Results for "तीसरी तिमाही"
इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े आज, सुधार की उम्मीद
बाजार की नजर इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर तिमाही) के आज जारी होने वाले  जीडीपी के आंकड़ों पर है। ज्यादातर जानकारों को इन आंकड़ों में सुधार की उम्मीद है। 

रायटर्स के सर्वे के मुताबिक,  सरकार, इंडस्ट्री और उपभोक्ताओं द्वारा खर्च बढ़ाये जाने की वजह से सालाना आधार पर इस तिमाही में जीडीपी विकास दर 6.9 प्रतिशत रहने के आसार हैं।  इससे पिछली तिमाही यानी जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान जीडीपी विकास दर पांच तिमाहियों के धीमेपन के बाद तेजी की ओर लौटते हुए सालाना 6.3 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई थी।  

सर्वे के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीवीए विकास दर सालाना आधार पर 6.6 प्रतिशत रहने वाली है जो कि जुलाई-सितंबर में 6.1 प्रतिशत थी। 

Q2 FY 18 GDP@6.3%, Q2 FY18 GVA@6.1%
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Rajanish Kant बुधवार, 28 फ़रवरी 2018
अक्टू.-दिसं. तिमाही 2016-17 में GDP@7%, 2016-17 में 7.1% रहने का अनुमान
भारतीय इकोनॉमी वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर- दिसंबर अवधि के दौरान 7% की दर से विकास किया है। केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने जीडीपी का ताजा आंकड़ा जारी करते हुए अपने दूसरे पूर्वानुमान में चालू वित्त वर्ष में जीडीपी 7.1% रहने की बात कही है।
((तीसरी तिमाही (अक्टू.-दिसं.) के GDP आंकड़े आज, नोटबंदी के असर पर नजर
((फाइनेंस का फंडा: भाग-15, GDP के मायने 
>2016-17 की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान और 2016-17 की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ रेट 2011-12 की स्थिर  और मौजूदा मूल्य कीमत पर:

Growth Rates of GDP

Constant prices  (2011-12)
Current prices
Annual 2016-17 (Second advance)
7.1
11.5
Q12016-17(April-June)
7.2
10.8
Q2 2016-17(July-Sep)
7.4
11.8
Q3 2016-17(Oct-Dec)
7.0
10.6













राष्ट्रीय आय के द्वितीय अग्रिम अनुमान, 2016-17 और तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर), 2016-17 के लिए सकल घरेलू उत्पाद के तिमाही अनुमान
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केन्‍द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने वित्‍त वर्ष 2016-17 के लिए स्थिर मूल्‍यों (2011-12) और वर्तमान मूल्‍यों पर राष्‍ट्रीय आय के द्वितीय अग्रिम अनुमान जारी कर दिए हैं।
स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर), 2016-17 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तिमाही अनुमान भी जारी कर दिए गए हैं।
स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों पर वित्त वर्ष 2016-17 और चालू वित्त वर्ष की प्रथम, द्वितीय और तृतीय तिमाहियों के लिए जीडीपी वृद्धि दरों का उल्लेख नीचे किया गया हैः
जीडीपी की वृद्धि दरें

 स्थिर मूल्य  (2011-12)
 वर्तमान मूल्य
वार्षिक 2016-17 (द्वितीय अग्रिम अनुमान)
7.1
11.5
पहली तिमाही 2016-17(अप्रैल-जून)
7.2
10.8
दूसरी तिमाही 2016-17(जुलाई-सितंबर)
7.4
11.8
तीसरी  तिमाही 2016-17(अक्टूबर-दिसंबर)
7.0
10.6










