बुधवार, 19 जून 2019

एमएसएमई को लेकर बनी सिन्हा समिति ने रिजर्व बैंक को सौंपी रिपोर्ट


रिजर्व बैंक ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) क्षेत्र पर सुझाव देने के लिये बनी विशेषज्ञ समिति ने गवर्नर शक्तिकांत दास को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

आठ सदस्यों वाली यह समिति भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व चेयरमैन यू.के.सिन्हा की अगुवाई में जनवरी में गठित की गयी थी। 

समिति को एमएसएमई क्षेत्र के लिये बनी रूपरेखा की समीक्षा करने तथा इस क्षेत्र के लिये आर्थिक एवं वित्तीय टिकाऊपन को लेकर दीर्घकालिक निदान सुझाने का काम दिया गया था। इसके साथ ही क्षेत्र पर हाल के आर्थिक सुधारों के प्रभाव का अध्ययन करने तथा क्षेत्र की वृद्धि पर प्रभाव डालने वाली संरचनात्मक समस्याओं की पहचान करने के लिये भी समिति को कहा गया था। 

पीटीआई ने मंगलवार को गलती से यह समाचार प्रसारित कर दिया था कि समिति का गठन 18 जून को किया गया। जबकि वास्तव में 18 जून को समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की।

रिजर्व बैंक ने बयान जारी कर कहा कि समिति ने विभिन्न संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श के बाद गवर्नर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। 

केन्द्रीय बैंक ने हालांकि, इस रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक नहीं किया है। 

समिति को एक काम यह भी दिया गया था कि उन तथ्यों का परीक्षण किया जाये जो कि एमएसएमई को समय पर और पर्याप्त मात्रा में वित्तपोषण उपलब्धता को प्रभावित करते हैं। 

समिति के सदस्यों में एमएसएमई विकास आयुक्त राम मोहन मिश्रा, वित्तीय संवाओं के विभाग में संयुक्त सचिव पंकज जैन, स्टेट बैंक प्रबंध निदेशक पी.के. गुप्ता, आईसीआईसीआई बैंक कार्यकारी निदेशक अनूप बाग्ची, आईआईएम- अहमदाबाद प्रोफेसर अभिमान दास, स्पिरिट फांउडेशन संस्थापक शरद शर्मा और द्वारा ट्रस्ट चेयरपर्सन बिंदु अनंत शामिल हैं। 



(साभार: पीटीआई भाषा)

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


Plz Follow Me on: 

सामान खरीदने से पहले कीमत देखते हैं, फिर शेयर खरीदने से पहले भी कुछ देखिये

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें