बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के तहत निदेश -
सर्जेरावदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक लिमिटेड, शिराला, जिला. सांगली, महाराष्ट्र
जनता के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 (ए) की उपधारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 3 फरवरी 2021 के निदेश संदर्भ सं. DoS.CO.UCBs-West/D-1/12.07.157/2020-21 के माध्यम से सर्जेरावदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक लिमिटेड, शिराला, जिला. सांगली, महाराष्ट्र को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके अनुसार 3 फरवरी 2021 को कारोबार समाप्ति से, उपरोक्त बैंक के प्रशासक, रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी ऋण और अग्रिम प्रदान या नवीनीकरण नहीं करेगा, न ही कोई निवेश करेगा, न ही कोई देयता निर्मित करेगा जिसमें निधि का उधार और नई जमाराशि की स्वीकृति शामिल हो, किसी भी भुगतान को संवितरित करना या संवितरित करने के लिए सहमत होगा चाहे वह इसके देयताओं और बाध्यताओं के निर्वहन के लिए हो या अन्यथा, 3 फरवरी 2021 के रिज़र्व बैंक के निदेश, जिसकी एक प्रति जनता के लिए बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है, में अधिसूचित अनुसार अपनी किसी भी आस्ति या संपत्ति का विक्रय, हस्तांतरण या अन्यथा निपटान के लिए किसी भी समझौता या व्यवस्था में प्रवेश नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन सभी बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹500 (पाँच सौ रुपये मात्र) से अधिक राशि आहरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
2. रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों को रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों के संशोधनों पर विचार कर सकता है।
3. ये निदेश 3 फरवरी 2021 के कारोबार समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और जो समीक्षाधीन हैं ।
(साभार- www.rbi.org.in)
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