इस साल होने वाले आम चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार ने शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट में किसानों को सालाना छह हजार रुपये देने और पशुपालन से संबंधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आबंटन बढ़ाने सहित किसानों के हित में कई घोषणाएं की।
केंद्रीय वित्त मत्री पीयूष गोयल ने संसद में वित्त वर्ष 2019-2020 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की शुरूआत की है।
गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। यह राशि 2,000-2,000 की तीन किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।
इस कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार धन उपलब्ध कराएगी।
बकौल गोयल इस कार्यक्रम से लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लाभान्वित होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम एक दिसंबर, 2018 से लागू किया जाएगा और 31 मार्च, 2019 तक की अवधि के लिए पहली किस्त का इसी वर्ष के दौरान भुगतान कर दिया जाएगा।
गोयल ने अपने भाषण में कहा कि इस कार्यक्रम पर 75,000 करोड़ रुपये का वार्षिक खर्च आयेगा।
उन्होंने कहा कि पीएम-किसान अधिकांश छोटे किसान परिवारों को न केवल निश्चित पूरक आय उपलब्ध कराएगा बल्कि विशेष रूप से फसल कटाई सीजन से पूर्व किसानों की आकस्मिक जरूरतों को भी पूरा करने में मदद करेगा। पीएम-किसान, किसानों के लिए एक सम्मानित जीवन अर्जित और जीने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इसके अलावा सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आबंटन बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये कर दिया।
गोयल ने कहा, “मैं राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की स्थापना की घोषणा करता हूं। इससे गाय संसाधनों का सतत अनुवांशिक उन्नयन करने और गायों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी रूप से लागू करने की भी देखभाल करेगा।”
इसके अलावा मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के बारे में सतत ध्यान केंद्रित करने के लिए सरकार ने अलग से मत्स्य पालन विभाग का सृजन करने का निर्णय किया है।
गोयल ने कहा कि पिछले बजट में राजग सरकार ने पशुपालक और मत्स्य पालक किसानों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना (केसीसी) का विस्तार करने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा, “अब मैं किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्य पालन की गतिविधियां चला रहे किसानों के लिए दो प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ देने का प्रस्ताव करता हूं। इसके अलावा ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर उन्हें तीन प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जाएगी।”
कृषि क्षेत्र में संकट से निपटने के लिए गोयल ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए भी दो प्रतिशत की ब्याज सहायता की घोषणा की, जबकि समय पर ऋण भुगतान के लिए उन्हें भी तीन प्रतिशत अधिक सहायता की पेशकश की गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने 22 अधिसूचित फसलों के लिए उत्पादन की लागत से 50 प्रतिशत अधिक मूल्य पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया है।
खेती की लागत को पूरा करने के लिए गरीब, भूमिहीन किसानों को व्यवस्थित आय सहायता देने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार खानाबदोश जनजातियों के उत्थान के लिए विशेष रणनीति भी लागू करेगी।
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें