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किसी अनिश्चितता के लिए मनी मैनेजमेंट कैसे करें
आपकी जिंदगी आराम से कट रही है, आपने जो वित्तीय योजना बनाई है, वो एकदम से पटरी पर है, कि अचानक नोटबंदी जैसे फैसले ले लिये जाते हैं या फिर कोई हादसा आपके साथ हो जाता है, जाहिर आपके सामने एक उलझन की सी स्थिति पैदा हो जाएगी। ऐसे में मनी मैनेजमेंट कैसे करें, ये एक बड़ा सवाल है। इसका जवाब तलाशना जरूरी है ताकि आर्थिक सफर में कोई बाधा नहीं पहुंचे।  चलिए जानते हैं आखिर इसका उपाय क्या है? 

संकट या अनिश्चतता की इस घड़ी के लिए हमें अपने सबसे महत्वपूर्ण जरूरतों का ध्यान रखने के साथ  पैसे बचाने का भी  विकल्प ढूंढना होगा। दूसरे शब्दों  में, वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाना फायदेमंद होगा। आपके इस काम में म्युचुअल फंड में निवेश भी आपकी मदद कर सकता है। 

-जीवन को आसान बनाने के लिए तकनीक के साथ खुद को बदलिये। मसलन, नेट और मोबाइल बैंकिंग के इस्तेमाल को तरजीह दीजिए। आज आपके बैंक या निवेश कंपनियां, मोबाइल ऐप कंपनियां खुद ही ग्राहकों को फायदेमंद तकनीक, उनको आसानी से समझने वाले प्रोडक्ट और ट्रैकिंग विकल्प मुहैया करा रही हैं। 

-एक बजट बनाइये और उस पर दृढ़ता के साथ अमल कीजिए। खर्च की प्राथमिकता तय करना सबसे जरूरी है। हाथ में सीमित कैश ही रखिये। आमदनी की परवाह किए बगैर बचत को जरूर तरजीह दीजिए। इससे आपको अपना बजट बनाने और अपने वित्तीय लक्ष्य तक पहुंचने में आसानी होगी। 

-बचत अच्छी बात है, लेकिन जमाखोरी नहीं। नोटबंदी ने जमाखोरी को हतोत्साहित किया है। पैसों को गद्दे के नीचे छुपाकर और बैंकों में बेकार पड़े रहने देना सुहाना वित्तीय सफर के लिए बड़ा दुश्मन है। घर और बैंक में पर्याप्त आपातकालीन फंड नहीं होना लंबे समय के लिए  हानिकारक साबित होता है।

-नकदी जमा करने के बजाय निवेश कीजिए। इससे लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न मिलेगा। टैक्स बचत करने का विकल्प म्युचुअल फंड में मिलता है।  जिन लोगों के पास पर्याप्त पैसे बेकार पड़े हैं उनके लिए नोटबंदी जैसे अचानक के झटकों और भविष्य में अनिश्चितताओं से उन पैसों को बचाने के लिए म्युचुअल फंड में निवेश करना बेहतर विकल्प है। 

याद रखें अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर ही म्युचुअल फंडों में निवेश करें-चाहे कार खरीदनी हो, या फिर घर खरीदना हो या भविष्य के लिए बचत करना हो।

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((वॉरेन बफेट को इंडेक्स फंड पसंद है, कहा, दूसरे निवेश में निवेशक नहीं मैनेजर अमीर बनते हैं 

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Rajanish Kant सोमवार, 6 मार्च 2017
पहली सैलरी मिल गई, तो क्या सिर्फ खर्च की ही योजना बनाएंगे, कई दूसरे जरूरी काम भी हैं...
पहली नौकरी लगी है, तो क्या सारी सैलरी आप खर्च देंगे या फिर बचत, निवेश भी करेंगे  

भला, पहली नौकरी मिल जाए, तो किसे खुशी नहीं होती है। महीने भर काम करने के बाद लीजिए, अब सैलरी भी आ गई। तो, सैलरी के बारे में क्या सोचा आपने। हाथ खोलकर खर्च करेंगे, पार्टी करेंगे, जमकर खरीदारी करेंगे, दोस्तों के साथ कहीं पिकनिक पर जाएंगे...क्यों...यही ना। जी हां, हममें से ज्यादातर लोगों के मन में पहली सैलरी मिलने के बाद शायद इसी तरह के विचार चलते रहते हैं, लेकिन हम भूल जाते हैं कि हमें आने वाले कल के लिए कुछ बचत भी करनी है, उन पैसों का कहीं ना कहीं अच्छे निवेश साधनों में निवेश भी करना है, आपातकालीन और रिटायरमेंट फंड भी बनाना है। 

अगर हम अपनी पहली सैलरी के मिलते ही जिस तरह से खर्च के बारे में सोच लेते हैं उसी तरह अगर बचत, निवेश, इंश्योरेंस, रिटायरमेंट फंड बगैरह के बारे में भी सोच लें, तो कितना अच्छा रहेगा। यानी कल के लिए भी हम आज से ही सोचना शुरू कर दें। तो, चलिए बताते हैं इसके लिए क्या-क्या करना जरूरी है...

