मंगलवार, 9 अक्तूबर 2018

Sovereign Gold Bond: अक्टूबर 2018 से फरवरी 2019 तक बांड कब-कब जारी होंगे, डीटेल्स जानें

सॉवरेन गोल्‍ड बांड योजना 2018-19
भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से सॉवरेन गोल्‍ड बांड 2018-19 जारी करने का निर्णय लिया है। अक्‍टूबर 2018 से लेकर फरवरी 2019 तक हर महीने सॉवरेन गोल्‍ड बांड जारी किए जाएंगे। ये बांड निम्‍नलिखित कैलेंडर के अनुसार जारी किए जाएंगे :

क्रसं.
सीरीजखरीदने के लिए आवेदन की अवधिबांड जारी करने की तिथि
12018-19 सीरीज II15-19 अक्‍टूबर,  201823 अक्‍टूबर, 2018
22018-19 सीरीज III05-09 नवम्‍बर, 201813 नवम्‍बर, 2018
32018-19 सीरीज IV24-28 दिसंबर, 201801 जनवरी, 2019
42018-19 सीरीज V14–18 जनवरी, 201922 जनवरी, 2019
52018-19 सीरीज VI04-08 फरवरी, 201912 फरवरी, 2019

बांडों की बिक्री बैंकों, स्‍टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों जैसे कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज लिमिटेड के जरिए की जाएगी। बांड की खूबियों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:
क्र.सं.
मद
विवरण
1उत्‍पाद का नाम
सॉवरेन गोल्‍ड बांड 2018-19
2जारी करना
भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाएंगे।
3पात्रता
बांडों की बिक्री विभिन्‍न व्‍यक्तियोंहिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्‍ट, विश्‍वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्‍थानों जैसे निवासी निकायों तक ही सीमित रहेगी।
4मूल्‍य वर्ग
बांडों को 1 ग्राम की बुनियादी इकाई के साथ सोने के ग्राम संबंधी गुणक में अंकित किया जाएगा।
5अवधि
बांड की अवधि 8 साल होगी और पांचवें, छठे एवं सातवें साल में इससे बाहर निकलने का विकल्‍प रहेगा, जिसका इस्‍तेमाल ब्‍याज भुगतान की तिथियों पर किया जा सकता है।
6न्‍यूनतम आकार
न्‍यूनतम स्‍वीकार्य सीमा 1 ग्राम सोना है।
7अधिकतम सीमा
खरीदने की अधिकतम सीमा व्‍यक्तियों के लिए 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए भी 4 किलोग्राम और ट्रस्‍ट एवं इसी तरह के निकायों के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) होगी, जिसके बारे में सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किया जाता है। इस आशय की एक स्‍व-घोषणा पत्र प्राप्‍त करना होगा। वार्षिक सीमा में सरकार द्वारा आरंभिक निर्गमन के दौरान विभिन्‍न सीरीज के तहत खरीदे गए बांड और द्वितीयक बाजार से खरीदे गए बांड भी शामिल होंगे।
8संयुक्‍त धारक
संयुक्‍त रूप से धारण किए जाने की स्थिति में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा केवल प्रथम आवेदक पर लागू होगी।  
9निर्गम मूल्‍य या इश्‍यू प्राइस
बांड का मूल्‍य भारतीय रुपये में तय किया जाएगा जो अभिदान अवधि से ठीक पिछले सप्‍ताह के अंतिम 3 कार्य दिवसों पर 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्‍य के सामान्‍य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। स्‍वर्ण बांड का निर्गम मूल्‍य उन लोगों के लिए प्रति ग्राम 50 रुपये कम होगा जो इसकी खरीदारी ऑनलाइन करेंगे और इसका भुगतान डिजिटल मोड के जरिए करेंगे।
10भुगतान का विकल्‍प
बांड का भुगतान या तो नकद अदायगी (अधिकतम 20,000 रुपये तक) अथवा डिमांड ड्राफ्ट या चेक अथवा इलेक्‍ट्रॉनिक बैंकिंग के जरिए की जा सकेगी।
11निर्गमन फॉर्म
