रविवार, 5 जनवरी 2020

ओवीएल के प्रबंध निदेशक की नियुक्ति के लिए खोज एवं चयन समिति का गठन

सरकार ने ओएनजीसी विदेश लि. (ओवीएल) के प्रबंध निदेशक की नियुक्ति के लिए खोज एवं चयन समिति का गठन किया है। यह पद करीब एक साल से रिक्त है। ओवीएल विदेश में तेल एवं गैस संपत्तियों का अधिग्रहण करने वाली देश की प्रमुख कंपनी है।

ओवीएल के पूर्व प्रबंध निदेशक नरेंद्र के. वर्मा 31 जनवरी 2019 को सेवानिवृत्त हुए थे। उसके बाद से यह पद रिक्त है। कंपनी की वेबसाइट से पता चलता है कि पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक नहीं होने की वजह से ओवीएल 2019 में एक भी अधिग्रहण नहीं कर पाई।

पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस पद के लिए छह फरवरी तक आवेदन मांगे हैं। इन आवेदनों की जांच खोज एवं चयन समिति करेगी।

इस समिति में पेट्रोलियम सचिव एम.एम. कुट्टी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पूर्व चेयरमैन एम.ए. पठान और लोक उपक्रम चयन बोर्ड (पीईएसबी) के चेयरमैन के.डी. त्रिपाठी शामिल हैं।

सूत्रों ने बताया कि ओवीएल के मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता था कि खोज एवं चयन समिति यह नियुक्ति करे। लेकिन सरकार के विभिन्न विभागों में आवेदन करने वाले अधिकारियों को लेकर विवाद की वजह से इस प्रक्रिया में देरी हुई।

सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता था कि जिस किसी अधिकारी को भी चुना जाता है, उसे ओवीएल में प्रतिनियुक्ति पर आने दिया जाए। वहीं सरकार के अन्य विभाग चाहते थे कि किसी भी अधिकारी को ओवीएल में आने से पहले अपने पिछले पद से इस्तीफा देना चाहिए।

इस पद के लिए निकाले गए विज्ञापन के अनुसार भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे अधिक के अधिकारी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं और उन्हें सेवा से इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है।

ओवीएल सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है। इसकी 19 देशों में 39 परियोजनाएं हैं। अब तक कंपनी विदेशी परियोजनाओं में 29.28 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है।

((साभार- पीटीआई भाषा)
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