाल को सीमित करके वित्तीय संकट के समय में वित्तीय सेवा प्रदाताओं के बीच अनुशासन स्थापित करना भी इसका लक्ष्य है। दूसरी ओर, संकट के समय आवश्यक औजार उपलब्ध कराकर, पर्याप्त रोकथाम के उपायों को सुनिश्चित करके अर्थव्यवस्था में वित्तीय स्थायित्व कायम रखने में मदद मिलेगी। इस विधेयक का लक्ष्य बड़ी संख्या में खुदरा जमाकर्ताओं के लाभ के लिए जमाराशि बीमा के मौजूदा ढांचे को सशक्त और सुसंगत बनाना है। इसके अलावा, इस विधेयक के माध्यम से खस्ताहाल वित्तीय संस्थाओं की समस्याओं के निदान के लिए लगने वाले समय और धन में कमी लाना भी इसका लक्ष्य है।
Cabinet approves proposal to introduce the Financial Resolution and Deposit Insurance Bill 2017
The Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has approved the proposal to introduce a Financial Resolution and Deposit Insurance Bill, 2017. The Bill would provide for a comprehensive resolution framework for specified financial sector entities to deal with bankruptcy situation in banks, insurance companies and financial sector entities.

The Financial Resolution and Deposit Insurance, Bill 2017 when enacted, will pave the way for setting up of the Resolution Corporation. It would lead to repeal or amendment of resolution-related provisions in sectoral Acts as listed in Schedules of the Bill. It will also result in the repealing of the Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation Act, 1961 to transfer the deposit insurance powers and responsibilities to the Resolution Corporation.

The Resolution Corporation would protect the stability and resilience of the financial system; protecting the consumers of covered obligations up to a reasonable limit; and protecting public funds, to the extent possible.

The Government has recently enacted the Insolvency and Bankruptcy Code, 2016 ("Code") for the insolvency resolution of non- financial entities. The proposed Bill complements the Code by providing a resolution framework for the financial sector. Once implemented, this Bill together with the Code will provide a comprehensive resolution framework for the economy.

The Financial Resolution and Deposit Insurance Bill, 2017 seeks to give comfort to the consumers of financial service providers in financial distress. It also aims to inculcate discipline among financial service providers in the event of financial crises by limiting the use of public money to bail out distressed entities. It would help in maintaining financial stability in the economy by ensuring adequate preventive measures, while at the same time providing the necessary instruments for dealing with an event of crisis. The Bill aims to strengthen and streamline the current framework of deposit insurance for the benefit of a large number of retail depositors. Further, this Bill seeks to decrease the time and costs involved in resolving distressed financial entities. 
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant बुधवार, 14 जून 2017
अप्रैल में निर्यात 20 प्रतिशत बढ़ा (डॉलर टर्म), व्यापार घाटा तीन गुना बढ़ा, सोने-कच्चे तेल के बढ़े आयात ने चिंता बढ़ाई
1.  वाणिज्यिक वस्‍तुओं का व्‍यापार
निर्यात (इसमें पुनर्निर्यात भी शामिल है) 
  निर्यात मार्च, 2017 के साथ-साथ अब अप्रैल 2017 में भी दहाई अंकों में वृद्धि दर्ज करने में सफल रहा है। अप्रैल, 2017 के दौरान 24635.09 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्‍य की वस्‍तुओं का निर्यात हुआ, जो अप्रैल 2016 में हुए 20568.85 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात की तुलना में 19.77 प्रतिशत ज्‍यादा है। रुपये के लिहाज से अप्रैल, 2017 के दौरान 158913.79 करोड़ रुपये मूल्‍य की वस्‍तुओं  का निर्यात हुआ, जो अप्रैल 2016 के दौरान हुए 136720.11 करोड़ रुपये के निर्यात की तुलना में 16.23 प्रतिशत ज्‍यादा है।
अप्रैल 2017 के दौरान गैर पेट्रोलियम और गैर रत्‍न-जेवरात निर्यात 17718.87 मिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो अप्रैल 2016 की तुलना में 17.06 प्रतिशत ज्‍यादा है।
विश्व व्यापार संगठन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, फरवरी  2017  के दौरान निर्यात में वृद्धि पिछले साल के समान महीने के मुकाबले संयुक्त राज्य अमेरिका (4.74 फीसदी), यूरोपीय संघ (0.16 फीसदी) जापान (13.30 फीसदी) में दर्ज की गई। वहीं, दूसरी ओर फरवरी, 2017 के दौरान निर्यात में वृद्धि पिछले साल के समान महीने के मुकाबले चीन में ऋणात्‍मक यानी -1.56 फीसदी रही।
आयात
अप्रैल, 2017 के दौरान 37884.28 मिलियन अमेरिकी डॉलर (244380.52 करोड़ रुपये) मूल्‍य की वस्‍तुओं का आयात किया गया, जो अप्रैल, 2016 में हुए आयात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 49.07 फीसदी ज्‍यादा है और रुपये के लिहाज से 44.67 फीसदी ज्‍यादा है।
कच्‍चे तेल का आयात एवं गैर-तेल आयात
     अप्रैल, 2017 के दौरान कुल मिलाकर 7359.27 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्‍य का तेल आयात हुआ, जो अप्रैल, 2016 में हुए 5655.92 मिलियन अमेरिकी डॉलर के आयात की तुलना में 30.12 फीसदी ज्‍यादा है।
   इस संबंध में यह उल्‍लेखनीय है कि अप्रैल 2016 की तुलना में अप्रैल, 2017 में ब्रेंट का वैश्विक मूल्‍य (डॉलर प्रति बैरल) 25.40 फीसदी बढ़ गया है। विश्‍व बैंक के जिंस मूल्‍य संबंधी आंकड़ों से यह तथ्‍य उभर कर सामने आया है। 
    अप्रैल, 2017 के दौरान गैर-तेल आयात 30525.01 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जो अप्रैल, 2016 में हुए 19757.80 मिलियन अमेरिकी डॉलर के आयात की तुलना में 54.50 फीसदी अधिक है।
     वहीं अप्रैल में सोने का आयात सालाना आधार पर 1.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। .
समग्र व्‍यापार संतुलन
    कुल मिलाकर, व्‍यापार संतुलन में बेहतरी दर्ज की गई है। वाणिज्‍यि‍क वस्‍तुओं एवं सेवाओं को एक साथ ध्‍यान में रखते हुए समग्र व्‍यापार घाटा अप्रैल-मार्च, 2016-17 के दौरान 40980.00  मिलियन अमेरिकी डॉलर रहने का अनुमान है, जो अप्रैल-मार्च  2015-16 में दर्ज किए गए 49297.53 मिलियन अमेरिकी डॉलर के व्‍यापार घाटे से 16.87 फीसदी कम है।
  वाणिज्यिक वस्‍तुओं का व्‍यापार

निर्यात और आयात  : (मिलियन अमेरिकी डॉलर में)
(अनंतिम)
अप्रैल
निर्यात (इसमें पुनर्निर्यात भी शामिल है)
2016-1720568.85
2017-1824635.09
% वृद्धि 2016-17/ 2015-1619.77
आयात
2016-1725413.72
2017-1837884.28
% वृद्धि 2016-17/ 2015-1649.07
व्‍यापार संतुलन
2016-17-4844.87
2017-18-13249.19
निर्यात एवं आयात  : (करोड़ रुपये में)
(अनंतिम )
अप्रैल
निर्यात (इसमें पुनर्निर्यात भी शामिल है)
2016-17136720.11
2017-18158913.79
% वृद्धि  2016-17/ 2015-1616.23
आयात
2016-17168923.71
2017-18244380.52
% वृद्धि  2016-17/ 2015-1644.67
व्‍यापार संतुलन
2016-17-32203.60
2017-18-85466.73
      सेवा व्‍यापार 
निर्यात एवं आयात (सेवाएं) : (मिलियन अमेरिकी डॉलर में)
(अनंतिम)मार्च 2017
निर्यात (प्राप्तियां)14179
आयात (भुगतान)8267
व्‍यापार संतुलन5912
निर्यात एवं आयात (सेवाएं) : (करोड़ रुपये में)
(अनंतिम)मार्च 2017
निर्यात (प्राप्तियां)93406.57
आयात (भुगतान)54460.27
व्‍यापार संतुलन38946.31
स्रोत: आरबीआई की प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 15 May,2017


(स्रोत-पीआईबी)
((मार्च में एक्सपोर्ट में बढ़ीतरी जारी रही, लेकिन व्यापार घाटा बढ़ना चिंताजनक, सोने का आयात जबर्दस्त बढ़ा 
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
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Rajanish Kant सोमवार, 15 मई 2017
मार्च में एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन व्यापार घाटा बढ़ना चिंताजनक, सोने का आयात जबर्दस्त बढ़ा
सितंबर 2016 से ही निर्यात में दर्ज किया जा रहा सुधार का रुख मार्च, 2017 के दौरान भी बरकरार रहा। मार्च , 2017 के दौरान सालाना आधार पर एक्सपोर्ट 27.6 परसेंट बढ़कर 22.9 अरब डॉलर से 29.23 अरब डॉलर तक पहुंच गया। हालांकि, इस दौरान इंपोर्ट में भारी बढ़ोतरी चिंताजनक है। इंपोर्ट सालाना आधार पर 45.25 परसेंट बढ़कर 27.3 अरब डॉलर से 39.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
MERCHANDISE TRADE

EXPORTS & IMPORTS  : (US $ Million)                                                                                                (Provisional)
EXPORTS (including re-exports)
MARCH
APRIL-MARCH
2015-16
22911.74
262290.11
2016-17
29232.05
274645.10
% Growth 2016-17/ 2015-16
27.59
4.71
IMPORTS


2015-16
27310.28
381006.64
2016-17
39669.22
380367.65
% Growth 2016-17/ 2015-16
45.25
-0.17
TRADE BALANCE


2015-16
-4398.54
-118716.53
2016-17
-10437.17
-105722.55
EXPORTS & IMPORTS: (Rs. Crore)                                                                                                                            (Provisional)
EXPORTS (including re-exports)
MARCH
APRIL-MARCH
2015-16
153558.85
1716377.99
2016-17
192571.13
1841314.39
% Growth 2016-17/ 2015-16
25.41
7.28
IMPORTS


2015-16
183038.67
2490298.03
2016-17
261327.71
2550926.19
% Growth 2016-17/ 2015-16
42.77
2.43
TRADE BALANCE


2015-16
-29479.82
-773920.04
2016-17
-68756.58
-709611.80

EXPORTS & IMPORTS (SERVICES) : (US $ Million)
(Provisional)
February 2017
EXPORTS (Receipts)
13060
IMPORTS (Payments)
7235
TRADE BALANCE
5825
EXPORTS & IMPORTS (SERVICES): (Rs. Crore)
(Provisional)
February 2017
EXPORTS (Receipts)
87600.60
IMPORTS (Payments)
48529.12
TRADE BALANCE
39071.48
Source: RBI Press Release dated 13th April,2017


सोना के आयात में मार्च में 329 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया। ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में 417.80 करोड़ डॉलर का सोना आयात किया गया, जबकि पिछले साल मार्च में यह 97.35 करोड़ डॉलर पर था।
((फरवरी में एक्सपोर्ट डॉलर टर्म में 17% बढ़ा, अप्रैल-फरवरी में व्यापार घाटा 24% कम हुआ

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Rajanish Kant गुरुवार, 13 अप्रैल 2017