1) सबसे पहला काम अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा किसी अच्छी रिटायरमेंट या पेंशन स्कीम में लगाएं। जैसे अगर आपकी कंपनी आपकी सैलरी में से कुछ पैसे काटकर ईपीएफ (Employee Provident Fund-कर्मचारी भविष्य निधि, अक्सर पीएफ के  नाम से पुकारा जाता है) में निवेश करती है तब तो ठीक है। अगर आपकी कंपनी में इसकी व्यवस्था नहीं है, तो पीपीएफ (Public Provident Fund-सार्वजनिक भविष्य निधि ) में जरूर निवेश करें। शुरू में सैलरी कम हो तो सैलरी का 3-4% हिस्सा इसमें निवेश कर दें। जैसे-जैसे सैलरी बढ़ती जाए, पीपीएफ में अपना हिस्सा बढ़ाते जाएं। मसलन, पहले साल अगर कुल सैलरी का 3-4% निवेश किया तो उसके अगले साल उसे बढ़ाकर सैलरी का 5-6% कर सकते हैं। जानकारों के मुताबिक, ज्यादा से ज्यादा कुल सैलरी का 10 % हिस्सा ईपीएफ या पीपीएफ में निवेशित होना चाहिए। ये फंड आपके  रिटायरमेंट के बाद काम आएंगे। 


2)दूसरा काम कीजिए कि अपनी आमदनी और अपने खर्चों पर नजर रखें यानी कैश प्लो पर ध्यान रखें। आपका फाइनेंशियल सफर तभी सुहाना होगा,जब आपकी आमदनी ज्यादा और आपके खर्च कम होंगे। मतलब हर हाल में आपके हाथ में पैसे ज्यादा होने चाहिए। आमदनी और खर्च पर नजर रखने का सबसे बढ़िया उपाय है कि आप अपने घर का बजट बनाएं। अपनी आमदनी और अपने खर्च को एक डायरी पर नोट करें। इससे आपको अपने कैश प्लो का अंदाज रहेगा। फाइनेंशियल प्लानिंग भी साथ-साथ लिखते चलें। याद रखें अगर खर्च आमदनी से ज्यादा है तो या तो खर्च में कटौती करें या फिर ज्यादा कमाई के लिए कोई दूसरा काम करें। 

वैसे बाजार में कई एप्स भी मौजूद हैं जो आपके खर्चों पर नजर रखने काम कर सकते हैं। अगर आप ज्यादा खर्च करने लगेंगे तो ये एप्स आपको आगाह करेंगे। इस तरह से आप अपने खर्च को काबू में रख सकते हैं। कुछ एप हैं-AndroMoney, Monefy, Money Lover, Mvelopes, Money View,Officetime,Good Budget,Wally, Mint, HomeBudgetआदि


3) कर्ज कम करें: हो सकता है पढ़ाई करते समय आपने स्टूडेंट लोन या विद्यार्थी ऋण लिया हो, या फिर आपके ऊपर क्रेडिट कार्ड का कर्ज या फिर मेडिकल बिल का बकाया हो, इनको भी खत्म करने या कम करने के लिए प्लान तैयार करें। जानकार एक बार में ही कर्ज या बकाया चुकाने की सलाह नहीं देते हैं। इसके बदले उन बकायों या कर्ज की प्राथमिकता तय कर उसे धीरे-धीरे खत्म करने की बात कहते हैं। प्राथमिकता तय करने के लिए जानकार दो उपायों का सुझाव  देते हैं....पहला, ज्यादा ब्याज दर वाले  कर्ज या बकाए को पहले स्थान पर रखते हुए उनकी लिस्ट बनाना  (मतलब सबसे ज्यादा ब्याज दर वाला सबसे ऊपर,उससे कम वाला उसके नीचे और उससे भी कम ब्याज वाला उससे नीचे) और दूसरा सबसे कम लोन या बकाए को सबसे पहले रखकर लिस्ट बनाएं (मतलब,  सबसे पहले सबसे कम कर्ज या बकाए को रखें उसके बाद उससे कम वाले बकाए या कर्ज को रखें और फिर उससे भी कम वाले कर्ज या बकाए को रखें) कर्ज या बकाया चुकाएं।  इसमें से जो तरीका आपको बेहतर लगे उसे अमल में लाएं। 

