भारतीय पासपोर्ट धारक प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को 180 दिन की अनिवार्य समयसीमा के बिना आधार कार्ड जारी करने की सुविधा तीन महीने के भीतर उपलब्ध हो जाएगी। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का कहना है कि वह बजट में घोषित इस व्यवस्था के लिए अपनी प्रणाली को तीन माह में तैयार कर लेगा।
यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय ने पीटीआई-भाषा से कहा कि प्राधिकरण की प्रणाली को इस सुविधा के लिए तैयार किया जा रहा है और अनिवार्य विधायी कदमों को जल्द अधिसूचित कर दिया जाएगा। इसके लिए प्रणाली तीन माह के भीतर तैयार हो जाएगी।
पांडेय ने कहा, ‘‘हम उपयुक्त प्रौद्योगिकी बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं और हम एक ‘मिलने का समय’ तय करने की सुविधा भी उपलब्ध कराएंगे ताकि देश से बाहर रह रहे लोग भी एक तय समय, नियत जगह की मांग कर सकें ताकि वे जैसे ही भारत आएं जल्द से जल्द आसानी से अपने आधार को बनवा सकें।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पांच जुलाई के बजट भाषण में घोषणा की थी, ‘‘ मैं भारतीय पासपोर्ट धारक प्रवासी भारतीयों को उनके देश आने पर 180 दिन की सीमा के बगैर आधार कार्ड जारी करने का प्रस्ताव करती हूं।’’ इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को एक अधिसूचना जारी करनी होगी जिसका अभी इंतजार है।
इस बीच यूआईडीएआई ने भोपाल और चेन्नई में हाल ही में दो और आधार सेवा केंद्रों को शुरू कर दिया है। उसका लक्ष्य आने वाले महीनों में देश में ऐसे कुल 114 सेवा केंद्र शुरू का है।
आधार सेवा केंद्र को पासपोर्ट सेवा केंद्र की तर्ज पर ही खोला जाएगा। इसमें देशभर के 53 शहरों में यह सेवा शुरू की जाएगी जिस पर 300 से 400 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है।
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