स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर अनुमान
सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी)
वर्ष 2016-17 में स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर वास्‍तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के बढ़कर 121.65 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया हैजबकि वर्ष 2015-16 के लिए प्रथम संशोधित अनुमान में जीडीपी को 113.58 लाख करोड़ रुपये आंका गया थाजो 31 जनवरी 2017 को जारी किया गया था। वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया हैजबकि वर्ष 2015-16 में जीडीपी वृद्धि दर 7.9 फीसदी आंकी गई थी। 
बुनियादी मूल्‍यों पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीए)
वर्ष 2016-17 में बुनियादी स्‍थिर मूल्‍यों (2011-12) पर वास्‍तविक जीवीए अर्थात जीवीए के बढ़कर 111.68 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया हैजो वर्ष 2015-16 में 104.70 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2016-17 में बुनियादी मूल्‍यों पर वास्‍तविक जीवीए की अनुमानित वृद्धि दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया हैजो वर्ष 2015-16 में 7.8 फीसदी थी।
जिन क्षेत्रों ने 7.0 फीसदी से ज्‍यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमें लोक प्रशासनरक्षा एवं अन्‍य सेवाएं’, ‘विनिर्माण, ‘व्‍यापारहोटलपरिवहनसंचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाए, शामिल हैं।
कृषिवानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन’, ‘खनन एवं उत्‍खनन’, ‘विद्युतगैसजलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाओं’, ‘निर्माण’ और वित्‍तीयअचल संपत्‍ति एवं प्रोफेशनल सेवाओं’ की वृद्धि दर क्रमश: 4.4, 1.3, 6.63.1 और 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।
प्रति व्‍यक्‍ति आय
वर्ष 2016-17 के दौरान सही अर्थों में (2011-12 के मूल्‍यों पर) प्रति व्‍यक्‍ति आय के बढ़कर 82,112 रुपये हो जाने की संभावना हैजो वर्ष 2015-16 में 77524 रुपये थी। वर्ष 2016-17 के दौरान प्रति व्‍यक्‍ति आय की वृद्धि दर 5.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया हैजो पिछले वर्ष 6.6 फीसदी थी।
वर्तमान मूल्‍यों पर अनुमान
सकल घरेलू उत्‍पाद  
वर्ष 2016-17 में वर्तमान मूल्‍यों पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) के बढ़कर 152.51 लाख करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच जाने की संभावना हैजो वर्ष 2015-16 में 136.75 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह 11.5 फीसदी की वृद्धि दर दर्शाती है।
राष्ट्रीय आय
वर्ष 2016-17 के दौरान सांकेतिक शुद्ध राष्ट्रीय आय (एनएनआई), जिसे राष्ट्रीय आय (वर्तमान मूल्यों पर) भी कहा जाता है, 134.86 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2015-16 में 120.83 लाख करोड़ रुपये थी। वृद्धि दर के लिहाज से राष्ट्रीय आय ने वर्ष 2016-17 में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाई है, जबकि पिछले वर्ष वृद्धि दर 10.2 प्रतिशत आंकी गई थी।
(Source:pib.nic.in)
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Rajanish Kant मंगलवार, 28 फ़रवरी 2017
तीसरी तिमाही (अक्टू.-दिसं.) के GDP आंकड़े आज, नोटबंदी के असर पर नजर
भारतीय इकोनॉमी पर नोटबंदी का कितना असर हुआ है या फिर नोटबंदी से घरेलू इकोनॉमी बेअसर रही है, इसका पता आज चलेगा। दरअसल,  केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के  GDP या सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े आज जारी करेगा। पिछले साल 8 नवंबर को 
500 और 1000 रुपए के नोट पर अचानक प्रतिबंध लगा दिया गया था। सरकार के इस फैसले को देखते हुए कई जानकार और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थान नोटबंदी से भारत की विकास दर में कमी का कयास लगा रहे हैं। 
इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर के दौरान भारत ने सालाना 7.3% की दर से विकास किया था। लेकिन, नोमुरा की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की तीसरी तिमाही में विकास दर 6% जबकि जनवरी-मार्च यानी इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में 5.7% रह सकती है। 
नोमुरा ने इससे पहले नवंबर में जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि नोटबंदी की वजह से भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2016 की चौथी तिमाही में कमजोर पड़कर 6.5% रह सकती है, जबकि 2017 की पहली तिमाही में यह 7.5 %रह सकती है। इससे पहले इन तिमाहियों के लिये उसने वृद्धि दर के क्रमश: 7.3 और 7.9 % रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
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Rajanish Kant