स्‍वर्ण बांडों को जीएस अधिनियम, 2006 के तहत भारत सरकार के स्‍टॉक के रूप में जारी किया जाएगा। निवेशकों को इसके लिए एक धारण (होल्डिंग) प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। बांडों को डिमैट स्‍वरूप में बदला जा सकेगा।
12विमोचन मूल्‍य
विमोचन मूल्‍य भारतीय रुपये में होगा जो 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्‍य के पिछले 3 कार्य दिवसों के सामान्‍य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा किया जाएगा।
13बिक्री का माध्यम
बांडों की बिक्री बैंकोंस्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल)नामित डाकघरों (जिन्‍हें अधिसूचित किया जा सकता है) और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉ‍क एक्सचेंज लिमिटेड के जरिए या तो सीधे अथवा एजेंटों के जरिए की जाएगी।
14ब्‍याज दर
निवेशकों को प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत की निश्चित दर से मुआवजा दिया जाएगाजो अंकित मूल्‍य पर हर छह महीने में देय होगा।
15जमानत या गारंटी के रूप में 
बांडों का उपयोग ऋणों के लिए जमानत या गारंटी के रूप में किया जा सकता है। ऋण-मूल्‍य (एलटीवी) अनुपात को साधारण स्‍वर्ण ऋण के बराबर तय किया जाएगा जिसके बारे में रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर अधिदेश जारी किया जाएगा। बांडों पर स्‍वत्व अथवा वैध अधिकार को डिपोजिटरी अथवा अधिकृत बैंकों द्वारा चिन्हित किया जाएगा। सॉवरेन गोल्‍ड बांड (एसजीबी) पर ऋण देने का निर्णय कर्जदाता बैंक/संस्‍थान द्वारा लिया जाएगा और इसे एसजीबी धारक का अधिकार नहीं माना जा सकता है।
16केवाईसी दस्‍तावेज
अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी)’ से जुड़े मानक वही होंगे जो भौतिक या ठोस रूप में सोने की खरीदारी के लिए तय किए गए हैं। केवाईसी दस्‍तावेज जैसे कि वोटर आईडी, आधार कार्ड/पैन अथवा टैन/ पासपोर्ट की आवश्‍यकता होगी। प्रत्‍येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशकों को जारी स्‍थायी खाता संख्‍या (पैन) की प्रति भी अवश्‍य संलग्‍न की जानी चाहिए।
17टैक्‍स देनदारी
आयकर अधिनियम, 1961 (43, 1961) के प्रावधान के अनुसार, स्‍वर्ण बांड पर प्राप्‍त होने वाले ब्‍याज पर टैक्‍स अदा करना होगा। किसी भी व्‍यक्ति को एसजीबी के विमोचन पर होने वाले पूंजीगत लाभ को कर मुक्‍त कर दिया गया है। बांड के हस्‍तांतरण पर किसी भी व्‍यक्ति को प्राप्‍त होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन या मूल्‍य सूचकांक से जोड़ने के कारण टैक्‍स भार कम करने संबंधी फायदे भी मिलेंगे।
18ट्रेडिंग पात्रता
किसी भी निर्धारित तिथि पर बांड जारी होने के एक पखवाड़े के भीतर बांडों की ट्रेडिंग स्‍टॉक एक्‍सचेंजो पर हो सकेगी, जैसा कि आरबीआई द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। 
19 एसएलआर संबंधी पात्रता
स्‍वत्व अथवा वैध अधिकार/ बंधक/गिरवी का उपयोग करने की प्रक्रिया के जरिए बैंकों द्वारा हासिल किए गए बांडों की गिनती वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) के संदर्भ में की जाएगी। 
20कमीशन
बांडों के वितरण पर कमीशन प्राप्‍तकर्ता कार्यालयों को हासिल होने वाले प्रति 100 रुपये के अभिदान पर 1 रुपये की दर से दिया जाएगा और प्राप्‍तकर्ता कार्यालय इस तरह से हासिल होने वाले प्रति 100 रुपये के कमीशन पर कम से कम 50 पैसे को उन एजेंटों अथवा उप-एजेंटों के साथ साझा करेंगे जिनके जरिए संबंधित बिजनेस या कारोबार हासिल किया गया है।  

(Source: pib.nic.in)

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