बुधवार, 15 मई 2019

स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने आर्सेलरमित्तल के साथ गोपनीय बातचीत के लिए एस्सार स्टील सीओसी की आलोचना की


स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने एस्सार स्टील की ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) द्वारा आर्सेलरमित्तल के साथ ‘गोपनीय’ वार्ता करने के लिए आलोचना की है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड का कहना है कि यह ‘गैरकानूनी’ है जिसकी वजह से बोली की राशि कम हो गई और उनका हित प्रभावित हुआ। 

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष दलील रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस गोपनीय बातचीत को ‘घोटाला’ करार दिया जिससे ओड़िशा स्लरी पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर लि. के कर्जदाताओं को 42,000 करोड़ रुपये में से 2,500 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। आर्सेलर मित्तल ने एस्सार स्टील के अधिग्रहण को लेकर 42,000 करोड़ रुपये की बोली लगायी है।

उन्होंने कहा कि कोर कमेटी (सीओसी) और आर्सेलर मित्तल इंडिया के बीच गोपनीय वार्ता गैरकानूनी थी जिससे सभी कर्जदाताओं को नुकसान हुआ।

स्टैनचार्ट ने एनसीएलएटी के समक्ष आवेदन देकर आरोप लगाया कि कर्जदाताओं की समिति ने उसके साथ भेदभाव किया क्योंकि उसे एस्सार स्टीज की समाधान योजना के तहत कुल बकाये का केवल 1.7 प्रतिशत की पेशकश की गयी जबकि दूसरे सीओसी के दूसरे कर्जदाताओं को उनके बकाये का 85 प्रतिशत मिला।

चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह फैसला सुनाने के लिये इस महीने सुनवाई को पूरी कर लेंगे।

सुनवाई बुधवार को जारी रहेगी।


(साभार: पीटीआई भाषा)

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