4)अब भविष्य की खरीदारी के लिए बचत करने का लक्ष्य तय करें:  आप अपने पैसे आज ही खर्च कर डालेंगे, तो कल की जरूरत कैसे पूरी होगी। इसलिए आने वाले दिनों के लिए भी फाइनेंशियल प्लान आज ही तैयार कर लें और उसके लिए निवेश करना शुरू कर दीजिए। जैसे, घर खरीदने के लिए डाउन  पेमेंट का इंतजाम करना, अपनी शादी करना, कार खरीदना, विदेश घूमने जाना बगैरह-बगैरह। अपने फाइनेंशियल प्लान तीन अवधि छोटी, मध्यम और दीर्ध अवधि में बांटकर तैयार कर सकते हैं। 


5)आपातकालीन फंड (Emergency Fund)बनाइए: जिंदगी में सबकुछ हमारी योजना के मुताबिक नहीं होता है। कई बार अचानक दूसरा काम पड़ जाता है और उसके लिए अतिरिक्त पैसों की जरूरत पड़ती है। मसलन, कोई हादसा होना, कोई गंभीर बीमारी होना बगैरह। ऐसे कामों के लिए आपातकालीन फंड बनाना जरूरी है। ध्यान रहे इस फंड को आपात स्थिति में इस्तेमाल करना चाहिए। 
6) जरूरत के मुताबिक इंश्योरेंस पॉलिसी लें:  अपनी सैलरी में से कुछ पैसे इंश्योरेंस के लिए भी बचाकर रखें। इसमें लाइफ इंश्योरेंस के साथ-साथ मेडिकल इंश्योरेंस भी जरूरी है। इंसान की जिंदगी में एक तरफ अनिश्चतता बढ़ गई है तो दूसरी ओर इलाज करवाना लगातार महंगा होता जा रहा है। 
7) अपने फाइनेंशियल प्लान, बचत, निवेश की समय-समय पर समीक्षा करें। आपने जो रिटायरमेंट फंड बनाया है, आपातकालीन फंड बनाया है, भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लान तैयार किया है, उसकी समय-समय पर समीक्षा करें। अगर उसमें कोई फेर-बदल करने की जरूरत आप महसूस कर रहे हैं तो फेर-बदल करना अच्छा रहेगा। 
((आपका 'Money Time' क्या है ?
((मनी मित्र: वित्तीय सफर का भरोसेमंद साथी MoneyMitra: A Reliable Friend of Your Financial Journey
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(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 

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((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

Rajanish Kant मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017
इस वैलेंटाइन डे पर सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट को भी बोलें," I Love You"! जानिए वॉरेन बफेट की बचत, निवेश पर बोल
14 फरवरी यानी प्रेम करने वालों का दिन, जिसका इंतजार हर कपल्स को होता है। और हो भी क्यों ना, एक-दूसरे से अपनी भावनाओं का इजहार जो करना होता है। हर कपल्स इस दिन को यादगार बनाने की हरसंभव कोशिश करता है, और करे भी क्यों ना, क्योंकि चुके तो फिर साल भर ही ये मौका आएगा। चलिये, अपने प्यार को यादगार बनाइए, लेकिन साथ ही अपने फाइनेंशियल सफर को भी सुहाना बनाने के लिए कुछ यादगार काम इस दिन कर लिया जाए, तो कैसा रहेगा? अगर प्यार के साथ-साथ फाइनेशियल सफर भी सुहाना बना रहे, तो क्या दिक्कत है? 
तो, क्यों ना,  बचत, इन्वेस्टमेंट और फाइनेंशियल प्लानिंग को भी वैलेंटाइन डे पर 'I Love You'बोले। हमारी जिंदगी में प्यार के साथ-साथ बचत, निवेश और फाइनेंशियल प्लानिंग भी जरूरी है। हम अपनी हर भौतिक जरूरत अपनी मेहनत की कमाई से ही पूरी करते हैं। पैसा हमारी आज की जरूरत भी पूरी करता है और आने वाले कल की भी जरूरत यही पूरी करेगा। अगर हम सारे पैसे आज ही खर्च कर देंगे, तो फिर भविष्य की हमारी जरूरत कैसे पूरी होगी? कल हमारी जरूरतें बढ़ेंगी, एक उम्र के बाद हम रिटायर हो जाएंगे, बच्चे को उच्च शिक्षा दिलाना है, उनकी शादी बगैरह करना है, जैसे ढेरों काम करने होते हैं। ऊपर महंगाई भी बढ़ती जाएगी। इसका तो एक ही उपाय है कि हम अपनी आज की कमाई में से थोड़ी-थोड़ी बचत करें और उसे ऐसे निवेश साधनों में निवेश करें जो कि टैक्स चुकाने के बाद महंगाई से ज्यादा मुनाफा दे। और अगर  निश्चित फाइनेंशियल प्लानिंग के साथ निवेश करते हैं तो फिर कहना ही क्या, भविष्य की जरूरत पूरी करने के लिए हमें कहीं और निर्भर नहीं 
करना पड़ेगा। 
ठीक है, बचत को लेकर हमारी बात आप मत मानिए, लेकिन दुनिया के महान अरबपति निवेशक वॉरेन बफेट की बात तो आप मानेंगे। उन्होंने  अखबार विक्रेता के तौर पर अपना कैरियर शुरू किया था और उससे कमाये पैसों में से कुछ बचत करते थे और उसका निवेश करते थे। उनकी इसी आदत ने दुनिया का तीसरा सबसे दौलतमंद इंसान बना दिया है। 

