ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि वह वृहद एवं प्रगतिशील ट्रांस-पैसिफिक भागीदारी (सीपीटीपीपी) करार में शामिल होने के लिए आवेदन करने जा रही है। यह 11 विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के दुनिया के सबसे बड़े मुक्त-व्यापार क्षेत्रों में से है। ब्रिटेन ने अपनी ब्रेक्जिट-बाद की योजना के तहत इस करार में शामिल होने की घोषणा की है।
इसे प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अगुवाई वाली सरकार की व्यापक व्यापार रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इसका मकसद दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के साथ संबंधों को मजबूत करना है। साथ ही इसके जरिये ब्रिटेन, भारत सहित उन देशों के साथ भागीदारी करना चाहेगा जो मुक्त और उचित तरीके से व्यापार में विश्वास करते हैं।
सीपीटीपीपी के देशों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, जापान, मलेशिया, मेक्सिको, न्यूजीलैंड, पेरू, सिंगापुर और वियतनाम शामिल हैं। पिछले साल 31 जनवरी को ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकला था और उसने ब्रेक्जिट बदलाव की प्रक्रिया को शुरू किया था। यह प्रक्रिया इस साल की शुरुआत में पूरी हो गई।
जॉनसन ने कहा, ‘‘ईयू से बाहर निकलने के एक साल बाद हम नयी भागीदारी कर रहे हैं, जिससे ब्रिटेन के लोगों को काफी आर्थिक लाभ मिलेंगे।’’
(साभार- पीटीआई भाषा)
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