बुधवार, 29 जून 2022

बैंकों में पैसा जमा करने की वृद्धि दर में कमी आई- RBI

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में जमाराशि – मार्च 2022’ का प्रकाशन अपने भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस (डी.बी.आई.ई.) नामक पोर्टल (वेब-लिंक- https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!18) पर जारी किया।

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी)2 द्वारा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर) -2 सर्वेक्षण के अंतर्गत जमा राशि के प्रकार (चालू, बचत और अवधि) संबंधी शाखा-वार आंकड़े और उसके संस्थागत क्षेत्र-वार स्वामित्व, सावधि जमा राशि के परिपक्वता पैटर्न और कर्मचारियों की संख्या की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं। ये डेटा अलग-अलग स्तर (जैसे, जमाराशि का प्रकार, जनसंख्या समूह, बैंक समूह, राज्य, जिला, केंद्र, ब्याज दर सीमा, आकार, मूल तथा अवशिष्ट परिपक्तवता) पर जारी किए जाते हैं।

मुख्य बातें:

  • बैंक जमा वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) मार्च 2022 में घटकर 10.0 प्रतिशत हो गई, जो एक वर्ष पहले 11.9 प्रतिशत थी; 2021-22 के दौरान चालू, बचत और सावधि जमा में क्रमश: 10.9 प्रतिशत, 13.3 प्रतिशत और 7.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

  • पिछले कुछ वर्षों से कुल जमाराशियों में चालू खाता और बचत खाता (सीएएसए) जमाराशियों की हिस्सेदारी बढ़ रही है और तीन वर्ष पहले के 41.7 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2022 में 44.8 प्रतिशत पर रहा; 2020-21 और 2021-22 के दौरान इन कम लागत वाली जमाराशियों की वृद्धिशील जमाराशियों में क्रमशः 60.9 प्रतिशत और 55.6 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही।

  • बैंकों की महानगरीय शाखाएं, जिनकी कुल जमाराशियों में आधे से अधिक की हिस्सेदारी होती है, 2021-22 के दौरान वृद्धिशील जमाराशि में इनकी हिस्सेदारी 51.5 प्रतिशत (2020-21 में 59.6 प्रतिशत) रही।

  • कुल जमाराशियों में घरेलू क्षेत्र3 की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी (62.6 प्रतिशत) रही, उसके बाद क्रमशः गैर-वित्तीय निगम, सामान्य सरकार, शेष विश्व और वित्तीय निगम थे।

  • मार्च 2022 में कुल जमाराशियों में महिला जमाकर्ताओं की हिस्सेदारी 19.8 प्रतिशत रही; 2021-22 के दौरान वृद्धिशील बैंक जमा में उनकी हिस्सेदारी पिछले वर्ष के 15.2 प्रतिशत से बढ़कर 34.3 प्रतिशत हो गई।

  • 2021-22 के दौरान वृद्धिशील जमाराशियों में सामान्य सरकार और वित्तीय निगमों की हिस्सेदारी एक चौथाई से अधिक है, जबकि पिछले वर्ष में यह 5.8 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

  • कुल मियादी जमाराशियों में बृहद आकार वाले जमाराशियों (अर्थात्, 1 करोड़ और उससे अधिक) की हिस्सेदारी लगभग 40.0 प्रतिशत रही।

  • मौद्रिक और चलनिधि की स्थिति के अनुरूप, 2021-22 के दौरान मियादी जमाराशियों पर ब्याज दरों को और कम किया गया; मार्च 2022 में 6 प्रतिशत से अधिक ब्याज दर वाली मियादी जमाराशियों का हिस्सा घटकर 14.4 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 31.0 प्रतिशत; दो वर्ष पहले 78.7 प्रतिशत) हो गया।

  • सात राज्यों, अर्थात्, महाराष्ट्र, दिल्ली का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी), उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात का एक साथ मिलकर बैंक जमाराशियों में हिस्सेदारी 63.3 प्रतिशत रही।

 

1 मार्च 2022 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 42 (2) के तहत एकत्र) पर आधारित सकल डेटा का प्रकाशन हमारी वेबसाइट (होम> सांख्यिकी> जारी आंकड़े> पाक्षिक - भारत में अनुसूचित बैंक की स्थिति का विवरण) में पहले ही किया जा चुका है तथा 31 मार्च 2022 के लिए एससीबी की जमा राशि और ऋण पर त्रैमासिक सांख्यिकी के आधार पर अलग-अलग डेटा हमारी वेबसाइट (होम> सांख्यिकी> जारी आंकड़े> त्रैमासिक> एससीबी की जमाराशियों और ऋण संबंधी त्रैमासिक सांख्यिकी) पर पहले ही प्रकाशित की जा चुकी है।

2 जारी किए गए इस आंकड़े में भुगतान बैंकों के पास जमाराशि को शामिल नहीं किया गया है।

3 घरेलू क्षेत्र में अन्य के साथ-साथ एकल व्यक्ति, मालिकाना प्रतिष्ठान, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) और साझेदारी फर्म, शामिल हैं।


(साभार: www.rbi.org.in)

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