>आइए देखते हैं वॉरेन बफेट क्या कहते हैं....
-खर्च करने के बाद जो बचता है उसे न बचावें, बल्कि बचत करने के बाद बच जाता है उसे खर्च करें।
-एकल आय (single income source) पर निर्भर कभी नहीं रहना चाहिये। दूसरा स्रोत बनाने के लिए निवेश (invest) करें।
वॉरेन बफेट, अरबपति निवेशक

तो, देखा ना, आपने बचत और निवेश की महिमा। बचत और निवेश के दम पर भी आप दौलतमंद बन सकते हैं। तो, वैलेंटाइन डे को यूं ही मत गंवाइये, जिंदगी के फाइनेंशियल सफर को सुहाना बनाने के लिए Savings, Investment और फाइनेंशियल प्लानिंग को भी  बोलें., " I Love You"।

>बचत, निवेश, फाइनेंशियल प्लानिंग पर लेख के लिंक नीचे गए हैं.....पढ़ें और फायदा उठायें... 
((बचत करूं या करूं निवेश, कौन देगा ज्यादा फाइनेंशियल कॉन्फिडेंस
((वित्तीय योजना (फाइनेंशियल प्लानिंग) क्या है और क्यों जरूरी है? What is Financial Planning&Why is it necessary?
((खुद के पैसे, खर्च करें कैसे; जानें 50:30:20 फॉर्मूले से 
((अपने पसंदीदा सितारों से सीखें बचत, निवेश और वेल्थ मैनेजमेंट के गुर
फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((आपातकालीन फंड बनाना आपके लिए अच्छा रहेगा
((क्यों और कैसे बनें beyourmoneymanager? 
((सिर्फ तीन कदमों में कैसे पूरी करें फाइनेंशियल प्लानिंग की दुनिया
((शेयर बाजार और डेट (FD, बॉण्ड) में कितना-कितना पैसा लगाएं
((निवेश को नुकसान से बचाना है तो 5 गलतियों से बचें
((जब आपके बच्चे को बर्थडे गिफ्ट में मिले पैसे, तो ये काम जरूर करें
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(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 

((मेरा कविता संग्रह "जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक"खरीदने के लिए क्लिक करें 

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((पोंजी स्कीम: ये 7 काम करें, कंगाल होने से बचें ; Ponzi Scheme-How to save from
((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes
((पैसे से पैसा बनाने का'100-उम्र' मंत्र: जानिये क्या है? '100-Age' Rule of Investment

Rajanish Kant रविवार, 12 फ़रवरी 2017
'मनी टाइम'-क्या है आपका; What is your 'Money Time'?


(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 

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'मनी टाइम'-क्या है आपका; What is your 'Money Time'?

