वर्ष 2018-19 के तृतीय द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के लिए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक आज से शुरू हो रही है और 1 अगस्त 2018 तक चलेगी। एमपीसी ब्याज दर पर क्या फैसला लेती है, इसकी जानकारी 1 अगस्त 2018 को दोपहर 2.30 बजे पता चलेगा। इससे पहले रिजर्व बैंक ने 4,5 और 6 जून की बैठक में मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार ब्याज दर में इजाफा किया गया था। रेपो रेट में चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी।
मौजूदा प्रमुख दरें:
-रेपो रेट : 6.25%
-रिवर्स रेपो रेट : 6.00%
-मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSF): 6.50%
-बैंक रेट : 6.50%
-कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) : 4%
-एसएलआर : 19.5%
-बेस रेट : 8.75 - 9.45%
-MCLR (Overnight) : 7.90% -8.05%
-Savings Deposit Rate : 3.50% - 4.00%
-Term Deposit Rate > 1 Year: 6.25% - 7.00%
>30,31 जुलाई, 1 अगस्त की बैठक में क्या है संभावनाएं:
आज से शुरु हो रही बैठक के बारे में कुछ जानकारों का मानना है कि ब्याज दर स्थिर रखी जा सकती है, जबकि कुछ का मानना है कि बढ़ोतरी की जा सकती है। ब्याज दर में कमी की उम्मीद तो नहीं जताई जा रही है।
जो जानकार ब्याज दर में बढ़ोतरी का अनुमान जता रहे हैं वो कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी का रुझान, महंगाई दर में इजाफा और डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही गिरावट को वजह मान रहे हैं। अभी महंगाई दर रिजर्व बैंक के मध्यम अवधि के लक्ष्य 4% से ऊपर चल रही है और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट से महंगाई दर पर और दबाव पड़ने की आशंका है। जानकारों का साथ ही ये भी कहना है विकास दर ठीक-ठाक है, ऐसे में रेपो रेट में 0.25 % की बढ़ोतरी मुमकिन है।
जून में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित महंगाई दर 5.77% दर्ज की गई, जो कि दिसंबर 2013 के बाद सबसे अधिक है, जबकि खुदरा मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित महंगाई दर 5 % दर्ज की गई। हालांकि, जुलाई में महंगाई दर में कमी संभव है, क्योंकि करीब 80 वस्तुओं के जीएसटी में कमी की गई है। लेकिन, कृषि उपजों के एमएसपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बढ़ोतरी की घोषणा से महंगाई दर पर दबाव बढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है।
अगर ब्याज दर बढ़ती है तो लोन और महंगे होंगे, जबकि एफडी करने वालों को फायदा होगा।
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