बेलगाम होती महंगाई का लोगों की बचत पर क्या असर हो रहा है, एक विस्तृत रिपोर्ट के जरिये दैनिक अंग्रेजी अखबार ( mint) ने इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में भारतीय घरों की बचत पांच साल की सबसे निचले स्तर पर आ गई है। महंगाई से एक तरफ लोगों की खरीदने की क्षमता कम हो गई है, वहीं दूसरी तरफ लगातार दो साल तक कोरोना सख्त लॉकडाउन की वजह से लोगों की आमदनी घटी है और इस वजह से लोग अपनी बचत से घर का खर्च चलाने को मजबूर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में भारतीय घरों की कुल वित्तीय बचत 15.9 प्रतिशत थी, जो कि 31 मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान घटकर 10.8 प्रतिशत पर आ गई। पिछले के तीन वित्त वर्ष के दौरान यह 12 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों ने कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में अपनी नौकरी और सेहत की रक्षा के लिए पैसे बचाए थे, लेकिन जब इकोनॉमी धीरे धीरे दोबारा पटरी पर लौटने लगी तो लोग सेवा और सामान पर आम तौर पर जितना खर्च करते थे, उससे ज्यादा खर्च करने लग गए। इससे उनकी बचत में खासी कमी आई।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय घरों की बचत जीडीपी के 2.5 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि कई सालों में सबसे कम है।
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