Rajanish Kant शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017
टैक्स बचत के साथ-साथ बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो ELSS है ना...जानें 7 खास बातें ELSS की
अगर आप किसी ऐसे निवेश साधन की तलाश में है जिसमें पैसे लगाने के बाद आपका टैक्स भी बचे और टैक्स बचत वाले दूसरे निवेश साधन मसलन, इंश्योरेंस प्लान, पीपीएफ, बैंक एफडी, एनएससी, इंश्योरेंस कंपनियों के पेंशन प्लान बगैरह के मुकाबले रिटर्न भी बेहतर मिले, तो ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम आपके लिए बढ़िया विकल्प हो सकता है। हालांकि, शेयर बाजार से जुड़े होने की वजह से इसमें जोखिम भी हैं। 

सबसे पहले रिटर्न की तुलना कर लेते हैं:
निवेश साधन                    रिटर्न (%) में 
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ELSS         लंबी अवधि में औसतन सालाना रिटर्न 12 %
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इंश्योरेंस प्लान         लंबी अवधि में औसतन सालाना रिटर्न 5% 
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PPF                       8-8.5% सालाना (आगे कमी की संभावना)
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इंश्योरेंस कंपनियों              यूलिप में सालाना करीब 10%, 
 के पेंशन प्लान                  डेट से जुड़े प्लान में करीब 7%
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बैंक FD                    सालान 9% से कम, आगे कमी की संभावना,
                                  मनी मार्केट आधारित निवेश साधन 
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NSC                     सालाना 9% से कम, आगे कमी की संभावना     
                                मनी मार्केट आधारित निवेश साधन
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ELSS की 7 खास बातें:
-दूसरे इक्विटी फंड के मुकाबले इसमें कम उतार-चढ़ाव
-एक ही साथ निवेश करने के तनाव से मुक्ति के लिए आप मासिक एसआईपी यानी 
सिस्टैमिक इन्वेस्टमेंट प्लान चुन सकते हैं
-तीन साल का लॉक-इन पीरियड, जो कि दूसरे टैक्स बचत वाले निवेश साधन 
के मुकाबले कम है। 
-म्युचुअल फंड होने के कारण इसके फायदे मसलन, निवेश करने में 
कम लागत, कम जोखिम बगैरह।
-चुंकि इसमें ज्यादातर निवेशक लंबी अवधि के होते हैं, इसलिए फंड मैनेजर
पोर्टफोलियो से संबंधित सलाह देने में ज्यादा सावधानी बरतते हैं
-दूसरी म्युचुअल फंड स्कीम के मुकाबले इसमें स्थिरता ज्यादा, क्योंकि 
ELSS के निवेशक लंबी अवधि के होते हैं, इसलिए जल्दी फंड से
निकलते नहीं हैं
-ELSS हालांकि निश्चित रिटर्न का आश्वासन नहीं देता है, फिर भी एतिहासिक 
तौर पर लंबी अवधि में दूसरे टैक्स बचत निवेश साधन के मुकाबले ज्यादा ही 
रिटर्न देने में कामयाब रहा है

डिस्क्लेमर- यह सिर्फ जानकारी के लिए है। इसे निवेश की सलाह ना मानें। इसमें निवेश करने का फैसला स्वयं से या अपने निवेश सलाहकार की मदद से लें। 

((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-1:What Is Mutual Fund  
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-1: म्युचुअल फंड क्या है

((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-2: Investment of Mutual Fund 
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-2: म्युचुअल फंड का कहां निवेश होता है

((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-3:Benefits of Investment in Mutual Fund 
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-3: म्युचुअल फंड में निवेश के फायदे

((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-4: म्युचुअल फंड में निवेश किसके जरिये करें 

((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-5: Role of MF Trustee
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-5: म्युचुअल फंड ट्रस्टी की भूमिका 

((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-6: What Is Asset Management Company
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-6: परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (AMC) का क्या काम है)

((बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में महंगाई विलेन बने, तो क्या करें 
म्युचुअल फंड में पैसे लगाएं, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के तनाव से बचें   

((म्युचुअल फंड में पैसे लगाइए, टैक्स बचाइए; जानें क्यों और कैसे होगा फायदा 

((म्युचुअल फंड के जरिए फाइनेंशियल प्लानिंग पूरी करें

((म्युचुअल फंड: क्यों है निवेश का सबसे बेहतर जरिया: भाग-1

((म्युचुअल फंड: क्यों है निवेश का सबसे बेहतर जरिया: भाग-2

(म्युचुअल फंड के जरिए महिलाओं को कैसे मिलेगी आर्थिक आजादी? 

((रिटायरमेंट फंड बनाएं, म्युचुअल फंड की मदद से  

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Rajanish Kant रविवार, 8 जनवरी 2017